रानीवाड़ा! तहसील क्षेत्र के भोमिया समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर हर्षवाड़ा में मंगलवार रात को जानलेवा हमले के आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की है। सांचौर के पूर्व प्रधान प्रतापसिंह ने बताया कि मंगलवार रात को हर्षवाड़ा गांव में कुछ लोगों ने सुनियोजित ढंग से भोमिया समाज के कुछ लोगों पर कातिलाना हमला किया, जिससे कुछ लोगों को गंभीर चोटे लगी। घायल इलाज के लिए गुजरात के चिकित्सालय में भर्ती हैं। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई प्रकार की कार्यवाही नहीं की है। इस दौरान पूर्व उपप्रमुख हड़मतसिंह भोमिया, मोहब्बतसिंह गुंदाऊ, जवाहरसिंह पाल, रावतसिंह सहित कई लोग उपस्थित थे।
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Friday, 11 June 2010
Monday, 7 June 2010
इसी माह यात्री गाड़ी शुरू होने की जगी आस
रानीवाड़ा
समदडी-भीलड़ी ब्रॉडगेज पर यात्री गाड़ी शुरू करवाने की राजनीतिक कवायद शुरू हो गई है। जिले के कांग्रेस नेता यात्री गाड़ी शुरू करवाने को लेकर गुरुवार को रेल राज्य मंत्री मुन्नीयप्पा से दिल्ली में जाकर मिले। मंत्री ने अतिशीघ्र भीलड़ी-समदड़ी टै्रक पर यात्री गाड़ी शुरू करने का आश्वासन दिया है। जानकारी के मुताबिक, समदड़ी-भीलड़ी आमान परिवर्तन के बाद पांच माह से मालगाडिय़ों का परिवहन हो रहा है। इस ट्रैक पर गत पांच माह से काफी तादाद में रोजाना मालगाडिय़ा चल रही है। जिले के लोगों व आप्रवासियों की मांग पर जिले के कांग्रेस नेता प्रदेश सचिव पुखराज पाराशर, रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी, जालोर विधायक रामलाल मेघवाल सहित कई नेताओं ने नई दिल्ली जाकर रेल राज्य मंत्री मुन्नीयप्पा से मिले। नेताओं ने इस इस ट्र्रैक पर अतिशीघ्र यात्री गाडिय़ां शुरू करने का निवेदन किया। उनके निवेदन पर रेल राज्य मंत्री ने तुरंत रेल विभाग के आलाधिकारियों को मंत्री निवास पर बुलाकर वस्तु स्थिति की जानकारी ली। बाद में उन्होंने अधिकारियों को सभी तैयारियां होने के उपरांत यात्री गाड़ी शुरू नहीं करवाने पर नाराजगी जताते हुए तुरंत सीआरएस की ओर से अंतिम निरीक्षण के लिए निर्देशित किया। साथ ही जून के अंतिम सप्ताह तक किसी भी सूरत में यात्री गाड़ी शुरू करने का आश्वासन दिया। जिले के लोगों ने कांग्रेस नेताओं के द्वारा दिल्ली जाकर इस मुद्दे को गंभीरता से मंत्री के सामने उठाने पर आभार जताया है। कई आप्रवासी बंधुओं ने भी कांग्रेस नेताओं को सीआरएस विषय पर संवेदनशीलता बरतने पर तहेदिल से धन्यवाद दिया है।
इनका कहना है
मंत्रीजी ने जून माह में ही सीआरएस की ओर से अंतिम निरीक्षण पूरा करवाने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए है। इस मुद्दे को लेकर मंत्रीजी 9 जून को जयपुर में आकर रेल विभाग के अधिकारियों से मिटिंग करेंगे। ऐसी आशा है कि जून माह के अंतिम सप्ताह में यात्री गाडिय़ां पटरियों पर दौडऩी शुरू हो जाएगी।
- रतन देवासी, विधायक, रानीवाड़ा जालोर
समदडी-भीलड़ी ब्रॉडगेज पर यात्री गाड़ी शुरू करवाने की राजनीतिक कवायद शुरू हो गई है। जिले के कांग्रेस नेता यात्री गाड़ी शुरू करवाने को लेकर गुरुवार को रेल राज्य मंत्री मुन्नीयप्पा से दिल्ली में जाकर मिले। मंत्री ने अतिशीघ्र भीलड़ी-समदड़ी टै्रक पर यात्री गाड़ी शुरू करने का आश्वासन दिया है। जानकारी के मुताबिक, समदड़ी-भीलड़ी आमान परिवर्तन के बाद पांच माह से मालगाडिय़ों का परिवहन हो रहा है। इस ट्रैक पर गत पांच माह से काफी तादाद में रोजाना मालगाडिय़ा चल रही है। जिले के लोगों व आप्रवासियों की मांग पर जिले के कांग्रेस नेता प्रदेश सचिव पुखराज पाराशर, रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी, जालोर विधायक रामलाल मेघवाल सहित कई नेताओं ने नई दिल्ली जाकर रेल राज्य मंत्री मुन्नीयप्पा से मिले। नेताओं ने इस इस ट्र्रैक पर अतिशीघ्र यात्री गाडिय़ां शुरू करने का निवेदन किया। उनके निवेदन पर रेल राज्य मंत्री ने तुरंत रेल विभाग के आलाधिकारियों को मंत्री निवास पर बुलाकर वस्तु स्थिति की जानकारी ली। बाद में उन्होंने अधिकारियों को सभी तैयारियां होने के उपरांत यात्री गाड़ी शुरू नहीं करवाने पर नाराजगी जताते हुए तुरंत सीआरएस की ओर से अंतिम निरीक्षण के लिए निर्देशित किया। साथ ही जून के अंतिम सप्ताह तक किसी भी सूरत में यात्री गाड़ी शुरू करने का आश्वासन दिया। जिले के लोगों ने कांग्रेस नेताओं के द्वारा दिल्ली जाकर इस मुद्दे को गंभीरता से मंत्री के सामने उठाने पर आभार जताया है। कई आप्रवासी बंधुओं ने भी कांग्रेस नेताओं को सीआरएस विषय पर संवेदनशीलता बरतने पर तहेदिल से धन्यवाद दिया है।
इनका कहना है
मंत्रीजी ने जून माह में ही सीआरएस की ओर से अंतिम निरीक्षण पूरा करवाने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए है। इस मुद्दे को लेकर मंत्रीजी 9 जून को जयपुर में आकर रेल विभाग के अधिकारियों से मिटिंग करेंगे। ऐसी आशा है कि जून माह के अंतिम सप्ताह में यात्री गाडिय़ां पटरियों पर दौडऩी शुरू हो जाएगी।
- रतन देवासी, विधायक, रानीवाड़ा जालोर
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक
रानीवाड़ा
युवा कांग्रेस के सदस्यता अभियान की प्रक्रिया के बाद होने वाले चुनावों में संभावित प्रत्याशियों की चयन को लेकर लोकसभा क्षेत्र के रिर्टनिंग अधिकारी प्रणय शुक्ला ने रविवार को कस्बे के युवा कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक ली। एलआरओ शुक्ला ने बताया कि राजस्थान प्रदेश के सदस्यों की सूची इंटरनेट पर जारी कर दी गई है। अब सूची की स्क्रीनिंग चल रही है। 12 जून के बाद कोई भी सदस्य इंटरनेट से बार कोड की रसीद जांच कर सकता है, अगर कोई प्रकार की गलती हो तो वह सदस्य एलआरओ से संपंर्क कर इस गलती को दूरस्त करवा सकता है। शुक्ला ने बताया कि संगठन में लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव करवाए जा रहे हैं। जो कि युवा महासचिव राहुल गांधी की विचारधारा का अनुसरण है। बैठक में रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के एईओ परसराम ढाका, सांचौर एईओ बाबूलाल विश्नोई, जिला महासचिव गंगाराम खींचड, मोहनलाल मांजू, हरीराराम खिलेरी, बाबूलाल पंडित, अंबालाल और कृष्णकुमार पुरोहित सहित कई जने उपस्थित थे।
Sunday, 6 June 2010
अतिक्रमण की चपेट में सुकल नदी
किसी समय अच्छी बारिश और जलस्रोतों में पर्याप्त पानी होने से क्षेत्र कभी बहुफसली इलाके के रूप में विख्यात मारवाड़ का कश्मीर सुणतर क्षेत्र अब सूखे का दंश झेल रहा है। सूखे के हालात और औसत से कम बारिश के चलते यहां बहने वाली बारहमासी सुकल नदी तट के आसपास का क्षेत्र फसल तो दूर बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। क्षेत्र के लगभग सभी गांव लघु नदियों के किनारे बसे हुए हैं। पूर्व में सामान्य बरसात होने से हर वर्ष नदी में पानी की आवक रहने से आसपास के किनारों पर आबाद सैकड़ों की संख्या में कृषि कुएं पानी से लबालब रहते थे। खरीफ की फसल लेने के बाद यहां पर जीरा, रायड़ा, गेहूं, इसबगोल आदि भरपूर फसलें होती थीं। अब कुएं सूख जाने एवं प्रकृति में बदलाव आने से बहुफसली तो दूर एक फसल भी किसानों को नसीब नहीं हो रही है।
सुकल बचाओ
सुकल नदी से क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध होता था। नदी में पानी नहीं आने से कुएं सूख गए। अब यहां के किसान सुकल नदी में पानी का प्रवाह बरकरार रखने के लिए लामबद्ध होने लगे है। नदी में सैकड़ों बीघा भूमि पर प्रभावशाली लोगों ने कथित पेटा कास्त आवंटन के नाम पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिससे नदी में जल का प्रवाह रुक गया है। दर्जनों गांवों के लोगों के हलक भी इसी नदी के पानी से तर हो रहे हंै। नदी किनारे भाटवास गांव से पाइपलाइन से रानीवाड़ा में पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। ऐसे में नदी को संरक्षित नहीं किया गया तो भविष्य में लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
नदी को समय रहते अतिक्रमण से बचाया नहीं गया तो ऐतिहासिक सुकल नदी लुप्त हो जाएगी। सरकार को इस मामले को गंभीरता लेते हुए कार्रवाई करनी होगी।
- कृष्णकुमार पुरोहित, किसान, रोड़ा
क्षेत्र की जीवन रेखा सुकल नदी ही है। इस नदी के कारण ही क्षेत्र में थोड़ी बहुत हरियाली बची है। सरकार इस नदी को संरक्षित कर जल प्रवाह को बचाने के लिए उपाय करे तो नदी एक बार फिर पुराने स्वरूप में आ सकती है।
- बाबूलाल चौधरी, सरपंच ग्राम पंचायत, बडग़ांव
कम बारिश के चलते क्षेत्र की एक मात्र बारहमासी सुकल नदी का अस्तित्व भी अब खतरे में है। कभी कल कल कर बहने वाली यह नदी निरंतर अपना वजूद खोती जा रही है। जगह-जगह बांध बनने से पानी की आवक बंद हो गई, वहीं बड़ी तादात में कृषि कुंए खुद जाने व पानी का अत्यधिक दोहन होने से भू-जल स्तर भी रसातल पहुंच गया है।
सुकल बचाओ
सुकल नदी से क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध होता था। नदी में पानी नहीं आने से कुएं सूख गए। अब यहां के किसान सुकल नदी में पानी का प्रवाह बरकरार रखने के लिए लामबद्ध होने लगे है। नदी में सैकड़ों बीघा भूमि पर प्रभावशाली लोगों ने कथित पेटा कास्त आवंटन के नाम पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिससे नदी में जल का प्रवाह रुक गया है। दर्जनों गांवों के लोगों के हलक भी इसी नदी के पानी से तर हो रहे हंै। नदी किनारे भाटवास गांव से पाइपलाइन से रानीवाड़ा में पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। ऐसे में नदी को संरक्षित नहीं किया गया तो भविष्य में लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
नदी को समय रहते अतिक्रमण से बचाया नहीं गया तो ऐतिहासिक सुकल नदी लुप्त हो जाएगी। सरकार को इस मामले को गंभीरता लेते हुए कार्रवाई करनी होगी।
- कृष्णकुमार पुरोहित, किसान, रोड़ा
क्षेत्र की जीवन रेखा सुकल नदी ही है। इस नदी के कारण ही क्षेत्र में थोड़ी बहुत हरियाली बची है। सरकार इस नदी को संरक्षित कर जल प्रवाह को बचाने के लिए उपाय करे तो नदी एक बार फिर पुराने स्वरूप में आ सकती है।
- बाबूलाल चौधरी, सरपंच ग्राम पंचायत, बडग़ांव
कम बारिश के चलते क्षेत्र की एक मात्र बारहमासी सुकल नदी का अस्तित्व भी अब खतरे में है। कभी कल कल कर बहने वाली यह नदी निरंतर अपना वजूद खोती जा रही है। जगह-जगह बांध बनने से पानी की आवक बंद हो गई, वहीं बड़ी तादात में कृषि कुंए खुद जाने व पानी का अत्यधिक दोहन होने से भू-जल स्तर भी रसातल पहुंच गया है।
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