Hot News अभी - अभी

रतनपुर में गाय पर हमला करने वाले युवक गिरफ्तार, रानीवाडा उपखंड की ताजा खबरों के आपका स्वागत।।

Friday 9 April 2010

मुआवजा राशि में भेदभाव का आरोप लगाया

रानीवाड़ा
खरीफ की फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिए जा रहे मुआवजा राशि को लेकर किसानों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है। पंचायत समिति सदस्य सायतीदेवी विश्नोई ने बताया मौखातरा गांव में दर्जनों किसानों के साथ भेदभाव कर मुआवजे से वंचित किया गया है। इसी प्रकार रानीवाड़ा कस्बे के दो दर्जन किसानों ने गुरूवार को तहसीलदार खेताराम सारण से मिलकर अतिरिक्त सूची में नाम जुड़वाने की मांग की है। किसान भीखाराम मेघवाल ने बताया कि पटवारी द्वारा सर्वे सही नहीं कर पटवारघर में बैठ कर गिरदावरी भरी गई है। उन्होंने कहा कि सही मुआवजा राशि नहीं देने पर विरोध प्रर्दशन किया जाएगा।

ग्रामसेवकों ने दिया ज्ञापन

रानीवाड़ा पंचायत समिति में कार्यरत ग्रामसेवकों ने अपनी मांगों व समस्याओं के निस्तारण को लेकर गुरूवार को विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया है। संघ के जिला मंत्री भाणाराम श्रीमाली ने बताया कि छठे वेतन आयोग के लागु होने के बाद अभी तक उनका फिक्सेशन नहीं हो पाया है। नरेगा कार्यों की संशोधित स्वीकृतियां लंबे समय से लंबित हंै, जिससे उन कार्यों की राशि का समायोजन नहीं हो रहा है। श्रीमाली ने बताया कि इंदिरा आवास योजना के तहत लाभार्थी को सीधे खाते में राशि दी जाती है, इसलिए यूसी व सीसी की बाध्यताएं समाप्त की जाए। उन्होंने बताया कि समस्याओं का समाधान १५ दिवस में नहीं होने पर सांकेतिक धरना प्रर्दशन दिया जाएगा।

सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर

रानीवाड़ा & बामसेफ के ११ अप्रेल को जालोर मुख्यालय पर होने वाले प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में क्षेत्र से कई कार्यकर्ता भाग लेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में सम्मेलन को लेकर व्यापक तैयारियां चल रही हंै। जिसके तहत गुरूवार को राष्ट्रीय महासचिव सोमाराम कोटेड ने कई गांवों का दौरा किया। कस्बे के सांचौर सड़क मार्ग पर हुई बैठक में उन्होंने कहा कि ११ अप्रेल के सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम संबोधन देंगे। सम्मेलन में संगठन द्वारा चलाए जा रहे बजट जलाओ अभियान के तहत बजट की प्रतियां जलाई जाएगीं।

Thursday 8 April 2010

सड़क किनारे उगी कंटीली झाडियां

रानीवाड़ा। रानीवाड़ा से सांचौर जाने वाले मार्ग के दोनों तरफ घनी कंटीली झाडियां उग गई हैं। जिससे हादसे की आशंका बनी हुई है। टेक्सी चालक प्रकाश खिलेरी और आसुराम भाट ने बताया कि बबूल की झाडियों में से अचानक नीलगाय, सूअर और अन्य जानवर सड़क पर दौड़कर आ जाते हैं। ऎसी स्थिति मे वाहन चालक के संतुलन खोकर दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका रहती है।

झाडियों के कारण कई बार सामने से आ रहा वाहन भी नजर नहीं आता है। ग्रामीण रिड़मा भाट व वी.पी.सिंह का कहना है कि सड़क पर लगे दिशा सूचक बोर्ड भी धुंधले पड़ गए हैं। इन पर लगे चिह्न और गांवों के नाम तक मिट गए हैं। जिससे वाहन चालकों को संकेतों का पता नहीं चलने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Wednesday 7 April 2010

अधिकारों के लिए एकजुट हुए सरपंच

रानीवाड़ा!पंचायत समिति रानीवाड़ा की ग्राम पंचायतों के सरपंचों का स्नेह मिलन सेवाडिय़ा आपेश्वर शिव मंदिर में मंगलवार को हुआ। इस मौके सरपंच संघर्ष समिति पंचायत समिति रानीवाड़ा का गठन किया। इसमें कुड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच गणेशाराम देवासी को सर्वसम्मति से सरपंच संघ का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। संयोजक के रूप में हिम्मतसिंह सेवाड़ा, धामसीन सरपंच बलवंत पुरोहित व सिलासन सरपंच झमका कंवर को उपाध्यक्ष, महामंत्री पद पर भूराराम मेघवाल सरपंच गांग, सहीराम विश्नोई कोटड़ा को सचिव, करमीराम भील रानीवाड़ा खुर्द को सह सचिव, बाबुलाल चौधरी सरपंच बडग़ांव को कोषाध्यक्ष व मफाराम दर्जी सरपंच वणधर को सलाहकार सदस्य नियुक्त किया गया।

सरपंच संघर्ष समिति ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि जब तक टेण्डर प्रक्रिया बंद नहीं होगी, राशि आहरण का अधिकार पूर्व की भांति नहीं होगा व नई बीएसआर के अनुसार तकमीना नहीं बनाया जाएगा, तब तक योजनाओं व बैठकों का बहिष्कार किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में 6 अप्रेल से होने वाली ग्राम सभाओं का बहिष्कार किया जाएगा। संघर्ष समिति की अगली बैठक 1१ अप्रेल जालोर मुख्यालय पर रखी गई है।

गांवों को रोशनी का इंतजार

रानीवाड़ा
उपखंड क्षेत्र के कोटड़ा गांव की सौ से ज्यादा ढाणियां रोशनी के लिए तरस रही हंै। प्रदेश में कई मर्तबा सरकारें बदलीं, लेकिन क्षेत्र के खीचड़ों व कांवों की ढाणी की तकदीर वहीं की वहीं है। यहां आज भी बिजली के कनेक्शन नहीं है। इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार कलक्टर और विधायक सहित डिस्कॉम के अधिकारियों को भी अवगत करवाया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

इनका कहना है

ञ्चखीचड़ों व कांवों की ढाणी में अभी बिजली नहीं पहुंच पाई है। इसके लिए अब राजीव गांधी विद्युत योजना के तहत बिजली पहुंचाने के प्रयास जारी है। कुछ डिमांड जारी कर दिए गए हैं, शेष के डिमांड विद्युत सामग्री के उपलब्ध होने पर कर दिए जाऐंगे।

-तरूण खत्री, सहायक अभियंता, विद्युत निगम रानीवाड़ा

ञ्चढाणियों के साथ निगम सौतेला व्यवहार कर रहा है, सभी आवेदकों को एक साथ डिमांड जारी करना चाहिए। हम ५ वर्षो से रोशनी का इंतजार कर रहे हंै।

-फगलुराम खीचड़, पूर्व उपसरपंच, ग्राम पंचायत कोटड़ा

आसपास के गांव हैं जगमग

आलम यह है कि खीचड़ों व कांवों की ढाणी के आसपास के गांवों में बिजली की लाईन है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव से मात्र 3 किमी दूर कोटड़ा गांव, मौखातरा, करवाड़ा एवं मीरपुरा में बिजली आती है, लेकिन खीचड़ों व कांवों की ढाणी की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। इस कारण ग्रामीण परेशान रहते हैं। खीचड़ों व कांवों की ढाणी में करीब 70-80 घर बने हुए हैं, जिनमें से ५० जनों ने बिजली निगम में घरेलु विद्युत कनेक्शन के लिए ५ साल पहले आवेदन जमा करवा रखा है, लेकिन उनमें से अभी सिर्फ ७ ढाणियों के डिमांड जारी किए गए है। शेष अभी तक डिमांड का इंतजार ही कर रहे हंै।

Tuesday 6 April 2010

साहब बैठे नहीं और जर्जर हो गया भवन

रानीवाड़ा। रानीवाड़ा-मंडार मार्ग स्थित जेतपुरा बांध पर लाखों की लागत से निर्मित सहायक अभियंता भवन शुरू होने से पहले ही जर्जर हो गया। हालात यह है कि भवन के दरवाजे टूट गए हैं तथा साफ सफाई के अभाव में कचरे के ढेर लगे हैं।

दरअसल, जेतपुरा बांध का उद्घाटन वर्ष 1992 में सिंचाई मंत्री श्रीमती कमला देवी के कर कमलों से हुआ था। इस बांध से करीब 6 हजार हैक्टर जमीन सिचिंत करने का लक्ष्य था, लेकिन बांध बनने के बाद बारिश के अभाव में कभी डेड स्टोर यानी एक मीटर से ज्यादा कभी पानी नहीं आया।

बांध पर जल संसाधन विभाग की ओर से दो लाख 50 हजार रूपए की लागत से कार्यालय भवन बनाया था जो बांध में पानी नहीं आने के कारण शुरू ही नहीं हो पाया। इस कारण से विभाग ने इसकी सुध नहीं ली। वर्तमान में स्थिति यह है कि भवन न केवल जर्जर हो गया है, बल्कि कचरे से भी अटा पड़ा है। भवन में लगा लोहे का दरवाजा भी टूट गया है। वहीं प्रांगण में लगाए गए पौधे सूख रहे हैं। हालांकि बांध पर दो कर्मचारी तैनात है, लेकिन वे यहां कभी कभार ही नजर आते हैं।

बंदरों ने बिगाड़ा सौंदर्य
जेतपुरा बांध पर पांच लाख खर्च कर सौंदर्यकरण के लिए विभिन्न प्रकार की लाइटें लगाई गई थीं, जिन्हें बंदरों ने तोड़ दी। वहीं कई लाइटें गायब हैं। बताया जा रहा है कि समाजकंटक इन लाइटों को बल्ब सहित चुराकर ले गए।

जल संसाधन विभाग का भवन देखरेख के अभव में जर्जर हो रहा है। विभाग को इसे अन्य उपयोग में लेना चाहिए। भवन में पसरी गंदगी को हटवाने के लिए कर्मचारियों को अवगत कराया जाएगा।
- बलवन्त पुरोहित, सरंपच धामसीन

बांध में पानी की आवक नहीं होने के कारण कार्यालय को उपयोग में नहीं लिया गया।
- गुलाबसिंह, कनिष्ठ अभियंता, जल संसाधन विभाग, जेतपुरा

चौधरी को दी श्रद्धाजंलि

रानीवाड़ा & निकटवर्ती मेड़ा में पूर्व सरपंच धनाराम चौधरी के निधन पर ग्रामीणों ने शोकसभा का आयोजन किया। जिसमें चौधरी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर उनकी आत्मा को श्रद्धाजंली अर्पित की। इस अवसर पर पूर्व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष बाबूदीन मिस्त्री, रहमानभाई मुसला, लसाराम पुरोहित, बलदेव शर्मा, जसराज राठौड़ सहित कई लोग उपस्थित थे

कार्यशाला आज

रानीवाड़ा & पंचायत समिति सभा भवन में मंगलवार को कॉमन सर्विस सेंटर को लेकर कार्यशाला का आयोजन होगी। विकास अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय ई-शासन कार्यक्रम के तहत सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा राजकाम्प के माध्यम से संचालित कॉमन सर्विस सेंटर के बारे में कार्यशाला में सभी सरपंच, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, ग्रामसेवक व रोजगार सहायकों को जानकारी दी जाएगी। बाद में दोपहर २.३० बजे ग्रामसेवकों की अलग से बैठक का आयोजन कर नरेगा योजना की प्रगति को लेकर चर्चा की जाएगी।

Monday 5 April 2010

अब महिलाएं भी बनेंगी राशन डीलर

रानीवाड़ा
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खुलने वाली राशन की दुकानों पर अब महिलाओं का भी हक होगा। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त व स्वावलम्बी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके लिए सहकारिता विभाग की रिद्धि-सिद्धि योजना के तहत संचालित महिला सहकारी समितियां अब राशन विक्रय करने के लिए उचित मूल्य की दुकान संभालेगी। इस संबंध में राज्य सरकार ने रसद विभाग को भी आदेश जारी किए हंै। रसद विभाग के अनुसार इन समितियों को शीघ्र ही राशन उपलब्ध करा दिया जाएगा। निर्धारित मापदण्ड पूरे करने के बाद राज्य सरकार की ओर से इन समितियों को एक लाख रुपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा।

सात महिला समितियों को दिए प्राधिकार पत्र : रसद विभाग ने राशन की दुकान के लिए ७ महिला सहकारी समितियों को प्राधिकार पत्र जारी कर दिए हैंं। अप्रेल से यह काम करना शुरू कर देंगी। इसमें मालवाड़ा व रानीवाड़ा की दो महिला समितिया भी शामिल हंै। जानकारी के अनुसार जिले की ७ महिला सहकारी समितियों के प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भिजवाए गए थे। इसमें खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले के प्रमुख शासन सचिव ने ७ समितियों की स्वीकृति प्रदान कर इन्हें दुकान आवंटित करने के आदेश जारी कर दिए हंै।

दुकानों में से मिलेगा हिस्सा

जिले में संचालित ३६८ राशन की दुकानों में से इन समितियों को आधा भाग राशन की दुकान के लिए दिया जाएगा। यदि कहीं एक उचित मूल्य की दुकान है तो उसमें इस महिला सहाकारी समिति का हिस्सा होगा, यदि दो है तो दुकान का तीसरा हिस्सा समिति के लिए होगा।

-राज्य ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए यह कार्य शुरू किया है। इसमें सहकारी विभाग की महिला सहकारी समितियो को लिया गया है। सात समितियों की स्वीकृति मिल चुकी है। रसद विभाग ने इन समितियों को लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं।

-पुष्पराज पालीवाल, प्रर्वतन निरीक्षक, जालोर

दाउदी बोहरा समाज ने मनाई धर्मगुरु की सालगिरह

भास्कर न्यूज & रानीवाड़ा निकटवर्ती बडग़ांव कस्बे में दाउदी बोहरा समाज के धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुराहानुद्दीन की 99वीं सालगिरह के अवसर पर समुदाय के लोगों ने शनिवार शाम को शाही जुलूस निकाला और धर्मगुरु की उम्रदराजी की कामना की। इस मौके परशाम को मस्जिद में आमिल शेख खोजेमा भाई की सदारत में खुशी की मजलिस हुई।

शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे मस्जिद से शाही जुलूस निकाला गया। बैंडबाजों की धुन के साथ आमिल की सदारत में निकाले गए जुलूस में सबसे आगे युवक थे। वहीं बच्चे भी मजहबी लिबास पहने हुए थे। समुदाय के लोग सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन जिन्दाबाद के नारे लगा रहे थे। समुदाय के युवकों ने जुलूस के दौरान मार्ग में जगह-जगह जमकर आतिशबाजी भी की तथा लोगों को टॉफियां भी बांटी। जुलूस में बुरहानुद्दीन के नेतृत्व में निकले मोहम्मदी गार्ड स्काउट का बंैड आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। जुलूस मामा कॉलोनी, पुराना बस स्टैंड, धामसीन चौराहा, मार्केट, सुरजकुड़ अस्पताल तिराहा होते हुए मस्जिद पहुंचा।

सुंदरकांड पाठ में उमड़े श्रद्धालु

रानीवाड़ा& मानवता के कल्याण के लिए अनवरत चलने वाले सुंदरकांड के पाठ का आयोजन शनिवार को पाल गांव में किया गया। संगीतमय पाठ के आयोजन से पाल गांव में वातावरण पूर्ण धर्ममय हो गया। गांव के पुरुषों, महिलाओं व बच्चों ने सियावर रामचंद्र की जय एवं पवनपुत्र हनुमान की जय बोलकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सुंदरकांड के पाठ के आयोजन में मुख्य वाचक के रूप में उपजिला कलेक्टर कैलाशचंद्र शर्मा और साक्षरता समन्वयक ताराचंद भारद्वाज ने भी इसका वाचन किया। इसी प्रकार वाचक मंडल के सदस्य विश्वनाथ त्रिवेदी, कृपाल महेश्वरी, तरूण लोढ़ा, चंदुलाल, राहुल वैष्णव, दरगाराम अवस्थी, प्रताप श्रीमाली, भाणाराम अवस्थी, बाबूदास, किशोर, भंवरलाल जोशी, वर्धनाथ गोस्वामी, महादेवाराम, चमनाराम देवासी, पारस जोशी, टीकम महेश्वरी, सज्जनसिंह राव, इश्वर महेश्वरी, कैलाश महेश्वरी, धीरेंद्र वर्मा, मदनलाल महेश्वरी, धर्मेेंद्र लोढ़ा सहित कई लोगों ने सहयोग प्रदान किया। साक्षरता सहायक चमनाराम देवासी ने आरती कर प्रसाद का वितरण करवाया। एसडीएम शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए पुरुषार्थ के लिए आध्यात्मिक कार्यक्रमों से जुडऩा चाहिए।

समारोह में जनप्रतिनिधियों का हुआ सम्मान

रानीवाड़ा& पंचायतीराज चुनावों में मेघवाल समाज के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सम्मान समारोह रविवार को मेघवाल सेवा समाज समिति के तत्वाधान में बाबा रामदेव मंदिर में किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि उपप्रधान रावताराम मेघवाल व अध्यक्ष कृषि मंडी चेयरमेन समरथाराम ने थे। समारोह का शुभारंभ जिला परिषद सदस्य वजाराम मेघवाल ने भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित किया गया। समारोह में पंचायत समिति सदस्या दीवालीदेवी जाखड़ी, छगनाराम करवाड़ा, वजीदेवी चितरोड़ी, उगमदेवी वणधर, बादलीदेवी चाटवाड़ा व सरपंच भूराराम गांग, नेथीराम आखराड़, जेवीदेवी कागमाला, कमलादेवी चितरोड़ी, कालूराम रोपसी व उपसरपंच छगनाराम जोड़वास का साफा व शाल पहनाकर सम्मान किया गया। इस मौके वक्ताओं ने समाज विकास में एकजुट होकर संगठन के साथ कार्य करने को कहा। साथ ही जनप्रतिनिधियों ने बाद में निर्णय लेकर समाज में बढ़ती नशे की प्रवृति को रोकने व बालिका शिक्षा पर जोर देने की बात कही। समिति के अध्यक्ष बाबूलाल सोलंकी ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर संत बगदाराम डूंगरी, पूनमाराम सिंगावास, नागजीराम पूर्वसरपंच, कालुराम अध्यापक, केसाराम हाडेतर, प्रभुराम कडेला, धीराराम, मोटाराम, कांतिलाल, कृष्णकुमार, मीश्राराम परमार, झालाराम, जयचंद, पोपटलाल, मोहनलाल, चौथमल सहित समिति के सदस्य मौजूद थे।

तार टूटने से आवागमन बाधित

रानीवाड़ा& कस्बे के भीनमाल मार्ग पर धनपुरा गांव के पास रविवार को टैंकर के बिजली के पोल से टकराने से तार टूटने से करीब 3 बजे आवागमन बाधित रहा। तार टूट जाने से अफरा-तफरी हो गया। दोपहर २ बजे हुए इस हादसे के बाद लगभग 3 घंटा आवागमन बाधित हुआ। घटना के बाद मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिससे राहगीरों को आवागमन में परेशानी हुई। जिस जगह घटना हुई, वह स्थान जसवंतपुरा थाना अंतर्गत होने से पुलिस है। घटना के दो घंटे बाद तक वहां पुलिस नहीं पहुंच पाई। वाहन चालकों को पोल को हटाने व बिजली आपूर्ति बंद करवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। बिजली आपूर्ति शुरू रहने तक घटना स्थल पर से लोग दूर ही नजर आए। समाचार लिखे जाने तक घटना स्थल पर आवागमन ठप रहा।

Sunday 4 April 2010

जॉबकार्ड जारी करवाने की मांग

रानीवाड़ा
महानरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड से वंचित परिवारों को नए जॉबकार्ड जारी करवाने को लेकर जिला परिषद सदस्या ललिता बोहरा ने कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया है। उन्होंने बताया कि नए वर्ष के दौरान काफी परिवार इस योजना के लाभ से वंचित हो रहे हंै। उनके पास जॉब कार्ड उपलब्ध नही हंै तथा पुराने जॉब कार्ड जो कि तीन वर्ष पूर्व जारी हुए थे। वो भी सही हालात में नही होने के कारण नए जॉब कार्ड बनाने के निर्देश जारी करें।

जल बिन जा रही बेजुबानों की जान

गुमानसिंह राव. रानीवाड़ा
पानी का संकट क्षेत्र के जंगलों में वन्य जीवों के लिए मौत का कारण बनता जा रहा है। यही हाल रहा तो इस बार अकाल के दौरान भारी संख्या में वन्यजीवों को दम तोडऩा पड़ सकता है। सुंधा पर्वत के आसपास के वन्य क्षेत्र में पिछले पखवाड़े के दौरान करीब चार दर्जन बंदरों की मौत हो गई। साथ ही अन्य वन्य जीवों पर भी इसका असर पड़ रहा है। खुद वन विभाग मान रहा है कि पानी की कमी इन जीवों के लिए जान लेवा साबित हो रही है और उसका कोई उपाय भी नहीं है। इधर, कुछ माह पूर्व ही चितलवाना के निकट नर्मदा नहर में पाली गई मछलियों के जीवन पर भी पानी के कारण संकट छाने लगा है। मछली उत्पादन कर रहे ठेकेदार की पानी के बहाव में आ रही कमी के कारण चिंता बढ़ गई है, क्योंकि पानी की कमी के कारण वहां मछलियां नहीं पनप रही हैं। शेष&पेज 9

मशीनों से खींच लेते हैं पानी

नर्मदा का ओवरफ्लो पानी लूणी व सूकड़ी नदी में छोड़ा गया था। अब यहां पानी की आवक बंद कर दी गई है। नदी क्षेत्र के आसपास के किसान अपने खेतों में सिंचाई के लिए इस पानी को मशीनों से खींच रहे हैं। जिससे दिनों दिन यहां पानी की कमी होती जा रही है। पानी के अभाव में ये मछलियां मरती जा रही हैं।

वन्य प्रेमी आया आगे

पूरण गांव के छत्तरसिंह देवल ने मूक जीवों की जान बचाने के लिए पहल की है। उसने स्वंय के टैं्रक्टर से धोरों में पेयजल पहुंंचाने का काम शुरू किया है। गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से जंगली जानवरों को राहत पहुंचाने को लेकर जंगलों में कच्ची टंकियों को खेल के रूप में रखवा कर प्रतिदिन टैंकर से भरवाने का कार्य यह युवक कर रहा है। रोजाना सुबह देवल इस काम में लग जाते है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में काफी तादात में वन्य जीव पानी के प्यास से मारे जा चुके है।

क्यों गहराया जलसंकट

इस क्षेत्र में जल संकट का मुख्य कारण सुकळ नदी का सूख जाना है। जिले में लगातार तीन साल से अच्छी बरसात नहीं हो रही है। सुंधा पर्वत के आसपास जंगलों से घिरे और सुंधा पर्वत से सटे पूरण व कैर गांव के निकट बहने वाली इस बारहमासी सुकळ नदी के सूख जाने से परंपरागत पेयजल स्रोत सूख गए हैं। इससे पास में स्थित दो एनीकट सूख गए हैं। पूरे पर्वतीय क्षेत्र के आसपास जंगली जानवरों के लिए पीने का पानी नहीं बचा है। वन विभाग की ओर से खेली भी नही बनाई हुई है, जबकि विभाग वन्य जीवों को पेयजल मुहैया कराने के लेकर बड़े दावे कर रहा है।

मछलियों के जीवन पर संकट

चितलवाना. करीबन साल भर पहले शुरू हुई नर्मदा नहर में पानी की आवक को देखते हुए एक ठेकेदार ने इस पानी को मछली उत्पादन के लिए उपयोगी मान कर उसमें करीबन 35 लाख बीज डाले थे, लेकिन 15 मार्च से बंद हुई पानी की आवक के चलते इन मछलियों पर भी संकट गहरा गया है। निकटवर्ती केरियां और गांधव के बीच लूणी व सूकड़ी नदी में नर्मदा नहर के ओवरफ्लो से डाले गए पानी के सूख जाने से अब ये मछलियां मरती जा रही हैं। नहर में बंद हुई पानी की आवक के साथ अब ओवरफ्लो से इक_ा हुआ पानी भी सूखने के कगार पर है। पानी की आवक बंद होने के कारण मछलियां कीचड़ में फंस कर मरने लगी हैं। इससे मछली उत्पादन के कार्य में काफी रुकावट आ रही है।

बिखरे पड़े हैं बंदरों के शव

सुंधा पर्वत के आसपास जंगलों से घिरे और सुंधा पर्वत से सटे पूरण व कैर गांव के पर्वतीय क्षेत्रों में काले मुंह वाले बंदरों के शव बिखरे पड़े हैं। इस क्षेत्र में करीब ४० बंदरों के शव पड़े हैं जो अकाल में मौत का शिकार हो गए। इस क्षेत्र में दूर दूर तक पानी का कोई साधन नहीं है। जलस्रोत सूखे पड़े हैं और वन विभाग की ओर से भी कोई व्यवस्था नहीं है। काले मुंह के बंदरों के अलावा इस क्षेत्र में जरख, सियार, लकड़बग्गा, रीछ सहित कई वन्य जीव हैं। पानी की कमी के कारण रीछों का तो गांव में आना रोज की घटना है। इसी प्रकार यहां के धोरों में कुलाचे मारते काले हरिण को भी पानी का संकट झेलना पड़ रहा है। पानी की तलाश में झुंड में हरिण गांवों की ओर आने लगे हैं। पूरण गांव से ८ किमी दूर दुर्गम क्षेत्र वणार व धाराल तक के बीच के वन क्षेत्र में हरिणों की प्यास बुझाने वाले एनीकट सूख गए हैं।

-जंगली जानवरों को पानी सप्लाई के लिए बजट का प्रस्ताव विभाग के उच्चाधिकारियों को भिजवाया गया गया है। वैसे पूरे क्षेत्र में सैकड़ों की तादात में बंदर सहित कई जीव मारे जा रहे हंै। पर्वत के टॉप पर पेयजल उपलब्ध करवाना नामुमकिन है। अब इनका भगवान ही मालिक है।

-अनिल गुप्ता, क्षेत्रीय वन अधिकारी, जसवंतपुरा

पहले नर्मदा नहर में पानी की आवक के दौरान मछली पानी के तेज बहाव में आ जाने से मर जाती थी और अब आवक बंद होने के बाद लगातार पानी की कमी से मछलियां गड्ढों व कीचड़ में फंस जाती हैं।

- मोहम्मद इस्माइल खां, मछली ठेकेदार, जोधपुर