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रतनपुर में गाय पर हमला करने वाले युवक गिरफ्तार, रानीवाडा उपखंड की ताजा खबरों के आपका स्वागत।।

Saturday 13 March 2010

सुंदरकांड का पाठ आज

रानीवाड़ा! मानवता के कल्याण को लेकर कस्बें के प्रबुद्ध नागरिकों ने एक मंडल का गठन कर प्रत्येक शनिवार को शांयकाल रामचरित्र मानस के पंचम सौपान सुंदरकांड के पाठ का आयोजन करने का निर्णय लिया है। कथावाचन ताराचंद भारद्वाज ने बताया कि यह क्रम पूर्व में भी लंबे समय से चलाया गया था, अब इसे नए सिरे से शुरू किया जा रहा है। आज शनिवार को कस्बे के मदनलाल महेश्वरी के निवास पर सुंदरकांड का आयोजन रखा गया है। जिसमें कस्बे के समस्त प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी, व्यापारी सहित महिलाएं भाग लेगी।

परीक्षा केंद्र १५० किलोमीटर दूर


रानीवाड़ा!निकटवर्ती सेवाड़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के दसवीं के छात्रों का परीक्षा केंद्र यहां से करीबन १५० किलोमीटर दूर आहोर तहसील के भाद्राजून के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आवंटित किया गया है। इसे चाहे बोर्ड की गलती कहे या अदूरर्शिता, लेकिन परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान परेशानी का सामना जरुर करना पड़ेगा। छात्रों को परीक्षा से ज्यादा चिंता तो परीक्षा केंद्र की है। इस विधालय में कक्षा दसवीं में अध्ययनरत १५ छात्राएं व १० छात्र है, जिन्हें परीक्षा के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

क्या कहते है जिला शिक्षा अधिकारी

ञ्च परीक्षा केन्द्र से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी बोर्ड अजमेर से ही मिल सकती है। परीक्षा केन्द्र आवंटन में हमारी कोई भूमिका नहीं होती। ऐसी समस्याओं केे लिए हम अपने स्तर पर भी प्रयास कर रहे है।

- श्याम सुन्दर लाहोटी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, जालोर

अब होगी परेशानी

परीक्षा आवेदन पत्र में प्रधानाध्यापक भागीरथराम विश्नोई ने सेवाड़ा विद्यालय के छात्रों को गांग या सरनाऊ परीक्षा केन्द्र देने का आदेश दिया। वहीं अब बोर्ड से आई रोल नम्बर सीट व परीक्षा केन्द्र में भाद्राजून लिखा हुआ है। परीक्षा केंद्र को लेकर विद्यार्थी और परिजन पशोपेश में है।

परिजन परेशानी

परीक्षा केंद्र की दूरी अधिक होने से विद्यार्थियों के साथ साथ परिजन परेशान हैं। इसका प्रमुख कारण आवागमन के साधनों का अभाव है। इसके अलावा जिन बालिकाओं के परीक्षा केंद्र भाद्राजून आया है। उनकी परेशानियां और भी बढ़ गई है। ग्रामीण अंचलों में बेटियों को शिक्षा के लिए गांव के लिए बाहर नहीं भेजते। जबकि अब बालिकाओं का परीक्षा केंद्र गांव से काफी अधिक दूर आया है। ऐसे में अब विद्यालय प्रशासन के साथ साथ छात्र-छात्राओं समेत अभिभावक भी मुश्किल में है।

दहीपुर में उर्स सम्पन्न



रानीवाड़ा!निकटवर्ती दहीपुर में हजरत राधन शहीद रहमतुल्ला का चौथा उर्स मुबारक हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर कौमी एकता का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें बड़ोदरा से आए कव्वाल जिया मोईनी ने अपने फन का जादू बिखेरा। उन्होंने लहराएगा यहां पर झंडा तेरे नबी का कव्वाली देश कर गाकर लोगों की वाहवाही लुटी। जोधपुर से आए कव्वाल शौकत अंदाज ने भी गजले पेश कर लोगों को देर रात तक बांधे रखा। इस अवसर पर तहसीलदार खेताराम सारण, पूर्व विधायक रतनाराम चौधरी, हरजीराम देवासी, सज्जनसिंह, तरूणखत्री, भरत देवड़ा, कैराराम मौजूद थे। इससे पूर्व सभी मेहमानों का स्वागत गनीभाई सुमरा व खेरूभाई के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन हुसैन खान सुुमरा ने किया।

Thursday 11 March 2010

महंगाई के विरोध में धरना


रानीवाड़ा
महंगाई के विरोध में भाजपा द्वारा चलाए जा रहे धरना प्रदर्शन के क्रम में बुधवार उपखंड मुख्यालय पर जिलाध्यक्ष अमीचंद के नेतृत्व में विशाल धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर जैन ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों की नीतियों के चलते महंगाई बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा की भू-जल स्तर के रसातल में चले जाने से किसानों की खेती प्रभावित हो रही है। वहीं सरकार ने बिजली के दाम व वेट बढ़ाकर किसान व आम आदमी पर आर्थिक भार डालने का प्रयास किया है। प्रदेश में सट्टेबाज, मुनाफाखोरों व जमाखोरों के चलते सरकारी गोदामों में अनाज कम व निजी गोदामों में अनाज सीमा से ज्यादा भंडार हो रहा है।
इसी कारण महंगाई बढ़ रही है। इस अवसर पर जसवंतपुर मंडलध्यक्ष देवेंद्रसिंह जाविया, जिला प्रवक्ता मुकेश खंडेलवाल, मकनाराम चौधरी, महानंन महेश्वरी ने भी धरने का संबोधित किया। बाद में सभी कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम पर ज्ञापन एसडीएम को सौंपकर महंगाई को काबू करने का निवेदन किया है। इस अवसर पर बलवंतसिंह डाभी, हेमाराम विश्रोई, जवाहरसिंह पाल, हनवंतशर्मा, करमीराम देवासी, प्रागाराम पुरोहित, चेतन वैष्णव, बाबूलाल संत, विंदाराम नट, रतनसिंह कोडिटा, नरेश जोशी, भीखाराम चौधरी, सोमताराम धानोल सहित कई लोग उपस्थित थे।

Wednesday 10 March 2010

बजट के खिलाफ देंगे धरना

रानीवाड़ा
कांग्रेस सरकार की ओर से मंगलवार को घोषित किसान विरोधी बजट, महंगाई, बिजली व केंद्र सरकार की नीतियों के विरुद्ध बुधवार को उपखंड कार्यालय के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मंडल महामंत्री किरणकुमार माली ने बताया कि प्रदेशभर के उपखंड मुख्यालयों पर होने वाले भाजपा के धरने को लेकर बुधवार सवेरे 11 बजे एसडीएम कार्यालय के सामने मंडलध्यक्ष भीखाराम चौधरी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता धरना देकर विरोध जताएंगे। इस दौरान आयोजित सभा को जिलाध्यक्ष अमीचंद जैन और पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह देवल सहित भाजपा के कई नेता संबोधित करेंगे।

उर्स कल

रानीवाड़ा&उपखंड क्षेत्र के दहीपुर गांव में हजरत राधन शहिद रहमतुल्ला का उर्स गुरूवार को मनाया जाएगा। इंतजामिया कमेटी के सचिव नासिर हुसैन सुमरा ने बताया कि गुरुवार रात 9 बजे कौमी एकता कार्यक्रम होगा। इसके बाद कलाकार शौकत अंदाज व जीया मोईनी कव्वाली पेश कर जादू बिखेरेंगे। उर्स को लेकर सर्कस, झूले और मौत का कुआ जैसे कई मनोरंजन के साधन लगाए गए हैं। जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। दरगाह कमेटी की ओर से लंगर सहित रोशनी व पानी की व्यवस्था की गई है।

महिला दिवस पर संगोष्ठीï

रानीवाड़ा&निकटवर्ती मालवाड़ा गांव में विश्वमहिला दिवस पर शिव सांई सेवा समिति की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया।इस अवसर पर समिति की कोषाध्यक्ष मधु खंडेलवाल ने माताओं से अपने बच्चों को संस्कार व संस्कृति युक्त विद्यालय में प्रवेश देने का आग्रह करते हुए बेटियों को उच्च शिक्षा देने का आह्वान किया। उन्होंने महिलाओं को कानून की जानकारी भी दी। मंजू शर्मा ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को कैसे रोका जाए और इसमें परिवार की क्या भूमिका होनी चाहिए? पर विस्तार
से जानकारी दी। नफीसा बानो ने समाज के विकास के लिए महिला शिक्षा की महती आवश्यकता जताई व बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का आग्रह किया। संगोष्ठी को कई महिलाओं ने संबोधित करते हुए सम्पूर्ण परिवार को नशा मुक्त रखने व जल बचाने की शपथ ली। इस अवसर पर समिति द्वारा जरूरत मंद परिवार को कपड़ों सहित अन्य वस्तुएं वितरित की गई।

हैडपंप मरम्मत करवाने की मांग

रानीवाड़ा&धामसीन ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने कलेक्टर को पत्र भेजकर क्षेत्र की विभिन्न सरकारी स्कूलों व ढाणियों में क्षतिग्रस्त १६ हैंडपंप की मरम्मत कराने की मांग की है। सरपंच बलवंत पुरोहित ने बताया कि हैंडपंप नाकारा पड़े होने से स्कूलों में अध्यनरत विद्यार्थियों को पीने के पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें घर से बोतल में भरकर पानी ले जाना पड़ रहा है। पुरोहित ने बताया कि इस समस्यों को लेकर जलदाय विभाग के अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप में कई बार सूचित किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इसी तरह बामनवाड़ा गांव के मुख्य पेयजल टांके में लिकेज होने से पानी व्यर्थ बह रहा है। रूपावटी खुर्द व बामनवाड़ा के कई टांके पाईप लाईन से नही जुडऩे के कारण वर्षों से खाली पड़े हैं। उन्होंने इन टांकों को पाईप लाईन से जुड़वाकर पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की है।

Tuesday 9 March 2010

सात समंदर पार सफलता की उडान


रानीवाड़ा।
"उड़ान भरो अपने विचारों के साथ, उड़ान भरो अपने प्रेम के बल। मरुस्थलों के पार, समुद्रों और पर्वतों के पार, मात्र एक सांस में पहुंच जाते हो तुम" रूस के प्रसिद्ध कवि येलेना रेरिख की यह पंक्तियां रानीवाड़ा तहसील के सेवाड़ा निवासी होनहार युवक डा. प्रकाशचंद्र विश्रोई पर सटीक बैठती है। सेवाड़ा के धोरों में पलकर बड़ा होने वाला यह युवक अपने बलबूते पर सात समंदर पार स्वीडन देश में टेक्रोलॉजी विषय में डॉक्टरेट कर यूरोपीयन स्पेस एजेंसी में प्रोजेक्ट लीडर के रूप में रिचर्स कर रहे है।
सेवाड़ा गांव के अध्यापक हरीशचंद्र विश्रोई जो अभी आहोर में कार्यरत है। उनके घर जन्म लेने वाले प्रकाश ने प्राथमिक शिक्षा गांव से प्राप्त कर हाई स्कूल नवोदय विद्यालय जसवंतपुरा से डिक्टेशन मार्क के साथ उत्तीर्ण करने में सफलता प्राप्त की। बचपन से ही होनहार व हमेशा कक्षा में प्रथम रहने वाले प्रकाश ने बिट्स पिलानी से 2002 में माईक्रो इलेक्ट्रोनिक्स विषय में पीजी डिग्री कर कुछ समय तक जयपुर की इंजीनियरिंग कॉलेज में व्याख्याता पद पर कार्य किया। बाद में जनवरी 2003 से अगस्त 2004 तक सेन्ट्रल इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग रिचर्स इस्टीट्यूट में रिचर्स इंजीनियर के रूप में कार्य किया। इससे पूर्व उन्होंने इसरो में भी ट्रेनी इंजीनियर के रूप में अपनी सेवाए दी। बाद में भारत सरकार की फैलोशिप योजना के तहत प्रकाश का चयन 2007 में ऑप्टो इलेक्ट्रोनिक्स विषय में शोध करने के लिए स्वीडन की चालमर्स यूनिवर्सटी ऑफ टेक्रोलॉजी में चयन हुआ अभी प्रकाश स्वीडन में यूरोपीयन स्पेस एजेंसी में प्रोजेक्ट लीडर के रूप में रिचर्स कर रहे है।
उपलब्धियां - स्वीडन सरकार के द्वारा स्थाई नागरिकता प्राप्त विश्रोई को 2009 में चालमर्स इनोवेशन अवार्ड से नवाजा गया। सनï् 2008 में स्वीडिस यंग सांईटिस्ट अवार्ड, 2007 में स्वीडिस सीडा फैलोशिप अवार्ड लेकर प्रकाश ने देश का नाम रोशन किया है। इसी तरह सनï् 2001 में केट फैलोशिप, दिसम्बर 2002 में विश्वविद्यालय स्तर पर एकाडमी अवार्ड के रूप में स्वर्ण पदक व 2002 में आईआईटी कानपुर ने टेक्रनिकल पेपर प्रजेन्टेशन कॉन्टेस्ट के रूप में प्रथम ईनाम लेकर जिले का नाम रोशन किया।
श्रेय - विश्रोई ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता हरीशचंद्र विश्रोई व माता ब्रिजबाला विश्रोई को दिया है। विश्रोई का मानना है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कोई कमी नही है। जरूरत है उन्हें प्लेटफार्म व उचित मार्गदर्शन की। विश्रोई का अनुज निलेश विश्रोई भी जयपुर से सी.ए. का अध्ययन कर रहा है। वर्तमान में विश्रोई स्वीडन देश के गोटेबोर्ग में ऑप्टो इलेक्ट्रोनिक्स में शोध कर रहे है। इस विषय के तहत विश्रोई एक्स-रेज, गामा रेज, पेराबेंजिन-रेज पर अध्ययन कर रहे है। साथ ही प्रकाश व विद्युत पर इन किरणों के द्वारा पडने वाले प्रभाव पर भी रिचर्स कर रहे है।
अंत में प्रकाश पर कवि अज्ञेय कि निम्र पंक्तियां कही जाए, तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी, "उड़ चल हारिल लिये हाथ में, यही अकेला ओछा तिनका। उषा जाग उठी प्राची में कैसी बाट, भरोसा किन का"।

प्रतिभावान बालिका सम्मान से वंचित

रानीवाड़ा राज्य सरकार की ओर से उच्च शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन के लिए प्रतिभाशाली बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय किया गया है, लेकिन चयन में खामियों के चलते तहसील क्षेत्र की एक होनहार बालिका को सम्मान से वंचित रखा जा रहा है। बडग़ांव के निकट वगतापुरा गांव की बालिका डिम्पल कुमारी पुत्री अर्जुनसिंह ने माध्यमिक परीक्षा 2009 में शताब्दी चिल्ड्रन विद्यालय बडग़ांव से ७८ प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे, लेकिन गार्गी पुरस्कार की सूची में उसका नाम ही दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में बालिका व उसका परिवार काफी निराश है। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार ७५ प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त तरने वाली बालिका को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। विभाग की खामियों के चलते इस बालिका को इस सम्मान से वंचित होना पड़ रहा है। इसको लेकर बालिका के पिता अर्जुनसिंह ने सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी सहित उच्चाधिकारियों को पत्र पे्रषित कर बालिका का नाम इस सूची में शामिल करने का निवेदन किया है।

२० कार्टन अवैध शराब बरामद


रानीवाड़ा
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर रविवार शाम को जाखड़ी नदी में नाकेबंदी के दौरान चंडीगढ़ निर्मित बीस कार्टन अंग्रेजी शराब बरामद करने में सफलता प्राप्त की है।
वाहन चालक को गिरफ्तार कर सोमवार को पुलिस रिमांड के लिए न्यायालय में पेश किया गया। थानाधिकारी ने बताया कि एएसआई शिवाराम सहित किशनलाल, लाधाराम व बाबूलाल ने जाखड़ी नदी में रविवार शाम को नाकेबंदी की। इस दौरान गुजरात की ओर से आ रहे जीप ट्रोले को पुलिस ने रोकने का इशारा किया। जिस पर जीप चालक वाहन छोड़कर भाग गया। पुलिस ने उसका काफी देर तक पीछा किया।
बाद में पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम धानपुरा (डीसा) निवासी गणपत पुत्र डाया रेबारी बताया। उसने बताया कि उसे यह शराब रानीवाड़ा पहुंचाने के लिए कहा गया था। पुलिस ने निरीक्षण के दौरान वाहन से चंडीगढ़ निर्मित बीस अंग्रेजी शराब के कार्टन बरामद किए। वाहन समेत आरोपी को गिरफ्तार कर थाने ले जाया गया। जहां से आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस मुख्य आरोपी तक पहुंचने के लिए बारीकी से जांच कर रही है।

Monday 8 March 2010

अवैध खनन रुकवाने की मांग


रानीवाड़ा! निकटवर्ती मालवाड़ा पहाड़ी पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे अवैध खनन के विरोध में रविवार को भील समाज के लोगों ने उत्तरमुखी हनुमान मंदिर में बैठक का आयोजन किया। बाद में इन लोगों ने रानीवाड़ा एसडीएम को ज्ञापन देकर अवैध खनन को रोकने की मांग की। साथ ही खनन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग भी की। जानकारी के अनुसार मालवाड़ा कस्बे के पास स्थित पहाड़ी पर प्राचीन विष्णुगिरी महाराज की गुफा व समाधि और माताजी का मंदिर आया हुआ है। जो भील समाज की आस्था का केंद्र है। पहाड़ी पर स्थित मंदिर के पास गत कुछ दिनों से ग्रेनाइट पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे पहाड़ी पर स्थित इन प्राचीन स्थलों, राजकीय प्राथमिक विद्यालय उड का धोरा सामुदायिक सभाभवन सहित कस्बे को पेयजल आपूर्ति करने वाली दो पानी की टंकियों को नुकसान पहुंच सकता है। समाज बंधुओं ने रानीवाड़ा उपखंड मुख्यालय पर एसडीएम कैलाशचंद्र शर्मा को ज्ञापन दिया और समस्या समाधान की मांग की। साथ ही विधायक रतनदेवासी व अन्य मंत्रियों को ज्ञापन भेजकर भील समाज के इस पवित्र स्थल के संरक्षण की मांग की है।
इस अवसर पर भील समाज के पंच सुजानाराम, समाजसेवी मंछाराम परिहार, ग्रामसेवक भाणाराम श्रीमाली, जीएसएस व्यवसथापक मानसिंह, भूरसिंह राठौड़, मुश्ताक भाई, रमेशकुमार, सवाराम, समेलाराम, हरजीराम हंसाराम, परखाराम जोईताराम, सामतीदेवी, शैतानसिंह और समरथाराम सहित कई लोग मौजूद थे।

Sunday 7 March 2010

सुणतर का आलू पहुंचेगा कनाडा



रानीवाड़ा।
सुणतर क्षेत्र के जाखड़ी ग्राम का आलु अब कनाड़ा जाने की तैयारी कर रहा है। केंद्र सरकार के द्वारा कान्ट्रेक्ट फार्मिंग योजना शुरू होने से ही इस कार्य को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। यह कार्य जाखड़ी के प्रगतिशील व शिक्षित किसान महेंद्रसिंह पुत्र वनेसिंह देवड़ा ने कर दिखाया है। इतना ही नही तीन महिने में तीनगुनी कमाई कर क्षेत्र के किसानों के लिए प्रगति की नई राह दिखाने में सफलता प्राप्त की है।
कैसे हुई शुरूआत - कनाड़ा की मैक्कन कंपनी जिसका विश्व के आलु उत्पादन क्षेत्र में पांच प्रतिशत एकाधिकार है, उससे कॉन्टेक्ट फार्मींग का एग्रीमेंट कर डेढ हैक्टर जमीन में कंपनी का बीज लगाकर क्षेत्र में प्रथम प्रयोग किया। कंपनी के द्वारा प्रमाणित बीज को कंपनी के अधिकारियों की देख-रेख में जाखड़ी के देवड़ा कृषि फार्म में नवबंर माह में बुवाई की गई। अनूकुल भोगोलिक जलवायु होने की वजह से डिसा, गुजरात को भी आलु के उत्पादन में जाखड़ी ने पीछे छोड दिया। वहां एक किलो आलु की बुवाई से दस किलो आलु पैदा होते है, वही जाखड़ी में १४ किलो आलु पैदा हुए है। वजन में यहां का आलु औसतन चार सौ से छ: सौ ग्राम के बीच माना गया है, जोकि अति उत्तम क्वालिटी है।
कांन्टे्रक्ट की शर्ते - जाखड़ी में कंपनी ने किसान को साढे पांच रूपए किलों की दर तय की। इस दर से कंपनी किसान से यह आलु खरीद कर कनाड़ा सहित दौ सौ देश में निर्यात करेगी। यदि किसान इस आलु को ज्यादा दर पर बाजार में बैचना चाहे तो भी कंपनी के द्वारा इसकी छुट दी गई है। यदि बाजार में साढे पांच रूपए की दर से भी कम दर चल रही है, तो भी कंपनी किसान को निर्धारित दर अर्थात साढे पांच रूपए प्रतिकिलो भाव ही देगी। आलु की पैदावार की बुवाई व निकासी सहित ट्रांसपोटेशन का व्यय भी कंपनी ही करेगी। पैकेजिंग सामग्री भी कंपनी के द्वारा किसान को दी जाएगी।
क्या है खासियत - इस आलु में शर्करा की मात्रा कम होने के कारण स्वाद में फीका है। मधुमेह के मरीजों के लिए यह आलु कम नुकसानदायक माना जाता है। इसलिए इस आलु को मैकन कंपनी फं्रेच फ्राई व फिंगर चिप्स का रूप देकर विश्व की पांच सितारा होटलों में सप्लाई करती है। कंपनी की दौ सौ देशों में शाखाए है। इस किस्म के आलु की फसल में रोग नही लगने से किसानों को राहत महसूस होती है, साथ ही खरपतवार से भी छुटकारा मिलता है। फसल को मिनी स्प्रिकंलर सिस्टम से सिंचाई की जाए, तो बेहतर पैदावार प्राप्त होती है। किसान ने इस फसल को तैयार करने में एक लाख रूपए खर्च किए, उसकी एवज में उसको तीन माह में चार लाख रूपए की प्राप्ति हुई है। किसान के लिए यह पैदावार बेहद लाभदायी है। भविष्य में जाखड़ी सहित सुणतर क्षेत्र के काफी किसान इस फसल की तरफ आकर्षित हो रहे है। फसल की निकासी के बाद इसी जगह जायद का बाजरा बोने से किसान को अच्छी निकासी होती है।