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Saturday 23 April 2011

कांग्रेस ने की शहर में विकास की पहल


रानीवाड़ा।
विधायक रतन देवासी ने कहा है कि रानीवाड़ा कस्बे के विकास की पहल कांग्रेस ने की है। देवासी कस्बे में डीवाइडर निर्माण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह, पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल, प्रदेश कांग्रेस सचिव पुखराज पाराशर भी मौजूद थे। उन्होंने भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों से लम्बित जन समस्याओं का समाधान कांग्रेस की सरकार ने किया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर जन समस्याओं के निराकरण में सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की। देवासी ने कहा कि गत दो वर्ष में कस्बे में विकास के प्रयास किए किए गए हैं। सरपंच गोदाराम देवासी ने विधायक की ओर से करवाए गए सभी विकास कार्यो की चर्चा की गई।

पीएचसी की कमान अब बीडीओ को


रानीवाड़ा।
क्षेत्र में अब स्वास्थ्य सेवाओं का प्रशासनिक व वित्तिय प्रबंधन विकासअधिकारी के हाथों में रहेगा। ऐसे निर्देश राज्य सरकार ने जारी किए है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में अब किसी भी काम के लिए पंचायत समिति के विकास अधिकारी की सहमति लेनी होगी। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर गठित राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की कमान सम्बंधित पंचायत समिति के विकास अधिकारी के हाथ में होगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर यह आदेश प्रभावी नही होंगे।
राज्य सरकार ने इस सम्बंध में जारी आदेश में कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वास्थ्य सेवाएं पंचायतराज विभाग को स्थानान्तरित कर दी गई है। इसे देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की कार्यकारिणी का पुनर्गठन कर विकास अधिकारी को अध्यक्ष, सरपंच उपाध्यक्ष, स्वास्थ्य केन्द्र चिकित्साधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। पूर्व में सोसायटी अध्यक्ष ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी था। ऐसे सरकारी फरमान से दोनों विभागों में असंतोष पनपने के आसार दिखाई देने लगे है।
अनावश्यक होगा विलंब:- अब विभागीय कार्य में छोटे-मोटे खर्च की स्वीकृति के लिए चिकित्साधिकारी को पंचायत समिति जाना होगा। इससे कार्य में अनावश्यक विलंब होगा। हर कार्य के लिए विकास अधिकारी का इंतजार करना होगा। वहीं राशि का व्यय भी आसान नहीं होगा। समिति में अभी ६ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जो कि २५ से ३० किमी दूर है। दैनिक कार्यो के लिए पंचायत समिति कार्यालय में आना उनके लिए सिरदर्द जैसा होगा। सेवाएं भी प्रभावित होने के आसार है।
निर्देश की पालना:- हमने निर्देश की पालना करते हुए राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी का गठन करने के निर्देश सभी पीएचसी प्रभारियों को भेज दिए है। इनमें विकास अधिकारी को अध्यक्ष व सरपंच को उपाध्यक्ष बनाया जाएगा।  पहले बीसीएमओ अध्यक्ष होते थे। उपाध्यक्ष पद नया सृजित हुआ है।
-डॉ.आत्माराम चौहान, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रानीवाड़ा

सौमरी माता मंदिर के लिए सीढिय़ों का निर्माण कार्य शुरू


रानीवाड़ा।
प्रसिद्ध सौमरी माता मंदिर का कायाकल्प होने जा रहा है। राज्य सरकार के द्वारा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर इस पर्वतीय तीर्थ स्थल को विकसित करने के लिए विधायक देवासी के प्रयासों ने रंग लाना शुरू कर दिया है। पर्वत पर स्थित मंदिर तक जाने के लिए सीढिय़ों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
सरपंच झमका कंवर ने बताया कि विधायक की अनुशंषा पर ग्राम पंचायत ने छ: लाख रूपए की लागत से सीढी निर्माण का कार्य शुरू किया है। इस कार्य के होने के बाद हर वर्ष सौमेरी माता के दर्शन के लिए आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को मंदिर तक आने में सुगमता महसूस हो सकेगी। उन्होंनें बताया कि पर्वत पर स्थित प्राकृतिक तालाब में साल में 8 महिने जल का संग्रहण किया जाता है। आस्था के प्रतीक इस तालाब के दर्शनाथ भी काफी तादाद में श्रद्धालु दुर्गम रास्ता पार कर आते है। सीढी निर्माण होने के बाद इस प्राचीन मंदिर का विकास हो सकेगा। इस विषय को लेकर विधायक देवासी ने बताया कि सुंधामाता की बहिन माने जाने वाली सौमेरी माता तीर्थ का विकास करने में कोई कमी नही रखी जाएगी। सीढ़ी निर्माण का प्रथम चरण का कार्य शुरू करवा दिया गया है। द्वितीय चरण में इस कार्य को पूरा कराने में धन की कोई कमी आडे नही आएगी। पर्वत की तलहटी में नलकूंप स्थापित किया जाएगा तथा विद्युत कनेक्शन ने जोड़ा जाएगा। दानदाता व श्रद्धालुओं के सहयोग से भव्य प्रवेश द्वार एवं सामुदायिक सभा भवन का निर्माण भी किया जाएगा। पर्वत की तलहटी तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को कच्चा रास्ता पार कर जाना पड़ता था, उस जगह अब 52 लाख की लागत से डामर सड़क का कार्य भी प्रगति पर है।
तीर्थ स्थल का परिचय :- उपख्ंाड़ मुख्यालय से करीब १८ किलोमीटर चरपटिया गांव के पास यह ऐतिहासिक एवं प्राचीन तीर्थस्थल है। अरावली पर्वतमाला के इस पहाड़ का नाम सौमेरा होने के कारण इस देवी को सौमेरी माता के नाम से भी जाना जाता है। मां की प्रतिमा बिना धड़ के होने कारण इसे अधदेश्वरी भी कहा जाता है। सौमेरा पर्वत का पौराणिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से भी कम महत्व नहीं है। त्रिपुर राक्षस का वध करने के लिए आदि देव की तपोभूमि यहीं मानी जाती है। यह स्थान अनेक ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रही है तथा यही पर भारद्वाज ऋ षि का आश्रम भी बताया जाता है।
प्रभाव व श्रद्धालु:- राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश से प्रतिवर्ष हजारों लोग यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। साल में दो बार नवरात्रों के समय यहाँ नौ दिन मेले सा आयोजन होता है और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट जाती है। हर माह के शुक्ल पक्ष की तेरस से पूर्णिमा तक मंदिर में अधिक दर्शानार्थी आते हैं। यह स्थान की प्राकृतिक छटा, मनोरम वातावरण, पर्वत पर फैली हरियाली, रेत के पहाड़ एवं कल-कल बहते झरने तथा आयुर्वेद की महत्वपूर्ण दुर्लभ जड़ी-बूटियों का भंडार को देखकर वर्तमान में यह किसी पर्यटक स्थल से कम नजर नहीं आता है। सौमेरीमाता मंदिर क्षेत्र को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करने लिए राशि स्वीकृत करने के लिए लोगों ने विधायक रतन देवासी आभार जताया।

Friday 22 April 2011

राजीवगांधी का सपना हुआ साकार - डॉ. सिंह


रानीवाड़ा।
पंचायत समिति मुख्यालय पर आज लोकार्पण होने जा रहे भारत निर्माण राजीव गांधी सेवाकेंद्र स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीवगांधी की देन है। आज उनका सपना साकार हो रहा है। यह रानीवाड़ा के लिए ऐतिहासिक घटना है। यह बात ऊर्जा मंंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह ने सेवाकेंद्र के उदघाटन समारोह में कही। उन्होंनें कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत को जयपुर से जोडऩे के बीच यह केंद्र सेतु का काम करेगा। भवन में टच स्क्रीन लगाई जाएगी, जिस पर कलेक्टर व मुख्यमंत्री विडिय़ों कोन्फ्रेसिंग कर सकेंगे। इसी तरह की व्यवस्था प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर होने जा रही है। अब भविष्य में प्रदेश का कोई भी नागरीक, जन्म, जाति, मूल-निवास सहित कई प्रकार के प्रमाण-पत्रों, खेत की जमाबंदी, पेंशन प्रकरण, विद्युत, जलदाय, टेलीफोन सहित अन्य विभागों के बिल भी जमा किए जा सकेेंगे। उन्होंनें बताया कि राज्य सरकार का कुल बजट २८ हजार करोड़ है। जिसमें से मुख्यमंत्री ने 13 हजार करोड़ रूपए विद्युत विभाग को आंवटित किया है। विभाग को पैसों की कोई कमी नही है। विद्युत संबंधित कोई भी विकास का कार्य आसानी से नियमानुसार करवाया जा सकता है। रानीवाड़ा क्षेत्र में भी विधायक रतन देवासी की अनुशंषा पर बारह 33केवी जीएसएस स्वीकृत किए है। अतिशीघ्र अन्य कार्य भी स्वीकृत करवाए जाएंगे। उन्होंनें बताया कि सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक तीन ग्रामपंचायतों के बीच एक 33केवी का जीएसएस बनाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि हर गांव को अच्छी वॉल्टेज की बिजली मिल सके। राजस्थान सरकार अन्य राज्यों की तुलना में किसानों को आधी दर में विद्युत आपूर्ति कर रही है। पूरानी सरकार ने विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में शून्य उपलब्धी हासिल की थी, जबकि गहलोत सरकार विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में भी कई कारखाने स्थापित किए है। इस समय दिसम्बर 2008 तक जिन किसानों ने विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदन किया है, उनका निस्तारण अतिशीघ्र कर दिया जाएगा। जिससे सरकार को 63 हजार नए कनेक्शन करने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री के प्रयासों से बीपीएल को मुफ्त ईलाज की व्यवस्था की गई है। अब कोई भी बीपीएल या एपीएल परिवार सरकार के निर्देशानुसार अपना ईलाज अच्छे से अच्छे सरकारी अस्पताल में करवा सकता है।
इस अवसर पर विधायक रतन देवासी ने कहा कि देश में तकनीकी क्रांति का सूत्रपात राजीव गांधी ने किया था। आज घर-घर में मोबाईल, इंटरनेट सहित कम्प्यूटर देखे जा रहे है। यह सब राजीव गांधी की ही देन है। उन्होंनें कहा कि सेवा केंद्र किसानों के लिए मददगार साबित होगा। इन केंद्रों पर किसान अपने फसल का वास्तविक मूल्य मालुम कर सकेेंगे तथा देश की किसी भी मंडी में अपनी फसल बेच सकेंगे। केंद्रों पर रेल व बस के टीकट भी बनाए जाएंगे। देवासी ने कहा कि रोहिट से रानीवाड़ा वाया भीनमाल तक ४० फीट चौड़ा डामर मार्ग बनाया जाएगा। जिसको राज्य सरकार ने हरी झंडी दे दी है। उन्होंनें डॉ. जितेंद्रसिंह की तारीफ करते हुए कहा कि गुर्जर आंदोलन का शांतिपूर्वक ढंग से समाधान करने में आपकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने मंत्रीजी से बडग़ांव व जसवंतपुरा में एईएन व करड़ा में जेईएन कार्यालय स्वीकृत करवाने का निवेदन किया है।
इस अवसर जिला कलेक्टर केवलकुमार गुप्ता ने कहा कि जिले में ८ राजीवगांधी सेवाकेंद्र स्वीकृत है। जिनमें से चार को लोकार्पण हो चुका है। अन्य का कार्य प्रगति पर है। उन्होंनें उपखंड़ अधिकारी को निर्देशित कर कहा कि आज लोकार्पित हो रहे इस सेवाकेंद्र में आज से ही महानरेगा का कार्यालय शुरू किया जाए। केंद्र पर अतिशीघ्र सोलर सिस्टम लगाया जाएगा। उन्होंनें ऊर्जा मंत्री से राजीव गांधी ग्रामीण विद्युत वितरण योजना के तहत 111 करोड़ की योजना को स्वीकृत करवाने का निवेदन किया, ताकि जिले की ५० हजार ढाणियों का विद्युतिकृत किया जा सके।
इससे पूर्व विकास अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने सेवाकेंद्र के बारे में बताते हुए कहा कि इस केंद्र के निर्माण पर २५ लाख रूपए महानरेगा योजना के तहत खर्च किए गए है। जिसके तहत सोलर सीस्टम भी सम्मिलित है। कार्यक्रम को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुखराम विश्रोई, प्रदेश सचिव पुखराज पारासर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिला उपप्रमुख मूलाराम राणा, कार्यवाहक एसडीएम खेताराम सारण, भीनमाल नगरपालिका अध्यक्ष हीरालाल बोहरा, प्रधान देराम विश्रोई, प्रधान दीपाराम भील, दरगाराम देवासी, परसराम ढाका, सुरेश सियाक, गणपत करवाड़ा, फगलूराम खिंचड़, जीवाराम देवासी, भाणाराम बोहरा, ललिता बोहरा सहित कई जने उपस्थित थे।

Wednesday 20 April 2011

प्रसिद्ध सेवाडिय़ा मेले का हुआ समापन


रानीवाड़ा।
प्रसिद्ध आपेश्वर पशु मेला सेवाडिय़ा का आज राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह व स्थानिय विधायक रतन देवासी ने विधिवत ढंग से समापन किया। इस अवसर पर भव्य रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। विजेता पशुपालकों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर केवल कुमार गुप्ता, पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल, प्रदेश कांग्रेस सचिव पुखराज पारासर, पूर्व प्रधान सुखराम विश्रोई सहित कई जने उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि कुछ वर्षों पूर्व गोवंश की हर घर में महत्वपूर्ण भूमिका हुआ करती थी, परंतु समय के साथ अब तकनीकी व मशीनी क्रांति आने के बाद गोवंश की महत्ता कम होने लगी है, फिर भी आने वाले समय में गोवंश को लेकर मेलों का भविष्य सुनहरा होगा। उन्होंनें कहा कि जिस घर में बैलों की जोड़ी हुआ करती थी, उस घर का समाज में मान, सम्मान व प्रतिष्ठा हुआ करती थी। पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए रानीवाड़ा डेयरी की अहम भूमिका हो सकती है। सभी पशुपालक सहकारिता आंदोलन में सहयोग कर इस डेयरी में सहभागिता कर सकते है। जिससे उनका आर्थिक स्तर भी सुधर सकता है। जिस घर में दो भैंस या गाय होती है तो डेयरी से जुडऩे पर उनके घर पर मासिक दस हजार की आय हो सकती है। उन्होंने कहा कि बीकानेर में ऊंटनी के दूध पर कई चिकित्सक शौध कर रहे है। ऊंटनी का दूध स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। इस दूध के सेवन से शरीर में मधुमेह की बीमारी नही होती है। अत: पशुपालन को सभी पशुपालक ज्यादा से ज्यादा अपनाए, जिससे मेले का भविष्य भी सुधर सके।
सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने विशेष पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए दो सौ करोड़ का पैकेज निर्धारित किया है। जिले में विधायक रतन देवासी की अनुशंषा पर अतिशीघ्र आवासीय विद्यालय शुरू किया जाएगा। जिस पर दस करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।
विधायक देवासी ने कहा कि प्रसिद्ध मेले को सफल बनाने के लिए उन्होनें व्यवस्थाओं में सुधार करने का प्रयास किया है। अगले वर्ष आयोजित होने वाले इसी मेले में ओर भी सुधार किए जाएंगे। व्यवस्था में सुधार को लेकर नागरिकों से सलाह ली जाएगी। इस वर्ष यह मेला सफल हुआ है, जिसके पिछे समिति के कर्मचारियों व अधिकारी का जनप्रतिनिधियों से टीम वर्क की भावना से काम करना है। मेले में ठेके पे देने से पंचायत समिति को दो वर्षों में 10 लाख की आय हुई है, जो कि एक उपलब्धि है। इस आय से मेला परिसर में जीएलआर एवं ट्यूबवेल तैयार किए जाएंगे। ताकि आने वाले मेलों में पंचायत समिति प्रशासन को पेयजल की समस्या से निजात मिल सके। सूरक्षा व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए मेला परिसर के चारों तरफ महानरेगा योजना के तहत चारदीवारी का निर्माण कर वृक्षारोपण किया जाएगा। ताकि भविष्य में पशुपालकों को वृक्षों की छाया मिल सके।
मेलाधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने प्रतिवेदन पढकर मेले की आय-व्यय व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला, उन्होंनें कहा कि इस वर्ष बैलों की जोड़ी सर्वाधिक ६५ हजार में बिकी है, जो कि मेले के लिए एक उपलब्धी है। जिला कलेक्टर गुप्ता ने मेले की प्रगति को लेकर अपनी बात कही। पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल ने पशु पालन को बढ़ावा देने की बात कही। पूर्व प्रधान सुखराम विश्रोई ने मेले की व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर विधायक देवासी की प्रसंशा की। प्रदेश सचिव पुखराज पाराशर ने ग्रामीण संस्कृति व परंपराओं के संरक्षण में मेले की अहम भूमिका के बारे में कहा। इस अवसर पर सभी पंचायत समिति सदस्यों, जिला परिषद सदस्यों, सरपंचों सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्य डॉ. सिंह को विधायक ने पट्टु ओढाकार व तलवार भैंट कर सम्मान प्रदान किया गया। सभी अतिथियों को विशेष स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए। विजेता पशु पालकों को स्मृति चिन्ह के साथ प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।