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रतनपुर में गाय पर हमला करने वाले युवक गिरफ्तार, रानीवाडा उपखंड की ताजा खबरों के आपका स्वागत।।

Friday 12 February 2010

शिक्षक संघ की बैठक कल

रानीवाड़ा।
राजस्थान प्रगतिशील शिक्षक संघ उपशाखा रानीवाड़ा की बैठक कस्बे के राउप्रावि में रविवार को उपशाखा अध्यक्ष रघुनाथ विश्रोई की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। उपशाखामंत्री ओखाराम देवासी ने बताया कि इस बैठक में आगामी १९ व २० फरवरी को जयपुर में आयोजित होने वाले संघ के प्रदेश शैक्षिक सम्मेलन, कार्यकारिणी मनोनयन, विभिन्न शिक्षक समस्याओं पर विचार विमर्श किया जाएगा।
मेघवाल समाज की बैठक कल
रानीवाड़ा।
मेघवाल समाज शिक्षा समिति की आगामी बैठक बडग़ांव के बाबा रामदेव मंदिर में १४ फरवरी को आयोजित की जाएगी। प्रचार मंत्री पोपटलाल ने बताया कि इस बैठक में पंचायतरीराज चुनावों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सम्मानित करने के कार्यक्रम की तिथिओं पर विचार विमर्श किया जाएगा। सभी सदस्य आवश्यक रूप से भाग लेने की अपील की गई है।

हर-हर महादेव की गूंज

रानीवाड़ा।
शिवरात्रि के त्यौहार पर आज सभी शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। अभी तक शिवालय हर-हर महादेव की गूंज से गुंजायमान हो रहे है। श्रद्धालुओं ने सुबह सवेरे स्नान कर शिव मंदिरों में जाकर पूर्जा अर्चना की। इस मौके पर शिवजी का गाजर, बिल्व पत्र, बेर, दूध आदि से पूजन व जलाभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए प्रार्थना की। महा-शिवरात्री के मौके पर क्षेत्र के विभिन्न मंदिरोï मेï पूजा-अर्चना को लेकर काफी संख्या मेï श्रद्घालुओï की भीड़ लगी रही। इसमेï बड़ी संख्या मेï महिलाऐï भी शामिल थी। बाबा पर जलाभिषेक के लिए सुबह से तकरीबन देर शाम तक मंदिरोï मेï भक्तोï का तांता लगा रहा। क्षेत्र के आपेश्वर मंदिर सेवाडिया, पातालेश्वर मंदिर सेवाड़ा, आंद्रेश्वर मंदिर कोटड़ा, राणेश्वर मंदिर रानीवाड़ा खुर्द, भूतेश्वर मंदिर पूरण, सिलेश्वरमंदिर सिलासन सहित कई मंदिरोï मेï जलाभिषेक व पूजा-अर्चना को ले भक्तोï की भीड़ देखी गई। शिवरात्रि पर्व को लेकर आपेश्वर मंदिर सेवाडिया को भव्य तरीके से सजाया गया था। यहां पूजा-अर्चना के लिए देर शाम तक भीड़ लगी रही। मंदिर के महंत रतनभारती की अगुवाई मेï मंदिर परिसर से गाजे -बाजे के साथ एक बड़ी शोभा यात्रा व भजन कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। शाम मंदिर मेï प्रसाद का वितरण किया गया। विभिन्न शिवालयोï की रंगाई पोताई व सजावट की गई थी। विभिन्न शिव मंदिरोï मेï पूजा अर्चना को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओï की काफी भी भाड़ लगी रही। जहां श्रद्धालुओï ने बाबा के शिविलिंग पर फूल व बेलपत्र चढ़ा कर पूजा अर्चना व जलाभिषेक किया।

सेवाड़ा में गुंजी शिव लहरी




रानीवाड़ा।
आ गई शिवरात्रि पधारो शंकरजी। हो पधारो शंकरजी, आरती उतारे। पार उतारें शंकरजी हो उतारें शंकरजी। कुछ इसी तरह के भजन कल रात्रि को सेवाड़ा के पातालेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि के दौरान कई कलाकारों के द्वारा अल सुबह तक गुंजायमान रहे। गुजरात के प्रसिद्ध भजन कलाकार जयराम एंड पार्टी के द्वारा प्रस्तुत किए गए। हजारों की तादात में मंदिर परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं की भीड़ ने पुरी रात भजनों का आनंद लिया। बाद में प्रियंका राजपुरोहित, हर्ष देवासी सहित कई कलाकारों ने भी अपनी कला का जौहर दिखाया। कलाकार जबराराम सेन ने हनुमान व बाबा रामदेव के वेश में नृत्य पेश कर सभी लोगों का मन मोह लिया। शिव रात्रि में मेले में मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री हरजीवनभाई ने नशावृति को त्यागने की अपील कर मंदिर जीर्णोद्धार में मुक्तहस्त से सहयोग देने की अपील की। उन्होंने भी २ लाख ७२ हजार रूपए नकद देकर दूसरों को भी ज्यादा से ज्यादा दान देने की बात कही। मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष मेदाराम चौधरी ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी शिवरात्रि के दौरान ७ से ८ लाख रूपए सहयोग राशि आने की उम्मीद है। कार्यक्रम में गुजरात से भी सैंकडों की तादात में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भगवान शिव की स्तुति की धर्मलाभ लिया। कार्यक्रम का संचालन सरपंच हिम्मतसिंह सोलंकी के द्वारा किया गया।
शिवरात्रि पर्व मनाया

Sunday 7 February 2010

महानरेगा पर पत्रिका

रानीवाड़ा
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में नवाचारों की जानकारी सुलभ कराने एवं अन्य गतिविधियों के आदान-प्रदान के लिए राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने महानरेगा संवाद पत्रिका का प्रकाशन करने का निश्चय किया है। विभाग द्वारा समस्त कार्यक्रम अधिकारियों को लिखे पत्र में इस संबंध में प्रकाशन योग्य सामग्री भिजवाने को कहा है।

क्या है योजना : विभागीय निर्देशानुसार पत्रिका में विभिन्न जिलों के मध्य महानरेगा कार्योंके अनुभवों के आदान-प्रदान, नवाचारों सहित जलसंरक्षण कार्य, सफलता के आंकड़े सहित योजना के महत्व एवं सामाजिक एवं आर्थिक ढांचे में आए परिवर्तनों आदि को इंगित करते आलेख एवं कविताएं आदि सामग्री प्रकाशित की जाएगी। इसमें स्थानीय रचनाकारों से भी रचनाएं मंगवाने के लिए कहा गया है। पत्रिका का प्रकाशन मासिक होगा। कार्यक्रम अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि रानीवाड़ा क्षेत्र भी नरेगा योजना में जिले में अव्वल रहा है। यहा करवाए गए उत्कृष्ट कार्यो को पत्रिका में प्रकाशित करवाने के लिए विभाग को भेजा जाएगा।

श्रद्धालु तीर्थ स्थल नाकोड़ाजी पहुंचे

रानीवाड़ा . श्रीरामसूरी डहेला वाला समुदाय के आचार्य विमलरत्नसूरीश्वर का शुक्रवार दोपहर जैन तीर्थ नाकोड़ा में देवलोकगमन होने पर उनके अनुयायियों मे शोक की लहर दौड़ गई। उनकी पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में शनिवार को श्रद्धालु नाकोड़ाजी पहुंचे। क्षेत्र के पंसेरी, पूरण, मालवाड़ा, बडग़ांव, रानीवाड़ा सहित कागमाला से जैन श्रद्धालु नाकोड़ाजी पहुंचे। महाराज का अंतिम संस्कार दोपहर में नाकोड़ा तीर्थ पर ही किया गया। गौरतलब है कि महाराज मूलत: मालवाड़ा के निवासी थे। उन्होंने गत वर्ष चार्तुमास भी पूरण में किया था।

अब महकेगी केसर क्यारी


गुमानसिंह राव. रानीवाड़ा

जलवायु और मौसम ने साथ दिया तो रानीवाड़ा क्षेत्र अब केसर की महक से महकेगा। एक प्रयोग के तहत उपखंड मुख्यालय से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर प्रायोगिक तौर पर केसर की खेती की गई है। जिसके सफल होने की काफी संभावना है।

गांव में बसंत ऋ तु के आते ही खुशबूदार और कीमती जड़ी-बूटी 'केसरÓ की बहार आ रही है। वर्ष के अधिकतर समय ये खेत अन्य फसलों से लहलहातेे थे, लेकिन फरवरी के अंत तक ये खेत बैंगनी रंग के फूलों से सजने लग जाऐंगे। धानोल के केवाराम चौधरी व जाखड़ी के वनैसिंह देवड़ा ने धानोल में यह प्रयोग किया है। इन किसानों ने बताया कि गत वर्ष भी उन्होंने माउंट आबु के ब्रह्माकुमारी संस्थान से केसर के बीज लाकर लघु प्रयोग कर केसर की पैदावार तैयार की थी। इस बार कुछ ज्यादा मात्रा में केसर की क्यारिया तैयार की है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग का सहयोग नही मिलने के कारण इस कीमती फसल को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। अनुकूल जलवायु के चलते इस फसल का प्रयोग काफी हद तक सफल रहा है। बकौल, केवाराम उन्होंने गत वर्ष तैयार केसर को शादी के समय दूध के साथ मिलाकर मेहमानों को सेवन कराया था। सुणतर के केसर का स्वाद भी स्वादिष्ट होने के कारण इस फसल के परिणाम भविष्य के लिए सकारात्मक आने की उम्मीद है।

इनका कहना

केसर का खेती करने वाले ने बताया कि गत वर्ष केसर कम तैयार हुआ था परंतु, फिर भी उम्मीद है कि इस बार बीते साल से उत्पादन ज्यादा होगा और दाम भी अच्छे मिलेंगे।

-केवाराम चौधरी, किसान, धानोल

इस प्रयोग के सफल होने पर विभाग इस खेती की ओर ध्यान देगा। अभी तो देख रहे है। वैसे जिले के कृषि अधिकारियों के लिए नया प्रयोग है। पौधे की ऊंचाई डेढ़ फीट है, फू ल आने पर ही मालूम पड़ेगा।

-कन्हैयालाल विश्नोई, सहायक कृषि अधिकारी, रानीवाड़ा