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Friday 2 April 2010

रानीवाड़ा के सौंदर्यीकरण की पहल


Hiten Shah
रानीवाड़ा
रानीवाड़ा कस्बा अतिशीघ्र हाईटेक व आकर्षक बनने जा रहा है। विधायक की प्रेरणा से कई दानदाताओं के सहयोग से यह योजना मूर्तरूप लेने जा रही है। जिसके तहत कस्बे के चौराहों का गुजरात की तर्ज पर सौंदर्यकरण किया जाएगा। विधायक देवासी के प्रयासों से कस्बे के सौंदर्यकरण को लेकर लेआऊट तैयार करवाया जा रहा है। गुरूवार को अहमदाबाद के आर्किटेक्ट हितेन शाह ने अपने गुु्रप के साथ कस्बे का दौरा कर विभिन्न तिराहों का निरीक्षण किया। साथ ही कस्बे के गुजरात से लगते हुए मुख्य मार्गों पर प्रवेश द्वारा बनवाने व भीनमाल रेलवे क्रोसिंग से सांचौर रेलवे क्रोसिंग की मुख्य सड़क को आधुनिक तकनीक से बनवाने को लेकर पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता अमृत वर्मा से विचार विमर्श किया।

नागरिकों की हुई बैठक : इस टीम ने कस्बे के प्रबुद्ध नागरिकों ने मीटिंग कर कस्बे के विकास को लेकर चर्चा की। इस दौरान विकास अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा, प्रधान प्रतिनिधि हरजीराम देवासी, समाज सेवी मंछाराम परिहार, कांग्रेस नेता परसराम ढाका, अंबालाल जीनगर, पारसमल जीनगर, ईश्वर माहेश्वरी, रामाराम लुहार सहित कई लोग मौजूद थे। सौंदर्यकरण को लेकर विधायक देवासी ने बताया कि गुजरात से राजस्थान में प्रवेश करने पर प्रथम कस्बा रानीवाड़ा होने से कस्बे का आधुनिक व तकनीकि तरीके से विकास आवश्यक है। विकास में दानदाताओं की भूमिका अहम होती है। कस्बे के विकास को लेकर काफी दानदाता आगे आ रहे है।

विधायक का आभार जताया


रानीवाड़ा& विधानसभा में पेयजल समस्याओं को लेकर चर्चा करने पर लोगों ने विधायक रतन देवासी का आभार जताया है। बुधवार को पेयजल के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा में प्रश्नोत्तर के दौरान विधायक देवासी ने नर्मदा के पानी को जिले के रानीवाड़ा, भीनमाल, जसवंतपुरा, आहोर सहित अन्य कस्बों तक लाने के लिए पुरजोर मांग की। देवासी ने इस दौरान सदन को अवगत करवाया कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल समस्या में लाइनमैन की अहम भूमिका है। अधिकतर लाइनमैन खुद काम नही करते है तथा पेयजल के वितरण के लिए दूसरे व्यक्ति को यह काम सौंप देते है

पूर्व सरपंच की मौत पर शोक


रानीवाड़ा& रामसीन के पास जीप दुर्घटना में निकटवर्ती मेड़ा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच धन्नाराम चौधरी की मौत होने पर गांव में शोक छा गया। उपखंड मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर दूर मेड़ा गांव के घरों में आज इस घटना को लेकर लोगों ने चूल्हे नही जलाए। दोपहर तक लोग मृतक के शव का इंतजार करते रहे उसके बाद अंतिम संस्कार में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए।

Thursday 1 April 2010

जमकर हुई खरीद-फरोख्त



रानीवाड़ा
प्रसिद्ध सेवाडिय़ा पशु मेले का बुधवार को समारोहपूर्वक समापन हो गया। कलेक्टर केवल कुमार गुप्ता के सानिध्य में हुए समापन समारोह में मेले के अंतिम दिन भी कई प्रतियोगिताएं हुईं। इनमें अव्वल रहने वाले पशुपालकों का सम्मान किया गया। इस पशु मेले में कुल 13 हजार 677 पशु आए थे, जिनमें से 6 हजार पशुओं की बिक्री हुई। इससे पंचायत समिति को 3 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।समापन को संबोधित करते हुए कलेक्टर गुप्ता ने कहा कि विषम परिस्थतिओं में भी मेले का सफल आयोजन कर आयोजकों ने सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने पशु व्यापारियों को आश्वस्त कर कहा कि उनकों गुजरात सहित अन्य राज्यों में अपने पशुधन को ले जाने में कोई प्रकार की समस्या का सामना नही करना पड़ेगा। पशु व्यापारियों को विशेष परमिट दिया जा रहा है। इसमें सभी अधिकारियों के संयुक्त हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेलें में पशु प्रतियोगिताओं का आयोजन करने से स्वच्छ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती है। यह परंपरा मेले के लिए अच्छी मानी गई है। जिला कलक्टर केवलकुमार गुप्ताइस अवसर पर पुलिस उप अधीक्षक देवेंद्र शर्मा ने कहा कि पशु परिवहन करते समय सभी व्यापारी कानून की परिधी में कार्य करे, तो उनके सामने कोई समस्या नहीं आएगी। बाहर के व्यापारियों को यदि कोई व्यक्ति परेशान करता है तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करे, ताकि समस्या का समाधान त्वरित गति से किया जाए। एसडीएम कैलाशचंद्र शर्मा ने भी मेला आयोजकों द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर संतोष जताते हुए सराहनीय कार्य बताया। उन्होनें कहा कि पशुमेला सेवाडिय़ा की अच्छी साख होने से इसका इंतजार हर पशुपालक और व्यापारी को रहता है। इससे पूर्व मुख्य अतिथि ने मेले में सर्वश्रेष्ठ पशु का चयन कर जेतावाड़ा निवासी मूलसिंह पुत्र गुमानसिंह राजपुत की घोड़ी को प्रथम विजेता चिन्ह दिया। बाद में प्रतिवेदन के रूप में मेलाधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने मेले के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। घुड़ दौड़ में उमड़े लोग

मंगलवार की शाम को मेला मैदान में प्रसिद्ध घुड़ दौड व ऊंट दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें विजेता पशुपालकों को फुंदा बांधकर सम्मानित किया। इस दौड़ को देखने के लिए मैदान में हजारो की तादाद में लोगों ने भाग लिया। मेले के दौरान पशुओं के शृंगार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई थीं। घुड़ दौड़ प्रतियोगिता के दौरान एसडीएम कैलाशचंद्र शर्मा, तहसीलदार खेताराम सारण, हरजीराम देवासी, भूमि विकास बैंक के चेयरमेन राव मोहनसिंह चितलवाना, रणजीतसिंह बडग़ांव, नवलसिंह देवड़ा, पूरणसिंह देवड़ा, मंछाराम परिहार सहित कई लोगों ने भाग लिया।

समारोह मेें विजेता पशुपालकों को किया सम्मानित

विभिन्न पशु प्रतियोगिताओं विजेता पशुपालकों को समापन समारोह में आकर्षक ट्राफी व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। मेले की व्यवस्थाओं में सराहनीय योगदान देने पर विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारियों सहित अधिकारियों को भी प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

Wednesday 31 March 2010

यौवन पर सेवाडिय़ा मेला



रानीवाड़ाक्षेत्र में चल रहा सेवाडिय़ा पशु मेला मंगलवार को भी पूरे परवान पर रहा। इस दौरान राज्य समेत अन्य राज्यों के पशु व्यापारियों ने भी जमकर पशुओं की खरीद-फरोख्त की। मेले में 5वें दिन पशुओं के भावों में काफी तेजी देखी गई। मेले का समापन बुधवार को किया जाएगा।

मेले के दौरान गुजरात के काठियावाड़ से आए पशु व्यापारियों द्वारा पशुओं की खरीद फरोख्त में तेजी से भावों में वृद्धि देखी गई। पूर्णिमा के दिन मेले में ३० हजार से ज्यादा लोगों ने मेले का आनंद लिया। मेले में भीड़भाड़ होने से व्यापारियों के चेहरों पर खुशी देखी गई। मेला अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि मेले में पशुओं की आवक अच्छी रही। मंगलवार शाम तक मेले में पहुंचने वाले पशुओं की संख्या करीबन साढ़े १३ हजार के पार पहुंची। मेले में कांकरेज नस्ल के बैल, सांड, ऊंट और घोड़े समेत अन्य पशुओं को खरीदने-बेचने वाले व्यापारियों व पशुपालकों के लिए स्वर्णिम अवसर है। मेले में मनोरंजन के लिए लगाए गए सर्कस, मौत का कुआं, वैरायटी शो, वीडियो पार्लर और सिनेमा घर पर लोगों की भीड़ रही। मेले में तरह-तरह की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गई।

प्रतियोगिता संपन्न : मेले में मंगलवार को विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। अदंत बैलों की प्रतियोगिता में मफतलाल डूंगरी प्रथम, शांतिलाल हर्षवाड़ा द्वितीय, दो दांत बैलों में केसाराम करवाड़ा प्रथम, चार दांत बैलों शेष&पेज 9

में देवाराम लाछीवाड़ प्रथम, छ: दांत बैलों में विक्रमभाई अमरेली प्रथम, मलतीयान बैलों में जेठाराम डूंगरी प्रथम, सांड़ घोडों में महंत रतनभारती सेवाडिय़ा प्रथम, श्रवण विश्नोई लियादरा द्वितीय रहें। इसी तरह घोडिय़ों में मलसिंह जैतावाड़ा प्रथम, प्रतापसिंह गुंदाऊ द्वितीय, प्रागाराम सेवाडिय़ा तृतीय, अदंत बछेरा प्रतियोगिता में मलसिंह प्रथम, दो दांत बछेरा में जांवताराम विश्रोई कूड़ा प्रथम, रामसिंह वासोल द्वितीय, बछेरी प्रतियोगिता में अर्जुनराम देवासी सरनाऊ प्रथम, सालसिंह सिलासन द्वितीय, नर ऊंट प्रतियोगिता में सुजाणाराम प्रथम, होतीराम पाल द्वितीय, भगाराम भाट तृतीय, लादा ऊंट में जोराराम वाड़ोल प्रथम, ऊंट सवारी प्रतियोगिता में प्रभुराम वासण प्रथम रहें।
पुलिस की निगरानी तेज
पुलिस ने इस वर्ष मेले में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त की है। अवैध धंधे, जुआघरों और सटोरियों पर पुलिस की विशेष नजर रखी जा रही है। पुलिस की सख्ती के चलते इस वर्ष अवैध कार्य करने वाले लोग मेले में दिखाई नहीं दे रहे हैं।

सुविधाओं से अच्छी व्यवस्था

मेले में पशुओं के पेयजल के लिए जलदाय विभाग के सहयोग से हौदियां व आवाड़ा बनाकर सुविधा प्रदान की जा रही है। इसी तरह बिजली व्यवस्था के लिए विद्युत विभाग के अधिकारियों का भी सहयोग मिल रहा है। पशुओं के लिए मेला प्रशासन ने चिकित्सकों की व्यवस्था कर रखी है। इसी तरह सुरक्षा व्यवस्था का माकूल प्रबंध करने के लिए मेले के मध्य में स्थित प्लेटफार्म पर पुलिस की चौकी स्थापित की गई है। जहां ५० पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
चारा डिपो की कमी अखरी

वर्ष २००६ के मेले में श्रीशिव सांई सेवा समिति के सौजन्य से रियायती दर पर चारा बिक्री के लिए डिपो खोला गया था। इस वर्ष यह व्यवस्था नहीं होने से पशु व्यापारियों को ऊंची दर पर मेले में आया चारा खरीदने पड़ रहा है। जूनागढ़ से आए खीमाभाई ने बताया कि मेले में ज्वार का एक पुला २० रूपए में खरीदना पड़ रहा है जो काफी महंगा साबित हो रहा है।

समापन आज

मेले का समापन व पारितोषिक समारोह बुधवार दोपहर २ बजे मेला परिसर में आयोजित किया जाएगा। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर केवलकुमार गुप्ता व अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक लक्ष्मीनारायन मीणा करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में उप जिला कलक्टर कैलाशचंद शर्मा भी उपस्थित रहेंगे। समारोह में विजेता पशुपालकों को स्मृति चिह्नï व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।

पीपा जयंती पर निकाली शोभायात्रा

रानीवाड़ा उपखंड मुख्यालय पर श्री पीपाजी महाराज की जयंती धूमधाम से समारोहपूर्वक श्रीपीपा क्षत्रिय नवयुवक मंडल द्वारा मनाई गई। इस मौके पर भक्ति संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें सिणधरी के भक्तराज मंहत तारूराम महाराज ने पीपाजी महाराज की जीवनी भजन के माध्यम से गाई। उन्होंने युवा समाज को पीपाजी के आदर्शों को अपनाने का आह्वान करते हुए एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए। भजन गायिका हंसा बेन ने अपने भजनों की प्रस्तति देकर लोगों की वाहवाही लुटी। इस अवसर पर पीपाजी महाराज की शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा पीपाजी मंदिर से सदर बाजार पुलिसथाना, पंचायत समिति, हॉस्पीटल के सामने से, गरबा चौक होते हुए पीपाजी मंदिर पहुंची।

जसराज बने तहसील अध्यक्ष


रानीवाड़ा& निकटवर्ती मेड़ा रावणा राजपूत समाज की तहसील स्तरीय बैठक सोमवार को संपन्न हुई। जिसमें सर्वसम्मति से जसराज राठौड़ को तहसील अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान कार्यकारिणी का गठन भी किया गया। कार्यकारिणी के तहत उपाध्यक्ष पद पर बाबूसिंह आदरवाड़ा, कालूसिंह काबा मालवाड़ा व जवानसिंह राठौड़ बडग़ांव, मंत्री पद पर नरपतसिंह मालवाड़ा, कोषाध्यक्ष पद पर देवीसिंह मालवाड़ा, सचिव पद पर रामसिंह चौहान रानीवाड़ा और देवीसिंह परमार रानीवाड़ा खुर्द को संगठन मंत्री मनोनीत किया गया। बैठक में समाज के विकास को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस मौके पर सांचौर व भीनमाल से भी समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक मोहनसिंह सिसोदिया व मदनसिंह की देख-रेख में संचालित की गई।

Tuesday 30 March 2010

वाक्पीठ संगोष्ठी कल से

रानीवाड़ा&उपखंड क्षेत्र के अंतर्गत संचालित समस्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं प्राथमिक विद्यालयों के वेतनकेंद्र प्रभारियों की दो दिवसीय संत्राक वाक्पीठ संगोष्ठी ३१ मार्च को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय करड़ा में आयोजित की जाएगी। बीईईओ तोलाराम राणा ने बताया कि संगोष्ठी में समस्त संस्था प्रधान व वेतनकंद्र प्रभारी आवश्यक रूप से भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है, वहां से कार्यवाहक प्रधानाध्यापक संगोष्ठी में भाग लेंगे। एकल अध्यापिका शाला के प्रधान या प्रभारी व्यवस्था के अनुरूप संगोष्ठी में भाग लेंगे। संगोष्ठी में एमडीएम बर्तनों की मागं, संस्थापन सूचना और नवीन भवन व मरम्मत के प्रस्ताव साथ लेकर आने के निर्देश दिए गए हैं।

मेले में होंगी प्रतियोगिताएं

रानीवाड़ा& सेवाडिय़ा पशु मेले के तहत सोमवार को भी पशुपालकों और खरीदारों की काफी भीड़ रही। इस दौरान पशुओं की खरीद फरोख्त में आई तेजी के चलते पशुपालकों को राहत मिल रही है। राज्य के बाहर से आए खरीदार स्थानीय पशुपालकों को मुंह मांगा दाम दे रहे हैं। गुजरात में पशुओं की मांग ज्यादा होने से मेले का बाजार काफी गर्म रहा।

मेला अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि आपेश्वर सेवाडिय़ा पशुमेले को लेकर मंगलवार को विभिन्न 19 प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता सवेरे साढ़े आठ बजे शुरू होगी। इन प्रतियोगिताओं के लिए निर्णायक कमेटियों का गठन किया जा चुका है। प्रतियोगिता के तहत शाम चार बजे घुड़ दौड़ व ऊंट दौड़ का आयोजन किया जाएगा। मेले में व्यापारियों की तादाद भी ज्यादा देखी जा रही है। इस बार मेले में मनोरंजन के लिए सर्कस व झूले भी लगाए गए हैं। वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस की ओर से भी माकूल प्रबंध किए गए हैं। मेले में गरीब पशुपालकों के बीमार पशुओं के लिए नि:शुल्क दवाओं की व्यवस्था मालवाड़ा की कंकुबाई गोशाला की ओर से करवाई जा रही है। मेले में नशामुक्ति को लेकर चलाए जा रहे शिव सांई सेवा समिति की प्रदर्शनी में काफी तादादï में लोग उमड़ रहे हैं।

Monday 29 March 2010

सरपंचों का स्नेह मिलन

रानीवाड़ा निकटवर्ती कोटड़ा के आंद्रेश्वर महादेव मंदिर में पंचायत समिति के सभी सरंपचों का स्नेह मिलन कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम संयोजक बलवंत पुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम में नवनिर्वाचित सरपंचों ने भाग लेकर संगठित होकर भविष्य में आने वाली समस्याओं का डट कर सामना करने की शपथ ली। बाद में सरपंच संघ का गठन करने का निर्णय लिया गया। जिसके लिए ६ अप्रैल को आपेश्वर मंदिर सेवाडिय़ा में बैठक होगी।

शिविर संपन्न

रानीवाड़ा कस्बे के सांचौर बाईपास पर स्वंयसेवी संस्था मारवाड़ रूरल डवलॉपमेंट समिति के सौजन्य से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। संस्था की सचिव माया चौधरी ने बताया कि शिविर में पांच सौ से ज्यादा मरीजों का ईलाज गुजरात के वरिष्ठ चिकित्सकों ने नि:शुल्क किया। शिविर में डॉ. शैलेष गज्जर, डॉ. प्रद्यम्न अग्रवाल व डॉ. नैफिल अमी ने अपनी सेवाएं प्रदान की।

Sunday 28 March 2010

सेवाडिय़ा मेला यौवन पर

रानीवाड़ा
सेवाडिय़ा का अंतर्राज्यीय श्री आपेश्वर पशुमेला पूरे यौवन पर है। मेले में बैल, ऊंट, घोड़े, अश्ववंश की खरीद-फरोख्त बड़े स्तर पर हो रही है। इस मेले में अब तक 5935 पशुओं की आवक हो चुकी है। वहीं 300 के लगभग पशुओं की बिक्री भी हो चुकी है। शनिवार को ७०० से ज्यादा पशुओं की आवक हुई।

मेले की शुरुआत में ५000 पशु आए थे। लेकिन भूजल की कमी से चारा समस्या होने की स्थिति होने के बावजूद भी मेले में अब तक विगत वर्ष की तुलना में अधिक पशुओं की आवक हो चुकी है। और पशुओं की आवक अब भी जारी है। मेले में इस बार 5935 पशु आए हैं। मेले में पंचायत समिति विभाग ने व्यापारियों व पशुपालकों के लिए पानी, बिजली, चिकित्सा की उचित व्यवस्था करवाई है। जिले व जिले के बाहर के पशुपालक कांकरेज नस्ल के बैल, बीकानेरी व जैसलमेरी नस्ल के ऊंट, मारवाड़ी व काठियावाड़ी नस्ल के अश्व बेचने के लिए मेले में लाए हैं, तो खरीदने के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ, उत्तरप्रदश्ेा, मध्यप्रदेश, गुजरात के व्यापारी भी मेले में अपना डेरा डाल चुके है। रोजगार का माध्यम बना पशु मेला सुणतर क्षेत्र के गरीब लोगों के लिए रोजगार का साधन बन गया है। यहां पर गन्ने के ज्यूस, चाय की होटल, खाने की होटल, बर्तन, रस्सी सहित अन्य सामग्री की दुकान के माध्यम से कई लोगों को अच्छा रोजगार मिल रहा है।