Hot News अभी - अभी

रतनपुर में गाय पर हमला करने वाले युवक गिरफ्तार, रानीवाडा उपखंड की ताजा खबरों के आपका स्वागत।।

Thursday 14 April 2011

बैलों की पूजा के साथ सेवाडिय़ा मेला हुआ शुरू


रानीवाड़ा।
ग्रामीण क्षेत्र में मेलों की प्राचीन परंपरा रही है। आमजन से गहरा रिश्ता है। मेलों से पशुपालकों व किसानों को आर्थिक संबल मिलता है। यह बात आज गुरूवार को श्री आपेश्वर महादेव पशु मेला सेवाडिय़ा के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद जिला प्रमुख श्रीमति जसवंत कंवर ने कही। उन्होंनें कहा कि मेलों के आयोजन से विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति का मिलन होता है। मेले पशुपालकों व किसानों के बीच सेतु का काम करते है। सेवाडिय़ा पशुमेला जिले का प्राचीन पशु मेला है, जिसकी पहचान राजस्थान सहित कई प्रदेशों में है। जिला एवं स्थानीय प्रशासन का यह प्रयास रहता है कि इस मेले में पशुपालकों को अधिक से अधिक सुविधाए एवं अच्छी व्यवस्थाए प्रदान की जाए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर केवल कुमार गुप्ता ने कहा कि सेवाडिय़ा पशुमेले के शुभारंभ के अवसर पर 11 हजार पशुओं का आना मेले एवं पशुपालको के लिए शुभ संकेत है। यह मेला उत्तरोत्तर प्रगति पर है। क्षेत्र वासियों के लिए हर्ष अवसर है कि इस प्राचीन परंपरा को अभी तक मनाया जा रहा है। प्रशासन का व्यवस्था के साथ दायित्व भी बढ़ता जा रहा है। मेले की सफलता के पिछे सभी विभागों के समन्वय के साथ कार्य करना है। उन्होंनें कहा कि आने वाले समय में इस मेले में निरंतर पशुओं की तादाद बढ सके, इसके लिए पंचायत समिति प्रशासन को विशेष प्रयास करने चाहिए। जिला प्रशासन व्यवस्था में सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर रहेगा। प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि विभिन्न प्रदेशों से आने वाले पशुपालकों एवं व्यापारियों को कोई परेशानी न झेलनी पड़े। इसके लिए विशेष प्रयास करने चाहिए। उन्होंनें मेले की व्यवस्थाओं को लेकर स्थानीय विधायक रतन देवासी के प्रयासों की सराहना की। अतिशीघ्र मेला क्षेत्र में चार दीवारी अथवा फैन्सींग का कार्य महानरेगा योजना के तहत करवाया जाएगा। साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आपेश्वर महादेव मंदिर के सामने इन्टरलोकिंग योजना के तहत ग्रेवल सहित डामर सड़के भी स्वीकृत करवाई जाएगी।
इस अवसर पर स्थानीय रतन देवासी ने गत वर्ष से मेले की व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है। जिसके तहत प्रचार-प्रसार को लेकर नई तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस क्रम में होर्डींग्स, बैनर्स, स्मृति चिन्ह सहित अन्य प्रचार सामग्रीया तैयार करवाने का पेटर्न शुरू किया गया है। उन्होनें बताया कि मेले की व्यवस्थाओं को गत वर्ष एवं इस वर्ष ठेके में दिया गया है, जो कि पंचायत समिति के लिए नफे का सौदा साबित हुआ है। मेले की व्यवस्थाओं को स्थायीकरण करने को लेकर मेला परिसर में नलकूप व टीनशेड़ तैयार करवाए जाएंगें। साथ ही पेयजल व्यवस्था को पुख्ता करने को लेकर जीएलआर का निर्माण भी करवाया जाएगा। आपेश्वर महादेव मंदिर के सामने चौराहा निर्माण कर उस पर हाईमास्क लाईट लगाने का कार्य भी करवाया जाएगा।
शुभारंभ समारोह के विशिष्ट अतिथि भीनमाल पूर्व विधायक डॉ. समरजीतसिंह ने कहा कि पशु मेलों की महत्ता पशु पालक अच्छी तरह से जानते है, पशुमेले हमारे ग्रामीण संस्कृति को पोषित करते है। मेले की व्यवस्थाओं का स्थायीकरण करने से मेले का भविष्य सुनहरा होने की प्रबल संभावना है। उन्होंनें कहा कि राज्य सरकार विकास को लेकर संवेदनशील है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष का जालोर द्वारा करोड़ों का पैकेज लेकर आएगा, जिससे नर्मदा का नीर पीने के लिए रानीवाड़ा व भीनमाल को भी अतिशीघ्र नसीब हो पाएगा। साथ ही राज्य सरकार के प्रयासों से रोहिट से रानीवाड़ा तक की डामर सड़क को मीड-वे के रूप में विकसित किया जाएगा।
मेलाधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि गोवंश सरंक्षण एवं पशु कु्ररता अधिनियम को पालना को सख्ती से अमलीजामा पहनाया जाएगा, इस कार्य के लिए गुप्तचर की टीम का गठन किया गया है, जो कि मेला परीसर में इस तरह की अवैध गतिविधियों पर नजर रखेगी। उन्होंनें मेला प्रतिवेदन का गठन कर मेले के ईतिहास के बारे में बताया। कार्यवाहक एसडीएम खेताराम सारण ने भी व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी दी। इस अवसर पर प्रधान राधादेवी देवासी, उपप्रधान रावताराम मेघवाल, जिला उपप्रमुख मूलाराम राणा, पूर्व प्रधान देराम विश्रोई, सांचोर उपप्रधान दरगाराम देवासी, समाजसेवी हरजीराम, सरपंच गोदाराम देवासी, परसराम ढाका, भीनमाल नगरपालिका अध्यक्ष हीरालाल बोहरा, जिला परिषद सदस्या ललिता बोहरा, सेवाडिय़ा महंत रतनभारती सहित कई जने उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ताराचंद भारद्वाज के द्वारा किया गया।

No comments: