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Thursday 19 August 2010

जसमूल डेयरी में चुनावी चहल पहल

रानीवाड़ा
जसमूल डेयरी में अध्यक्ष व निदेशक पद के लिए नाम निर्वाचन प्रक्रिया बुधवार को शुरू हुई। नाम निर्देशन पत्रों की जांच के बाद २५ उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया है। नाम वापसी गुरुवार को होगी। चुनाव में कई दिग्गज महारथी चेयरमैन बनने की जुगाड़ में लगे हुए है। इस बीच पूर्व चेयरमैन जोगसिंह बालोत डायरेक्टर पद पर निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हंै।

राजस्थान राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार जालोर सिरोही जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ द्वारा संचालित जसमूल डेयरी के संचालक मंडल एवं उनके पदाधिकारियों के निर्वाचन के लिए निर्वाचन अधिकारी सोहनलाल लखानी ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के तहत दोपहर 12 बजे तक नामांकन जमा किए गए। इसके बाद प्राप्त नाम निर्देशन पत्रों की जांच की गई जिसमें २५ नाम निर्देशन पत्र सही पाए गए।

उन्होंने बताया कि नाम वापसी गुरूवार दोपहर 2 बजे तक हो सकेगी। इसके बाद चुनाव में भाग लेेने वाले उम्मीदवारों की सूची का प्रकाशन शाम 5 बजे तक कर दिया जाएगा। अगर आवश्यक हुआ तो मतदान 26 अगस्त को सवेरे 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। इसके तुरंत बाद मतगणना कर निर्वाचित संचालक मंडल पदाधिकारियों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। निर्वाचित संचालक मंडल सदस्यों द्वारा डेयरी के अध्यक्ष का निर्वाचन 27 अगस्त को किया जाएगा।

महारथियों का भविष्य दांव पर : जसमूल डेयरी जालोर-सिरोही जिले में कार्यरत है। डेयरी के इस बार के चुनावों में कई दिग्गज अपना भाग्य आजमा रहे हैं। पूर्व चैयरमेन जोगसिंह बालोत डायरेक्टर पद पर निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हंै। अब उनकी नजर अध्यक्ष पद पर है। इधर, पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह देवड़ा के भाई रणजीतसिंह भी वार्ड संख्या ६ से उम्मीदवारी दर्ज कराकर बालोत के समीकरण गडबड़ा दिए है। कई बार डायरेक्टर रह चुके वगताराम पाल भी अध्यक्ष पद के लिए चुनौती दे रहे हैं। सिरोही जिले से महेंद्रसिंह राड़बर भी चैयरमेन की दौड़ में शामिल हैं।


चार दशक पुरानी है डेयरी

सन् १९७० में पंजाबी उद्योगपति सिक्का द्वारा स्थापित एवं जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह द्वारा उद्घाटित इस डेयरी का प्रारम्भिक दौर सघर्ष में गुजरा। कुछ समय तक टाटा ग्रुप ने भी संभाला, बाद में १९७५ में सरकार ने इसको अधिग्रहित कर जसमूल संघ बनाया। डेयरी से जालोर सिरोही जिलों के लाखों दुग्ध उत्पादक सीधे रूप से जुडे हुए हैं। वर्तमान में चार सौ से ज्यादा समितियां पंजिकृत हंै। रानीवाड़ा डेयरी का घी दक्षिण भारत के प्रवासी लोगों में लोकप्रिय माना जाता है। कभी देश में प्रथम स्थान पर रहने वाले इस संस्थान के बारे में आरएएस परीक्षा में भी सवाल पूछे जाते हैं। इस समय यहां से ३५ हजार लीटर दूध का संग्रहण कर २५ हजार लीटर दूध विभिन्न शहरों में वितरित किया जा रहा है।

-जसमूल डेयरी में चुनाव पारदर्शिता से शांतिपूर्वक करवाए जा रहे हंै। निर्देशन पत्रों की जांच के बाद नाम वापसी गुरूवार को होगी। आवश्यक हुआ तो चुनाव करवाऐंगे।

- एम.एल. गरवा, प्रबंध संचालक जसमूल डेयरी

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