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Sunday 18 April 2010

तल्ख धूप में सूख गए पेयजल स्रोत

रानीवाड़ा! तापमान में वृद्धि और मानसून की बेरुखी ने क्षेत्र में इस बार पेयजल किल्लत की भयावह स्थित पैदा कर दी है। गर्मी के असर से अधिकतर तालाब सूख चुके हैं तो कुछ सूखने के कगार पर हैं। ऐसे में पशुधन पर भी संकट मंडरा रहा है।
पानी की कमी के कारण इस वर्ष अभी से पेयजल आपूर्ति भी काफी ज्यादा प्रभावित हो रही है। इधर, इस भीषण गर्मी में पेयजल आपूर्ति भी लडख़ड़ा चुकी है। ऐसे में कस्बेवासियों की परेशानियां और बढ़ गई है। शनिवार को कस्बे में पेयजल आपूर्ति नहीं होने से पेयजल संकट गहरा गया है। वहीं जलदाय विभाग के सभी फोन व अधिकारियों के मोबाइल बंद होने से लोगोंं में विभाग के प्रति आक्रोश था। पेयजल व्यवस्था लडखड़ाने के कारण लोगों का जीना दुभर हो गया है। संकट के चलते लोगों को टैंकरों से पानी की आपूर्ति करवानी पड़ रही है। मानसून की बेरुखी के चलते जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग व्यवस्था सुधारने में बेबस नजर आ रहा है। देखा जाए तो अभी ये हालात हैं तो अगले दिनों में इसका असर क्या होगा समझा जा सकता है। कस्बेवासियों ने जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग से पेयजल आपूर्ति का विकल्प अतिशीघ्र ढूंढने की मांग की है। सभी मोहल्ले पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। ऐसे में लोगों का जीना दुभर हो गया है।

इनका कहना

समस्या समूचे क्षेत्र में है, कंटीजेंसी प्लॉन के तहत राशि आवंटित कर टैंकर की सुविधा से आंशिक तौर पर समस्या के समाधान के प्रयास किए जा रहे है। हैंडपंप भी जहां पानी है वहां खुदवाए जा रहे है। सरकार इस समस्या को लेकर संवेदनशील है। - रतन देवासी, विधायक, रानीवाड़ा

कस्बे में पेयजल संकट है, विशेषतया पिछड़ी बस्तियों में गंभीर संकट देखने को मिल रहा है। ऐसी स्थिति में लोगों को काफी परेशानी होती है। पानी की कमी से टैंकर के दाम भी बढ़ चुके हैं, ऐसे में आम आदमी को परेशानी होती है।

- गोदाराम देवासी, सरपंच ग्राम पंचायत रानीवाड़ा कल्ला

भू-जल के रसातल चले जाने से यह संकट पैदा हुआ है, समाधान सिर्फ नर्मदा के पानी से ही हो सकता है। देवपुरा, आमपुरा, झौरा सहित चार रास्ता की स्कीम ठप होने से ही ऐसे हालात हो रहे है। अब पूरा क्षेत्र भाटवास के बोरवेल के भरोसे है।

- रामनिवास यादव, सहायक अभियंता जलदाय विभाग, रानीवाड़ा

विभाग व राज्य सरकार पेयजल को लेकर संवेदनशील नहीं है, कस्बेवासियों को इस समय पेयजल संकट से सामना कर रहे है, प्रशासन को अविलंब कस्बे में टैंकर से विभिन्न मोहल्लों में पेयजल की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए।

- मिस्त्री फिरोज खां, कस्बावासी, रानीवाड़ा

1 comment:

संगीता पुरी said...

इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!