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Tuesday 23 March 2010

कैसे मिलेगा बालिका शिक्षा को बढ़ावा


बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार सतत प्रयासरत है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला कर बेटियों को शिक्षा से जोडऩे की कवायद में जुटी है, लेकिन कई स्थानों पर सरकारी योजनाएं पूरी तरह से मूर्त रूप नहीं ले पा रही है तो कई स्थान पर सरकारी सम्पत्ति का दुरुपयोग हो रहा है।

तहसील क्षेत्र के पिछड़े समाज की बालिकाओं को शिक्षा से जोडऩे के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय चलाया जा रहा है। इस विद्यालय में बालिकाओं के करियर के प्रति खिलवाड़ हो रहा है। जालेरा के नाम से स्वीकृत व रानीवाड़ा कस्बे में कुछ वर्ष पूर्व खोले गए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में नामांकन और भौतिक सुविधाओं का टोटा है। इस आवासीय विद्यालय में सात कर्मचारियों का स्टाफ हैं। इनमें अध्यापक तो केवल चार ही हैं, बाकी एक कुक, सहायिका तथा एक चौकीदार है। चालू सत्र में विद्यालय में ९0 बालिकाओं का नामांकन था, लेकिन आठवीं की परीक्षा होने के बाद ५० बालिकाएं ही विद्यालय में है।

दो शिक्षिका दोनों डेपुटेशन पर: कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में वर्तमान में एक प्रधानाध्यापक व एक शिक्षक है। प्रधानाध्यापक है, जो शिक्षण तथा विद्यालय प्रबंधन का कार्य भी देखती है। ये दोनों टीचर डेपुटेशन पर लगाई गई हैं। अन्य दो संविदा पर हैं। पर हॉस्टल व क्लास रूम एक ही जालेरा कल्लां में स्वीकृत इस विद्यालय का भवन निर्माणाधीन होने की वजह से फिलहाल यह विद्यालय रानीवाड़ा कस्बे में किराए के मकान में चल रहा है। विद्यालय की हालत काफी खस्ताहाल है। फिलहाल हॉस्टल व क्लास रूम एक ही जगह बना रखा है। दिन में बालिकाओं को यहां लगे तख्तों पर व नीचे बैठाकर पढ़ाई करवाई जाती है तथा रात में बालिकाएं इन्हीं कमरों में सोती हैं।

धूल चाट रही सिलाई मशीनें

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में पढऩे वाली बालिकाओं को पढ़ाई के साथ-साथ स्वरोजगार का प्रशिक्षण देने के लिए विद्यालय बजट से सिलाई मशीन मंगवाई गई थी, लेकिन सिलाई प्रशिक्षक की नियुक्ति नहीं होने से मशीनें अनुपयोगी साबित हो रही हैं। मशीनों को विद्यालय में आए हुए एक माह से ज्यादा का समय हो गया है।

कंप्यूटर बने कबाड़

विद्यालय का भवन किराए पर होने से सामान दुर्दशा का शिकार हो रहा है। भवन में पर्याप्त स्थान व देखभाल के अभाव में काफी परेशानी हो रही है। यही कारण है कि कंप्यूटर सहित सोलर प्लेट, इनवर्टर, खेल सामग्री, आलमारी व पलंग कबाड़ बनते जा रहे हैं। जालेरा में भवन का कार्य धीमी गति से चलने के कारण विद्यालय में अध्ययनरत बालिकाओं का शिक्षण प्रभावित हो रहा है।

ञ्चविद्यालय का नया भवन जालेरा कल्लां में तैयार हो रहा है। किराए के भवन में कमियों को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। कम्प्यूटर व टेलरिंग अध्यापक की नियुक्ति भी शीघ्र करवाई जाएगी।

- तेजाराम विश्नोर्ई, बीआरसीएफ, एसएसए रानीवाड़ा

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