करड़ा !निकटवर्ती करवाड़ा गांव में काफी समय गुजर जाने पर भी प्रशासन द्वारा अभी तक चारा डिपो नही खेला गया है। इस वर्ष अकाल पडऩे से क्षेत्र के पशुपालकों को नाममात्र भी चारा नसीब नही हुआ है।
इसके चलते पशुपालकों को चारे के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा चारा डिपो खोलने के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जबकि करवाड़ा में ग्राम सेवा सहकारी समिति है। चारे के अभाव में पशुपालक मनमाने दाम पर चारा खरीदकर अपने पशुओं का बचाने में लगे हुए हैं। समय रहते चारे की व्यवस्था नहीं हुई तो पशुपालकों को अपने पशुओं को भगवान भरोसे छोडऩे को मजबूर होना पड़ेगा।
कुतर के भाव आसमान पर
चारे के अभाव में कुतर के भावों में दिनों-दिन बढ़ोतरी हो रही है जिसके चलते गांवों में रेत मिली कुतर के भाव प्रतिकिलों सात से आठ रूपया हो गया है। ऐसे में अब पशुपालकों के समक्ष अपने पशुओं को संभालना परेशानी भरा हो गया है। वे इन्हेंं छोडऩे को मजबूर हो रहे हैं।
-पशुपालक पिछले दो -तीन माह से चारे के लिए मारे -मारे घूम रहे हैं, लेकिन चारा नहीं मिल रहा है जिसके चलते चारे के लिए पशुपालकों का पलायन जारी है। वहीं चारे व पानी के अभाव में अब पशुधन को बचाना चुनौती बनी हुई है।
-रतनाराम जाट व केसाराम देवासी, पशुपालक, करवाड़ा
-चारे की समस्या के चलते पशुधन काल कलवित हो रहा है। अभी भी अगर चारे का डिपो खोला जाये तो पशुपालकों को चारे के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
-मानीदेवी,अध्यक्ष, जीएसएस, करवाड़ा
No comments:
Post a Comment