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रतनपुर में गाय पर हमला करने वाले युवक गिरफ्तार, रानीवाडा उपखंड की ताजा खबरों के आपका स्वागत।।

Thursday 30 December 2010

नहर पर पुल बनाने की मांग

रानीवाड़ा
वणधर के किसानों ने कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर बांध से निकलने वाली मुख्य नहर पर पुलिया बनाने की मांग रखी है। पंचायत समिति सदस्य उगमदेवी मेघवाल ने बताया कि वणधर बांध के सामने मुख्य नहर पर पुल नहीं होने के कारण रोपसी गांव जाने वाले लोगों को आवागमन में भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। 

लिहाजा किसानों को लंबा रास्ता तय कर रोपसी जाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि नहर पर पुल निर्माण का कार्य सिंचाई विभाग द्वारा स्वीकृत होने के बाद विभागीय अधिकारियों के लापरवाही के चलते कार्य नहीं करवाया जा रहा है। उन्होंनें बताया कि वणधर बांध में पानी की अच्छी आवक होने से आस-पास के कृषि कुओं का जलस्तर बढ़ा है। जलस्तर को बढ़ाने को लेकर बांध का पानी नहरों या नदी में नहीं छोड़ा गया है। किसानों ने मांग की है कि बांध के पेटा कास्त भूमि में आए हुए किसानों को मशीन लगाकर पानी का दोहन करने की स्वीकृति दिलावे, ताकि किसान कम लागत से अच्छी फसल तैयार कर सके। उन्होंने कहा कि बांध में इन दिनों कुछ मशीनों द्वारा किसान पानी का दोहन कर फसल तैयार कर रहे हंै।

Wednesday 29 December 2010

आरक्षण मुद्दे पर सीएम से मिला प्रतिनिधिमंडल

रानीवाड़ा

विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल रेबारी, बंजारा और गाडोलिया लुहार समाज के प्रतिनिधियों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर मांग की है कि आरक्षण को लेकर सरकार से होने वाली वार्ताओं में उनके प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। समुदाय विशेष के साथ समझौते उन्हें मान्य नहीं होंगे।

जयपुर से लौटे प्रतिनिधि मंडल के सदस्य गोदाराम देवासी ने बताया कि एसबीसी वर्ग की तीन जातियों के लोगों के साथ न्याय दिलाने की बात को लेकर सोमवार को एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला और मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में बताया गया है कि न्यायालय के आदेशों की तुरंत पालना करते हुए समिति का गठन कर डॉटा एकत्रित करने का कार्य हाथ में लेना चाहिए। इन समाज ने मांग की कि सामाजिक सर्वेक्षण व अन्य मुद्दों पर तालमेल व सामाजिक सूचनाओं के लिए प्रदेश, जिला व तहसील स्तर पर कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाए। इन समाजं के अधिकांश परिवार राज्य से बाहर हंै। ऐसे में इनके आंकड़ें जुटाने में सावधानी बरती जाए।

उपसमिति से भी मिले : तीनों जातियों के प्रतिनिधियों ने मंत्री मंडलीय उप समिति से भी मुलाकात कर समाज के लोगों की भावनाओं से अवगत कराया। उन्होंने सर्वे में जल्दबाजी करने में समाज को होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। समिति के तीनों सदस्य जितेंद्रसिंह गुर्जर, बृजकिशोर शर्मा व शांति धारीवाल ने इनकी मांगों पर विचार कर रेबारी, बंजारा व गाडलिया लुहार समाज को भी गुर्जरों के समान प्रतिनिधित्व दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने भी इन तीनों समाजों के प्रतिनिधियों से काफी लंबी बातचीत करते हुए बताया कि सरकार द्वारा पारित विधेयक के तहत आरक्षण दिलवाया जाएगा। सरकार चाहती है कि न्यायालय के फैसले के अनुसार सर्वे हो। नौकरियों में एक प्रतिशत का लाभ मिलता रहेगा तथा 4 प्रतिशत पद सृजित कर आरक्षित रखे जाएंगे तथा जब भी उच्च न्यायालय का निर्णय होगा तब इस वर्ग को इन पदों पर नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा।

क्या हंै सामाजिक मांगें

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कई मांग की गई हैं। इनके अनुसार पशुपालक कल्याण बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियां शीघ्र कर देवनारायण बोर्ड की तरह बजट आवंटित करने, रेबारी समाज के विद्यार्थियों की आवास समस्या के लिए जयपुर व कोटा में रियायती दर पर भूखंड का आवंटन किया जाए। घुमंतू होने की वजह से रेबारी समाज के लोगों को नि:शुल्क पशु बाड़ा के लिए भूखंड़ का आवंटन किया जाए, सुरक्षा के लिए शस्त्र का लाइसेंस दिया जाए। निष्क्रमण के दौरान पशुपालकों की जन हानि होने पर ५ लाख एवं घायल होने पर २ लाख रुपए राहत राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से आवंटित की जाए। बंजारा एवं गाडलिया समाज के लोगों ने भी इस वर्ग को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए अलग से बोर्ड गठित कराने, निशुल्क भूखंड दिलाने, जाति प्रमाण पत्र बनाने में भ्रांतियों का निवारण कराने व समस्त समाज को बीपीएल श्रेणी में जोडऩे की मांग की है।

Saturday 25 December 2010

प्रतिभाओं को तराशा जाए : देवासी

रानीवाड़ा
निकटवर्ती डूंगरी के हंसाराम महाराज मंदिर में तहसील स्तरीय मेघवाल समाज के प्रतिभावान सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक रतन देवासी व अध्यक्ष के रूप में जसमूल डेयरी प्रबंधक एम.एल. गरवा सहित कई संत महात्माओं और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। समारोह को संबोधित करते हुए विधायक देवासी ने कहा कि प्रतिभाएं ग्रामीण क्षेत्र में ही मिलती हैं। समारोह को आबकारी खीमाराम परमार, जसमूल डेयरी प्रबंधक, शिक्षक नेता वीराराम वाघेला, पूनमाराम सोलंकी, रतीराम कटारिया, पूंजाभाई व बाबूलाल सोलंकी सहित कई जनों से संबोधित कर समाज हित की बात कही। बाद में समाज की प्रतिभाओं को स्मृति चिह्न व प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए। संत गणेशनाथ महाराज सांचौर द्वारा प्रतिभाओं को सिल्वर मेडल प्रदान किए गए। इस अवसर पर नानजीराम गुलशर, जिला उपप्रमुख मूलाराम राणा, कृषि मंडी चेयरमैन समरथाराम, समाजसेवी हरजीराम देवासी, जिला परिषद सदस्य वजाराम पावटी, संत गणेशनाथ महाराज, शिवनाथ महाराज, बगदाराम महाराज, लाधाराम धामसीन, अशोक परमार, अशोक चौहान, चौथाराम, शांतिलाल, जसाराम, हेमाराम, कृष्णलाल, पोपटलाल, जेठाराम व मिलापचंद सहित कई जने उपस्थित थे। समारोह का संचालन झालाराम परिहार ने किया।

रात भर दिया धरना

रानीवाड़ा
जाखड़ी गांव में गत शनिवार को शिक्षक के साथ हुए मारपीट के मामले में कोई कार्यवाही नहीं होने और लापरवाही बरतने के आरोप में रानीवाड़ा थानाधिकारी को लाइन हाजिर करने की मांग को लेकर गुरुवार सवेरे से दिया गया कलबी समाज का धरना पूरी रात जारी रहा। समाज के लोग अपनी मांग को लेकर अड़े रहे। 

दूसरे दिन शुक्रवार को दिनभर चली वार्ता के बाद मामले के जांच अधिकारी बदलने और शीघ्र ही गिरफ्तारी करने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया। इस बीच इस मामले में राजपूत समाज ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया और एसपी को ज्ञापन सौंपकर मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप लगाए और कुछ धाराएं हटाने की मांग की।

शिक्षक रमेश कुमार चौधरी पर हुए जानलेवा हमले के आरोपियों को गिरफ्तार करने और लापरवाही बरतने पर रानीवाड़ा थानाधिकारी को हटाने की मांग को लेकर कलबी समाज ने गुरुवार सवेरे ११ बजे से थाने के समक्ष धरना शुरू किया था। इस मामले में कोई आश्वासन नहीं मिलने पर समाज के लोग पूरी रात थाने के समक्ष धरने पर बैठे रहे। शुक्रवार सवेरे धरना स्थल पर समाज के और भी लोग पहुंच गए। दोपहर दो बजे धरना स्थल पर सांसद देवजी पटेल एवं पूर्व विधायक रतनाराम चौधरी पहुंचे। 

उन्होंने पुलिस कार्यवाही पर नाराजगी जताई और कहा कि पुलिस पूरे मामले में गंभीरता नहीं बरत रही है। दिनभर चले इस घटनाक्रम के बाद दो दिन से यहां मौजूद एएसपी यूएन छानवाल, डीएसपी रामदेवसिंह डूकिया भीनमाल एवं जयपालसिंह यादव सांचौर ने संासद सहित कलबी समाज के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। बाद में सभी धरना स्थल पर पहुंचे। यहां धरने को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि वार्ता के दौरान पुलिस प्रशासन ने उनकी मांगें मान ली हैं। उन्होंने कहा कि थानाधिकारी दिनेशकुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है तथा जांच अधिकारी के रूप में रामदेवसिंह एवं कैलाशदान चारण को नियुक्त किया गया है। आरोपियों को अतिशीघ्र गिरफ्तार कर दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद कलबी समाज के लोगों ने धरने को स्थगित कर दिया। हालांकि बाद में पत्रकारों से बातचीत में एएसपी ने इस बात से इनकार किया कि थानाधिकारी को लाइन हाजिर किया गया है।

जालोर में किया प्रदर्शन

इधर, इस मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने और बेवजह धाराएं जोडऩे के विरोध में राजपूत समाज ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। दोपहर बाद समाज के कई लोग रानीवाड़ा से जालोर पहुंचे। इस दौरान जालोर से भी कई लोग एकत्रित हुए। बाद में इन सभी ने एक रैली निकाली और कलेक्ट्रेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान इन लोगों ने टायर भी जलाए। इसके बाद समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसपी राजेश मीणा को उनके कक्ष में ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया गया कि रानीवाड़ा थाने मेंं दर्ज इस मामले में राजनीतिक दबाव के कारण निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है। साथ ही बेवजह कुछ धाराएं जोड़ दी गई हैं। ज्ञापन में मामले की निष्पक्ष जांच और धारा ३०७ हटाने की मांग की गई। इस दौरान समाज के रघुनाथसिंह, भवानीसिंह, सुमेरसिंह, दातारसिंह, गंगासिंह, चंद्रवीरसिंह, बन्नेसिंह, राजपूत करणी सेनी के जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह, महिपालसिंह और गोविंद सिंह, जितेंद्रसिंह, गजेंद्रसिंह, महेंद्रसिंह, कृष्णपालसिंह, धर्मवीरसिंह, विजेंद्रपालसिंह, जितेंद्रसिंह सोढ़ा, महेंद्रपालसिंह भाटी, जनकसिंह और प्रवीणसिंह देवड़ा समेत कई लोग मौजूद थे।

थानाधिकारी छुट्टी पर

रानीवाड़ा. एक ओर धरने को संबोधित करते हुए जहां सांसद देवजी पटेल ने कहा कि थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर धरना स्थगित होने के बाद हुई प्रेसवार्ता में एएसपी यूएल छानवाल ने कहा कि थानाधिकारी को लाइन हाजिर नहीं किया गया है, वे लंबी छुट्टी पर गए हैं। उन्होंने कहा कि मामले के जांच अधिकारी भी बदल दिए गए हैं। साथ ही उन्होंनें आश्वासन दिया कि अतिशीघ्र आरोपियों की गिरफ्तारी कर दी जाएगी। इस संबंध में फोन पर एसपी राजेश मीणा ने भी थानाधिकारी को लाइन हाजिर करने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि थानाधिकारी लंबी छुट्टी पर गए हैं। इधर, पुलिस अधिकारियों की ओर से इस तरह के बयान देने के बाद सांसद देवजी पटेल ने 'भास्करÓ को बताया कि पुलिस को वार्ता के दौरान यह नहीं कहना चाहिए था कि हम थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर रहे हैं।

Thursday 23 December 2010

मामले की निष्पक्ष जांच को -देवजीभाई

रानीवाड़ा।
शारीरिक शिक्षक रमेशकुमार चौधरी के उपर हुए कातिलाना हमले को लेकर आज बुधवार को कस्बे में पुलिस थाने के सामने चौधरी समाज के द्वारा विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस मौके पर चौधरी समाज के हजारों लोगों द्वारा प्रशासन के खिलाफ नारे बाजी कर विरोध प्रकट किया गया। धरना प्रदर्शन को लेकर सुबह 11 बजे से ही चौधरी समाज के लोगों द्वारा विशाल रैली का आयोजन कर पुलिस थाने के सामने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उन्होनें पुलिस थाना परिसर को घेर लिया तथा पुलिस पर आरोपो की झड़ी लगाते हुए तत्काल प्रभाव से उचित न्याय की मांग की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व उपप्रधान प्रेमाराम चौधरी ने कहा कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हो जाती, समाज का एक भी व्यक्ति धरना प्रदर्शन से नही हटेगा। उन्होंनें प्रशासन पर लेटलतिफि का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज द्वारा सोमवार को चेतावनी दी गई थी, कि अगर 22 दिसम्बर की शाम तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही होती है तो समाज धरना प्रदर्शन करेगा, परंतु अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नही होने से समाज में भारी रोष व्याप्त है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान नेता सोमाराम चौधरी ने कहा कि समाज की एक महिला को सड़क दुघर्टना में मारने के बाद उसी के भतिज पर प्राणघातक हमला कर निष्पक्ष जांच की मांग करना राजपुत समाज को शोभा नही देता है। पुलिस को चाहिए कि मामले की बिना किसी पक्षपात के न्यायिक जांच कर आरोपियों को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार करे तथा पीडि़तों को न्याय दे।



कार्यक्रम को वरिष्ठ नेता सवदाराम चौधरी, मकनाराम चौधरी सहित समाज के कई व्यक्तियों ने संबोधित किया। निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर देर शाम को पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह देवल ने धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर चौधरी समाज के हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पीडि़तों को तत्काल प्रभाव से न्याय मिले। मामले में किसी भी प्रकार का कोई राजनीतिकरण ना हो। देवल ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पानी मांगने पर बंदुल की गोली से जवाब देती है। इस बात का ताजा उदाहरण चौधरी समाज द्वारा पूरे दिन धरना प्रदर्शन किए जाने के बावजूद भी आश्वासन तक नही देना है। देवल ने वर्तमान सरकार को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि उक्त घटना को बीते करिबन सप्ताह भर से अधिक वक्त गुजर गया है, परंतु विधायक व प्रशासन की लापरवाही के चलते उक्त मामले को लेकर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नही की जा रही है। देर शाम तक एडीसनल एसपी के मौके पर नही पहुंचने के कारण देवल के नेतृत्व में हजारो की तादाद में लोगों का जमावड़ा यथावत था।
इधर उक्त धरने को लेकर आज दिन भर मुख्य मार्ग पर यातायात प्रभावित रहा। जिससे कई वाहनों को आवागमन भारी परेशानी सामना करना पड़ा। उधर मामले की गंभीरता को लेकर उपखंड़ अधिकारी कैलाशचंद्र शर्मा तथा भीनमाल वृताधिकारी रामदेवसिंह मौका स्थल पर समझाईस को लेकर दिन भर जमे रहे।

देर रात तक जमे रहे:- रात्रि ९ बजे सांसद देवजीभाई ने भी धरना स्थल पर भीड़ को संबोधित कर न्याय नही मिलने तक धरना जारी रखने की घोषणा की। समाचार लिखे जाने तक धरना पुलिस थाने के सामने जारी है। लोग सड़कों पर बिस्तर लगा कर सो रहे है।

Wednesday 22 December 2010

घुमंतू जातियों को नहीं मिल पाया शिविर का लाभ

रानीवाड़ा
जिले की नौ जातियों के बीपीएल कार्ड अब बनाए जाएंगे। इन जातियों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को राजस्व अभियान के तहत चिह्नित किया जाएगा और मौके पर ही बीपीएल कार्ड बनाए जाएंगे। इसके लिए उपखंड अधिकारियों को अधिकृत किया गया है, लेकिन सरकारी निर्देशों का प्रसार-प्रचार नहीं होने से इनका लाभ इन जातियों को नही मिल रहा है। एक माह पूर्व जारी हुए यह आदेश अभी तक हवा होते नजर आ रहे हैं। इनका पर्याप्त प्रसार -प्रचार होने पर अभी तक हजारों लोग शिविरों में लाभांवित हो सकते थे।

मुख्य सचिव के आदेश : प्रदेश के मुख्य सचिव एस अहमद ने अपने पत्र क्रमांक 62514-640 दिनांक 18.11.2010 के जरिए जिला प्रमुख, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, समाज कल्याण अधिकारी को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। जिसमें बताया गया है कि घुमंतू होने के कारण इन सभी जातियों के लोग सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप सेे अत्यन्त कमजोर हैं। पात्रता होने के बावजूद अधिकांश परिवार बीपीएल सूची में शामिल होने से वंचित रह गए हैं। ऐसे में इन्हें बीपीएल कार्ड के माध्यम से मिलने वाली सुविधाओं इन्दिरा आवास योजना, राशन कार्ड, जाति-प्रमाण पत्र का लाभ इन लोगों को पात्रता के बावजूद नहीं मिल पाया है।

एसडीएम को है अधिकार

मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र के अनुसार उपखण्ड अधिकारी को इन जातियों को बीपीएल सूची में संशोधन का अधिकार प्राप्त है। इसलिए राजस्व अभियान के तहत इन घुमंतू जातियों के लोगों से स्वघोषणा शपथ पत्र या सामान्य आवेदन पत्र लेकर उन्हें उनके पैतृक जिले एवं गांव जहां ये लोग अधिकांशत: निवास करते हैं, वहां इन्हें विधिवत बीपीएल नम्बर उपलब्ध कराएं। साथ ही राशन आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जानी है।

यह हैं जातियां

जिन जातियों के लोगों को बीपीएल कार्ड के लिए राजस्व अभियान में चिह्नित किया जाएगा उनमें राईका-रेबारी, कंजर, सांसी, नट, कालबेलिया, गाड़ोलिया लोहार, बंजारा, खेरवा तथा बागरिया जाति शामिल हैं। 

घुमंतू जाति के लोग होंगे लाभान्वित

-गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की सूची में संशोधन करने का अधिकार दिया गया है। प्रशासन गांवों के संग शिविरों में आने वाले ऐसे मामलों के आवेदन पर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए घुमंतु जाति के लोगों को लाभांवित किया जाएगा।

- कैलाशचंद्र शर्मा, एसडीएम रानीवाड़ा


_बाल कृष्ण रैनके आयोग की रिपोर्ट को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। ताकि वंचित जातियों को लाभांवित किया जा सके। वैसे यह आदेश स्थायी रूप से है। इन जाति वर्ग का वंचित व्यक्ति कभी भी लाभ ले सकता है।

- रतन देवासी, विधायक, रानीवाड़ा

मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा

-बाड़मेर जिले में हजारों राईका-रेबारी जाति के घुमंतु लोगों को शिविरों के दौरान बीपीएल वर्ग में लिया गया है, लेकिन जालोर जिले में जानबूझकर प्रशासनिक अधिकारी सरकारी निर्देशों की पालना करने से कतरा रहे हंै। इस बारे में शीघ्र ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा।

- हरजीराम देवासी, संयोजक, जिला रेबारी विकास मंच

झील सी सुंदरता पर बबूल का दाग

राव गुमानसिंह 
रानीवाड़ा!
प्रकृति इस बार तहसील क्षेत्र पर जमकर मेहरबान हुई है। चारों ओर जहां पहाड़ हरियाली से घिरे नजर आते हैं वहीं क्षेत्र के झरनों से आज भी कलकल करता पानी बह रहा है। प्रकृति की इसी मेहरबानी से क्षेत्र का वणधर बांध में इन दिनों झील सा झूमता नजर आ रहा है। पिछले साल तक सूख चुके इस बांध में इस बार पानी की इतनी आवक हुई है कि यहां ना केवल मछली पालन हो रहा है बल्कि पर्यटकों के लिए नौकायन का भी अवसर है। ऐसे में यहां पर्यटन की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन इस मनोहारी केंद्र को भी सरकारी बेपरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बांध के चारों ओर जहां जगह जगह बबूल खड़ा है वहीं कई लोग अवैध रूप से मशील लगाकर इसका पानी खींच रहे हैं। जिसे रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। प्रकृति मेहरबानी, प्रशासन बेपरवाह : इस बांध पर भले ही प्रकृति मेहरबान हो गई हो, लेकिन सरकारी उदासीनता यहां भी दिखाई दे रही है। बांध के चारों ओर बबूल की झाडिय़ां उग आई हैं। जिसके कारण यहां गंदगी रहती है। अगर इन झाडिय़ों को साफ कर दिया जाए तो यहां का सौंदर्य और भी निखर सकता है। बांध के तल में भी बबूल होने के कारण नाव संचालन में परेशानी आती है। इसके अलावा कुछ लोग यहां अवैध रूप से मशीन लगाकर पानी खींचने का भी काम रहे हैं। जिस पर भी अंकुश जरूरी है। स्थानीय लोगों ने कई बार इस संबंध में सिंचाई विभाग को ज्ञापन भी सौंपा है। 

पर्यटन की हैं संभावनाए

रानीवाड़ा तहसील क्षेत्र में वन्य जीव, धार्मिक और ऐतिहासिक ट्यूरिज्म की अपार संभावनाएं हंै, लेकिन इस धरोहर को पर्यटन के लिहाज से न तो सरकार समझ पाई और न ही निजी क्षेत्र। सरकार ने भी पर्यटन सर्किट पर कम ध्यान दिया है। रानीवाड़ा व जसवंतपुरा पहाड़ों और जगलों की गोद में बसे हैं। दोनो क्षेत्रों में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हंै। रानीवाड़ा तहसील में वणधर व जेतपुरा बांध, सेवाड़ा का पातालेश्वर शिव मंदिर, सिलासन का सिलेश्वर मंदिर, वणधर की प्राचनी वावड़ी, कोटड़ा का आंद्रेश्वर मंदिर, कूड़ी महादेव मंदिर, रानीवाड़ा खुर्द के पहाड़ पर बिल्व वृक्षों का वन, बारहमासी सुकळ नदी, बडग़ांव गढ़ एवं जसवंतपुरा क्षेत्र में सुंधामाता मंदिर, भालू अभ्यारण्य, खोडेश्वर शिव मंदिर, कारलू बोटेश्वर मंदिर, जसवंतपुरा पर्वत पर मिनी माउंट समेत दर्जनों स्थल हैं। जहां हर साल सैकड़ों लोग आते हैं।

फिर होने लगा मछली उत्पादन

बांध में आया पानी यहां के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आया है। कुछ सालों पूर्व तक बांध में मछली उत्पादन होता था, लेकिन बीच में बरसात की कमी के कारण यह काम बंद करना पड़ा। इस साल हुई बरसात के बाद आए पानी में अब एक बार फिर यहां मछली उत्पादन किया जा रहा है। इसके लिए यहां बाकायदा निविदा की गई है। जिसके बाद ठेकेदार ने बांध में मछली के बीज छोड़े हंै। अभी मछली का आकार छोटा है। फरवरी माह के बाद मछली बड़ी होने पर जाल से उन्हें एकत्रित किया जा सकेगा। इसी प्रकार यहां नौकायन का भी काम शुरू किया है। शुरू शुरू में नाव संचालन मछली उत्पादन के लिए किया जा रहा था, लेकिन अब यहां आने वाले लोगों की फरमाइश पर उन्हें भी इसकी सैर करवाई जाती है। लबालब भरे बांध में लोगों के लिए नाव में सफर करना रोमांचकारी होता है। फोटोग्राफी के शौकिन लोगों को यहां की साइट पसंद आने लगी है।

बांध के संरक्षण के लिए प्रयास कर कार्ययोजना बनानी चाहिए

-बांध के खूबसूरत किनारें पर्यटकों को लुभाने के लिए पर्याप्त हंै। सरकार एवं जिला प्रशासन को यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर कार्ययोजना बनानी चाहिए।

- मोड़ाराम मेघवाल, वणधर



-बांध में जंगली बबूल झाड़ी का रूप ले रहे हंै। जो कि इसकी सुंदरता के लिए दाग है। प्रशासन को बांध के सरंक्षण व संवर्धन के प्रयास करने चाहिए।

- पृथ्वीसिंह राठौड़, मछली पालक, वणधर

Tuesday 21 December 2010

राजपुत समाज ने भी ताल ठोंकी, धारा ३०७ हटाओं

रानीवाड़ा।
क्षेत्र के राजपुत के समाज के लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर रमेश चौधरी की मारपीट के संदर्भ में निर्दोष व्यक्तियों को जूठा फसाने का आरोप लगाया है। छैलसिंह रतनपुर ने बताया कि शनिवार को शाम को रमेश चौधरी के साथ कुछ व्यक्तियों ने मारपीट कर चोटे पहुंचाई थी। उक्त घटना को राजनीतिक रूप दिया जा रहा है। उन्होंनें बताया कि जाति विशेष के लोगों एवं जनप्रतिनिधियों के प्रभाव के चलते जबरन संगीन धाराओं को मुकदमें में जोड़ा जा रहा है, जो कि न्यायोचित नही है। उन्होंनें कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कर निर्दोष व्यक्तियों के साथ न्याय किया जाए। इस अवसर पर ठाकुर रणजीतसिंह मेत्रीवाड़ा, ठाकुर रघुवीरसिंह आजोदर, नवलसिंह रानीवाड़ा, ठाकुर छैलसिंह सिंगावास, ठाकुर रघुनाथसिंह धामसीन, फतेहसिंह रानीवाड़ा खुर्द, उकसिंह डूंगरी, ठाकुर केशरसिंह जोड़वास, रेवतसिंह जाखड़ी, जीवसिंह रतनपुर, पदमसिंह, शंभुसिंह, रणजीतसिंह, भीखसिंह, केशरसिंह, जब्बरसिंह, इंद्रसिंह, डूंगरसिंह, शेरसिंह, मदनसिंह, बलवंतसिंह, सुजानसिंह, परबतसिंह सहित राजपुत समाज के सैकड़ों लोग मौजूद थे।
गौरतलब यह है कि रमेश चौधरी प्रकरण के बाद रानीवाड़ा क्षेत्र में दिनों दिन परिस्थितियां बदल रही है। सोमवार को सांसद देवजीभाई पटेल ने कलबी समाज के लोगों के साथ पुलिस थाने के सामने धरना देकर राजनेतिक दबाव पैदा करने का प्रयास किया था, वहीं आज देवड़ा राजपुतों ने भी इस घटना के विरोध में एसडीएम को ज्ञापन देकर संघर्ष करने की ताल ठोक दी है। मूंछ का बाल बने इस मामले में दोनो जातियों में वर्ग संघर्ष छिडऩे का अंदेशा जताया जा रहा है।

Monday 20 December 2010

सांसद सड़क पर बैठे, पुलिस पर आरोप, कलबी समाज में आक्रोश

रानीवाड़ा(20.12.2010)

रमेश चौधरी पर हुए कातिलाना हमले में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर आज पुलिस थाने के सामने सांसद देवजीभाई पटेल एवं पूर्व विधायक रतनाराम चौधरी के नेतृत्व में हजारों कलबी समाज के लोगों ने सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। लोग आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इससे पूर्व कस्बे में कलबी समाज के लोगों ने विरोध शुरू रेली भी निकाली।
जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम को जाखड़ी गांव के तिराहे पर धानोल निवासी रमेश चौधरी पर पांच व्यक्तियों ने घात लगाकर हमला किया था। जिससे रमेश चौधरी गंभीर रूप से घायल होकर अहमदाबाद के अपोलो हॉस्पीटल में भर्ती है। आज तीसरे दिन पुलिस के द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी नही करने पर कलबी समाज के लोगों में रोष देखा गया। बाद में समाज के लोगों ने आंजणा छात्रावास में आवश्यक बैठक का आयोजन सांसद देवजी भाई पटेल के नेतृत्व में किया। जिसमें सांसद ने पूरी घटना की जानकारी लेकर वहां से रैली के रूप में पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस थाने के गेट पर खड़े होकर उन्होंनें थानाधिकारी दिनेशकुमार को बुलाकर मामले की जांच के बारे में प्रश्र किए। सांसद के द्वारा संतुष्ट नही होने पर वे थाने के सामने ही सड़क पर बैठ गए। उनके बैठते ही हजारो की तादाद में कलबी के समाज के लोगों ने भी सड़क पर बैठकर दोनों ओर से रास्ता बंद कर दिया। जिससे आवागमन बंद हो जाने से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई। बाद में मौके पर पूर्व विधायक रतनाराम चौधरी, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रेमाराम चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधि भी सड़क पर बैठकर सांसद के साथ पुलिस प्रशासन के विरूद्ध बयानबाजी करने लगे। घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को देने के बाद एसडीएम कैलाशचंद्र शर्मा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंनें लोगों के बीच जाकर समझाईस करने का प्रयास किया।
सांसद पटेल ने कहा कि उक्त मामला कातिलाना हमले के उपरांत पुलिस ने मामूली मारपीट का मामला दर्ज किया है। जो कि न्याय के विरूद्ध है। उन्होंने उक्त मामले में धारा ३०७ सहित दो अन्य धाराए जुडवाने एवं दो दिनों के भीतर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग रखी। एसडीएम की पहल पर थानाधिकारी ने मौके पर ही तीन अन्य धाराए जोड़कर मामले की तफ्तीश शुरू करने का वायदा किया तथा 22 दिसम्बर शाम से पहले सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का भी आश्वासन दिया। एसडीएम की मध्यस्थता पर सांसद एवं पूर्व विधायक ने दो दिन की मोहलत देने का निर्णय कर विरोध प्रदर्शन को स्थगित कर भीड़ को विसर्जित किया। सांसद ने प्रशासन को चेतावनी देकर कहा कि 22 दिसम्बर तक गिरफ्तारी नही होने पर 23 दिसम्बर को रानीवाड़ा मुख्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर समाज के कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी सहित व्यवसायी भी उपस्थित थे।

कातिलाना हमले में युवक घायल, अहमदाबाद रैफर, समाज में तनाव।

रानीवाड़ा(19.12.2010)
निकटवर्ती जाखड़ी में तीन रास्ते पर शनिवार शाम को पूर्व रंजिश के चलते घात लगाकर किए गए प्राणघातक हमले में युवक को गंभीर रूप से घायल किया गया है। युवक रतनपुर राउप्रावि में शारीरिक शिक्षक है। घायल का अहमदाबाद के अपोलो हॉस्पीटल में ईलाज चल रहा है। घटना के बाद कलबी जाति में तनाव देखा जा रहा है। कई जगह समाज की बैठके आयोजित की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों पूर्व जीप की टक्कर से हुई एक वृद्धा की मौत की रंजिश के चलते जाखड़ी व धानोल में तनावग्रस्त स्थितिया बनी हुई थी। इसी दौरान धानोल निवासी रमेशकुमार चौधरी हॉल पीटीआई रतनपुर धानोल से जाखड़ी आ रहा था। जाखड़ी तीन रास्ते पर घात लगाकर बैठे शैतानसिंह, मूलसिंह, गुमानसिंह, कालुसिंह व विक्रमसिंह ने धारदार हथियारों से रमेश पर अचानक हमला बोल दिया। जिससे उसके सिर व अन्य अंगों पर गंभीर रूप से चोटे पहुंची। रमेश उसी जगह बैहोश हो गया। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। रमेश के परिजनों ने पुलिस की मदद से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रानीवाड़ा में भर्ती करवाया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉ. हरीश जीनगर ने उसे ईलाज के लिए आगे रेफर किया। बाद में परिजनों ने उसे मेहसाना भर्ती करवाया, वहां भी डॉक्टरों के मना करने पर उसे अहमदाबाद के अपोलो हॉस्पीटल में भर्ती करवाया। जहॉ डॉक्टरों ने बताया कि रमेश फिलहाल कोमा की स्थिति में है।
दूसरी ओर आज रविवार को रमेश के भाई कमलेशकुमार पुत्र भावाजी निवासी धानोल पुलिस थाना रानीवाड़ा में उपस्थित होकर उक्त मामला दर्ज करवाया। थानाधिकारी दिनेशकुमार ने बताया कि उक्त मामला धारा १४३, ३४१ व ३२३ में फिलहाल दर्ज किया गया। मेडिकल की रिपोर्ट व अनुसंधान के बाद अतिरिक्त धाराए जोडी जा सकेगी। आरोपी रविवार शाम तक फरार बताए जा रहे है। पुलिस उनकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। कलबी समाज के लोगों ने आज सैकड़ों की तादाद में पुलिस थाने में हाजिर होकर मामले में लिप्त आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी करने की मांग की है।

Wednesday 15 December 2010

रानीवाड़ा में मास्टर प्लान के लिए शुरू हुआ सर्वे

रानीवाड़ा
शहर के सौंदर्यकरण और नवनिर्माण को लेकर मंगलवार से सर्वे कार्य शुरू हुआ। इस दौरान विधायक रतन देवासी भी मौजूद थे और उन्होंने इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। सर्वे के तहत कस्बे में विभिन्न आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ ही आगामी दस वर्ष की योजनाओं और जरूरतों को ध्यान में रखकर प्लानिंग तैयार की जाएगी।

कंपनी के इंजीनियर भैरूसिंह सांखला ने बताया कि ग्राम पंचायत रानीवाड़ा कलां द्वारा करवाए जा रहे इस सर्वें में सड़कों की भौगोलिक स्थिति, नालियों की धरातलीय आवृति, गली मौहल्लों की लंबाई एवं चौड़ाई, पुरानी नालियों का रिनोवेशन कार्य सहित पेयजल की भूमिगत पाईप लाईनों का लेवलिंग, कच्ची सड़कों की लेवलिंग, सरकारी भवनों का चिन्हीकरण, विद्युत पोलों की स्थिति और राजस्व भूमि का चिन्हीकरण के कार्य किया जाएगा। 

सरपंच गोदाराम देवासी ने बताया कि कस्बे की भौगोलिक बनावट समतलीय नहीं होकर उबड़-खाबड़ है। जिससे दूषित एवं बरसाती पानी की निकासी सूचारू रूप से नहीं हो पाती है। इस समस्या को देखते हुए विधायक रतन देवासी की अनुशंषा पर ग्राम पंचायत की निजी आय से कस्बे का बहुआयामी सर्वे कार्य करने का निर्णय लिया गया है। यह कार्य जोधुपर की फर्म हेमाराम चौधरी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद सीवरेज, डे्रनेज सहित पेयजल व्यवस्था को लेकर अलग-अलग चरण में विकास कार्य का तकमीना तकनीकी अधिकारियों के दिशा-निर्देशन में बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान में विभिन्न राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए गांव स्तर पर 11 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा।

यह होंगे फायदे : कस्बे का मास्टर प्लान तैयार होने से कई फायदे होंगे। सबसे पहले तो इससे विकास कार्यों को एक नई दिशा मिलेगी। पूरे कस्बे की जरूरतों का आंकलन हो सकेगा। शहर में खाली पड़ी सरकारी जमीनों का सही उपयोग हो सकेगा। इसके अलावा आने वाले दस साल की जरूरतों के अनुसार अभी से योजनाएं बनाई जा सकेंगी।

- सर्वे में आवासीय, व्यवसायी योजनाओं के अलावा स्कूल, कॉलेज, होटल, सिनेमा और मनोरंजन की कई योजनाएं सम्मिलित की गई हंै। मास्टर प्लान बनाते समय इस बात का खयाल रखा गया है कि आने वाले दिनों में रानीवाड़ा एक नए स्वरुप में ढल सके।

- रतन देवासी, विधायक रानीवाड़ा

विश्व धरोहर के लिए टूट रहा जालोर का सपना

वल्र्ड हैरिटेज सूची में शामिल करने को लेकर चल रही थी जालोर दुर्ग की कवायद। राज्य के सात पहाड़ी दुर्गों में किया गया था शामिल। पुरातत्व विभाग की ओर से नियुक्त कंसलटेंट ने किया जालोर दुर्ग का निरीक्षण, पहले ही दौर में जताई जालोर दुर्ग को शामिल किए जाने पर आशंका। कहा- कई प्राथमिकताओं को पूरा नहीं करता जालोर दुर्ग। अभी सौंपी जानी है अंतिम रिपोर्ट।

कई सदियों से अपने शौर्य और इतिहास के बूते सीना तानकर खड़े जालोर दुर्ग को राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता का खामियाजा भुगतना पड़ा है। वल्र्ड हैरिटेज सूची में शामिल करने के लिए राजस्थान के सात प्रमुख किलों के सर्वे के पहले ही दौर में जालोर दुर्ग की संभावनाएं कम हो गई हैं। जालोर आई सर्वे टीम ने दुर्ग में कई कमियां बताते हुए इस बात की आशंका जताई है कि शायद इसे सूची में शामिल ना किया जाए। जिससे इस एतिहासिक इमारत की विश्व एतिहासिक धरोहर के रूप में पहचान बनाने की कवायद का झटका लगा है। जंतर मंतर के बाद सरकार ने राज्य के सात किलों को वल्र्ड हैरिटेज सूची में शामिल करवाने के लिए चयन किया था। जिसमें चित्तौडग़ढ़, रणथम्बौर, कुंभलगढ़, गागरोन, बाला किला अलवर, आमेर और जालोर दुर्ग भी शामिल था। जिसके प्रथम चरण के तहत राज्य सरकार व भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से नियुक्त कंसलटेंट की टीम ने इन किलों का सर्वे किया। इसके बाद वह अपनी सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। यह सर्वे टीम पिछले दिनों जालोर आकर गई है और अब अपनी रिपोर्ट अंतिम तौर पर तैयार कर रही है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे इसके लिए प्रयास करें जो कमियां रही हैं उन्हें दूर कर दूसरे चरण के सर्वे में दुर्ग की संभावनाओं को मजबूत करें।
सरकार और विभाग ने करवाया सर्वे
राज्य के इन सात दुर्गों को वल्र्ड हैरिटेज सूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय पुरातत्व विभाग ने एक नीजि कंपनी की मदद से सर्वे करवाया। इस टीम ने आठ दिसंबर को जालोर दुर्ग का अवलोकन किया। राज्य सरकार की ओर से नियुक्त कंसलटेंट शिखा जैन और उनकी एक साथी ने यहां आकर पूरा दुर्ग देखा। इसके बाद इस टीम ने चितौड़ और गागरोन का किला देखा। सर्वे के लिए इस टीम ने कई मापदंड तय किए थे जिसके आधार पर इन्हें अपनी रिपोर्ट तैयार करनी थी। वैल्र्ड हैरिटेल में शामिल करने के लिए कुल दस बिंदु बनाए गए हैं। जिसमें किले की स्थापत्य कला, संस्कृति, इतिहास, शौर्य और त्याग की परंपराएं, निर्माण के बाद आए बदलाव, क्षेत्रफल, प्राकृतिक सौंदर्य, पहुंचने के लिए साधन और पर्यटकों की संख्या समेत दुर्ग की खासियत के बिंदु शामिल थे। इन सभी के आधार पर टीम ने जालोर दुर्ग के बारे में जानकारी जुटाई। इस दौरान टीम ने जैन पेढ़ी का भी अवलोकन किया।
पहले सर्वे में जालोर का झटका
टीम की ओर से किए गए पहले ही दौर के सर्वे में जालोर दुर्ग की संभावनाओं को झटका लगा है। कंसलटेंट शिखा जैन ने इसमें कई कमियां बताई हैं। भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि वल्र्ड हैरिटेज के लिए तय मापदंडों में से कई जरूरतों को जालोर दुर्ग पूरा नहीं करता है। ऐसे में इसकी संभावना कम हैं, लेकिन फिर भी हम लोग इसकी रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंप देंगे। उसके बाद वहीं से तय होगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो दुर्ग तक पहुंचने के लिए सही रास्ता नहीं है। इसके बाद कई सालों से दुर्ग के सरंक्षण का काम भी नहीं हुआ। इसी प्रकार दुर्ग का क्षेत्रफल भी काफी कम है। कंसलटेंट शिखा जैन ने बताया कि सबसे बड़ी कमी तो इसकी मौजूदा हालत को लेकर है क्योंकि दुर्ग सही हालत में नहीं है। इस स्थिति में दुर्ग का सूची में शामिल होना मुश्किल है।
काश समय पर चेते होते
सर्वे टीम ने कई कमियां बताते हुए दुर्ग को वल्र्ड हैरिटेज सूची में शामिल करने की संभावनाओं से इंकार किया है। इन कमियों में सबसे बड़ी तीन कमियां सामने आई हैं। पहली कमी दुर्ग तक पहुंचने के लिए सही रास्ता नहीं है, दूसरी कमी दुर्ग का सरंक्षण नहीं है और तीसरी कमी दुर्ग की मौजूदा हालत सही नहीं है। देखा जाए तो यह तीनों कमियां जिले के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता का नतीजा है। जालोर दुर्ग तक सडक़ निर्माण का मामला पिछले कई सालों से अटका हुआ है। पहले पूर्व विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कई बार सडक़ निर्माण की घोषणा की और फिर मौजूदा विधायक रामलाल मेघवाल ने इसके निर्माण को लेकर आश्वासन दिया, लेकिन इन सालों में सडक़ के नाम पर काम तक शुरू नहीं हुआ। इसी प्रकार दुर्ग के सरंक्षण और इसकी हालत सुधारने को लेकर भी कभी प्रयास नहीं हुए। पूरा दुर्ग जीर्ण शीर्ण हो रखा है। जब यह तय हो चुका था कि टीम यहां आकर शीघ्र ही सर्वे करेगी तब भी प्रशासन ने यह उचित नहीं समझा कि दुर्ग की साफ सफाई करवाई जाए और इसके इतिहास के बारे में टीम को अवगत करवाया जाए।
हमारा प्रयास लौटे दुर्ग का वैभव
जालोर दुर्ग का वल्र्ड हैरिटेज सूची के लिए नाम जाना वाकई में एक बड़ी बात है, लेकिन ना तो जनप्रतिनिधियों ने और ना ही जिले के अधिकारियों ने इस संभावना को और अधिक मजबूत करने के प्रयास किए। दैनिक भास्कर ने समय समय पर जालोर दुर्ग के वैभव और इतिहास और इसकी मौजूदा हालत को लेकर समाचार प्रकाशित किए। इसी साल १६ मार्च को जग जाणे जालोर रो जस शीर्षक से और ११ सितंबर को जालोर री हौवे जय जय शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर दुर्ग के इतिहास और सरंक्षण के लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता जताई थी। वैल्र्ड हैरिटेज सूची के लिए नाम जाना एक अच्छा मौका है। अभी भी अंतिम रिपोर्ट सौंपी जानी है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को चाहिए कि वे इसके लिए प्रयास करें।
१० वी शताब्दी का जालोर दुर्ग
जालोर. जालोर दुर्ग का निर्माण १० वीं शताब्दी के उत्तराद्र्ध में की गई। दुर्ग पर परमार, प्रतिहार, चौहान, सोलंकियों, मुस्लिम सुल्तानों और राठौड़ नरेशों का समय समय पर अधिकार रहा। दुर्ग के सबसे प्रतापी नरेश कान्हड़देव थे। तीन वर्ष के लंबे घेरे और एक विश्वासघाती के कारण ही अलाउद्दीन की सेना इस दुर्ग में घुस पाई थी। इसके बावजूद यह सेना कान्हड़देव और वीरमदेव के वीरगति पाने के बाद और महिलाओं के जौहर के बाद ही उसकी सेना इस दुर्ग पर कब्जा कर पाई थी। यह घटना कान्हड़देव प्रबंध में वर्णित है। जालोर दुर्ग मूलत: पर्वतीय दुर्ग है। इसके निर्माण में कई विशेषताएं हैं। यह दुर्ग पूर्णतया वास्तु के सिद्धांतों पर बना है। दुर्ग गिरी और वन दोनों श्रेणियों से मिल जुल कर बना है। दुर्ग की प्राचीन प्राचीरें बड़े बड़े लिग्नाइट पत्थरों से बनी है। पहाड़ पर यह दुर्ग गोल आकृति में २९५ गुना १४५ वर्ग मीटर की परिधि में बसा है। धरातल से इसकी ऊंचाई ४२५ मीटर है। पहाड़ के नीचे से इस दुर्ग का कहीं आभास नहीं होता। कान्हड़देव प्रबंध में इस दुर्ग की भव्यता का वर्णन करते हुए कहा गया है कि इसकी कोई समानता नहीं है। पूरा दुर्ग भूल भूलैया सा है। राजप्रसादों और उनकी दीवारों की चिकनाहट तत्कालीन कला और शिल्प का नमूना है। वर्ष १२११ में दुर्ग पर उदयसिंह का अधिकार था। उस समय इल्तुतमिश ने यहां आक्रमण किया। इस आक्रमण के बाद ताज-उल-मासिर में हसन निजामी ने लिखा है, यह ऐसा किला है, जिसका दरवाजा कोई आक्रमणकारी नहीं खोल सका। सन १३०१ में अलाउद्दीन खिलजी ने तीन वर्ष के घेरे के बाद सुरंग के माध्यम से इस दुर्ग में प्रवेश किया

रिपोर्ट-- विश्वबंधु शर्मा जालोर

Wednesday 8 December 2010

धोरों की धरती पर देश-विदेशी के परिंदे

रानीवाड़ा!
सुंधा पर्वत का आंचल इन दिनों कई विदेशी पक्षियों के कलरव से गूंज रहा है। इस बार हुई अच्छी बारिश ने इस इलाके को हरियाली से आच्छादित कर दिया और अब इसी हरियाली चादर में कितने ही पंछियों ने अपने आशियाने बना लिए हैं। इन मेहमान पक्षियों के आशियाने भी ऐसे होते हैं कि बस, देखते ही रह जाएं। कोई ऊंचे पेड़ पर मोटे से तने में तो कोई झाडिय़ों पर तिनके का बिछौना बनाए बैठा है। किसी किसी को धोरों की माटी से भी प्यार है तो उन्होंने छोटी छोटी घास में ही अपना डेरा डाला है। दिन भर यहां से वहां ऊंची उड़ाने भरने और चहकने के बाद ये पंछी रात को इन घोंसलों में जा दुबकते हैं।

विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के मनभावक कलरव से इन दिनों रेतीले धोरे गुंजायमान हो रहे है। विशेषकर किंगफिशर चिडिय़ा यहां लोगों का मन मोह रही है। एक देश से दूसरे देश हजारों किलोमीटर की यात्रा, ना जाने कितनी ही सीमाओं, नदियों और जंगलों को पार कर ये नन्हें मेहमान इन दिनों सुंधा क्षेत्र के खास बने हुए हैं। परदेश से उड़कर सुंधांचल में आने वाले परिन्दों में एक है, पतिरंगा। लंबी चोंच वाली इस चिडिय़ा को अंग्रेजी में ब्लू चीवड बी इटर्स कहते हंै। इस चिडिय़ा की लम्बाई एक फीट होती है। काफी तादाद में ये चिडिय़ां मरुस्थल सहित सुंधांचल में सुकळ नदी के दोनों किनारों पर पड़ी मिट्टी में घोंसला बनाती हैं और अंडे देती हैं। यहां पाए जाने वाले कीड़े-मकोड़ों को ये अपना आहार बनाती हंै। इनमें से काफी प्रजातियां भारतीय हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों से यहां आती है और एक विदेशी प्रजाति पतिरंगा विदेशों से यहां आती है। अभी भी यहां कई ऐसे पक्षी हैं जिनकी पहचान नहीं की जा सकी है।

कई जातियां हंै प्रवास पर

सुकळ नदी क्षेत्र में पतिरंगा चिडिय़ा के अलावा किंगफिशर चिडिय़ा काफी तादाद में देखने को मिल रही है। क्षेत्र में गर्मियों में आई बया चिडिय़ा अब यहां से उडऩे की तैयारी कर रही है। सुंधांचल में आने वाले अन्य प्रवासी पक्षी हंै- फ्लाईकेचर, गोल्डन औरियल, कामोरेंट, मोरहंस जैकाना, ग्रैट स्पोटेड ईगल, किंगफिशर हेरोइन, आइबिस और क्रेन। यहां आने वाले भारतीय पक्षियों में पनकौआ, कौआक, खेरा, काला बाज, जांघिल, घोंचिल, गिरिया, पिट्टो, नीलकण्ठ, छोटा बाबुई बटन, गजपाउन, जंगली मैना, व्यामिनी मैना और उल्लू प्रमुख हंै। इन पक्षियों में प्रकाश का अनुभव करने व वातावरण में फैली गंध से परिचय स्थापित करने की भी बेजोड़ क्षमता होती है। ये पक्षी महक की अनुभूति के सहारे अपने घोंसलों तक आसानी से पहुंच जाते हैं। ये बहुत मंद ध्वनि सुनने में निपुण होते हैं। इनसे परिचय स्थापित कर ये अपना मार्ग बिना भटके ढूंढ लेते हंै।

पर्यटन की भारी संभावनाएं

ञ्चजिले को गोडवाड़ टूरिज्म सर्किट में जुड़वाने की तैयारी शुरू कर दी है। बाद में जिले में देशी-विदेशी पर्यटकों का आना शुरू हो जाएगा। सुंधांचल में पर्यटन की विपुल संभावनाएं है। इसके और भी बढ़ावे के प्रयास किए जाएंगे।

- रतन देवासी, विधायक रानीवाड़ा

Tuesday 7 December 2010

सड़कों के मरम्मत का कार्य स्वीकृत

विधानसभा क्षेत्र में कई नई सड़कों व पूरानी सड़कों के मरम्मत का कार्य स्वीकृत हुआ है। इस सड़कों के बनने से क्षेत्र में लोगों को आवागमन में सहुलियत महसूस होगी। वही विकास के कार्य भी नजर आने लगेंगे। ब्लॉक कांग्रेस प्रवक्ता गणेश देवासी ने बताया कि विधायक रतन देवासी की अनुशंषा पर कृषि मंडी विकास निधी योजना के तहत रानीवाड़ा क्षेत्र की चार मुख्य सड़कों को स्वीकृत कर निविदा जारी कर दी गई है। जिसके तहत राजीकावास सम्पर्क सड़क लागत 20 लाख, रोपसी सम्पर्क सड़क लागत 39 लाख, गांग सम्पर्क 7.२० लाख एवं बडग़ांव से रामपुरा सड़क ३९ लाख रूपए स्वीकृत हुए है। जिनकी निविदा जारी हो गई है। इन सड़कों के बनने से जहां किसानों को अपने फसली जिन्स को कृषि मंडी तक लाने में आसानी होगी, वही अन्य लोगों को भी आवागमन में सुगमता महसूस होगी। देवासी ने बताया कि जाखड़ी से गुजरात सीमा तक वाया रतनपुर की क्षतिग्रस्त डामर सड़क को भी 34 लाख रूपए खर्च कर नया रूप दिया जाएगा। इसी तरह जसवंतपुरा से रामसीन के बीच 11 किलोमीटर तक निर्माणाधीन डामर सड़क के कार्य को 3 किलोमीटर बढाकर 1४ किलोमीटर किया गया है। शेष सड़क के कार्य भी अतिशीघ्र स्वीकृत होने की संभावना है। जब तक उन पर पैच वर्क कर आवागमन में सुगमता लाने का प्रयास किया जाएगा।
देवासी ने बताया कि विधायक कोष से भी रानीवाड़ा कस्बे के सौंदर्यकरण का कार्य शुरू हो चुका है। जिसके तहत पंचायत समिति के सामने चल रहे प्रार्थनीय बस स्टेण्ड़ व टेक्सी स्टेण्ड़ को जोधपुर डिस्काम कार्यालय के पास ले जाया जाएगा। डिस्काम कार्यालय के पास पड़ी जमीन में नया स्टेण्ड़ बनाने के लिए विधायक कोष से ८.७० लाख रूपए की स्वीकृति जारी की गई है। नए स्टेण्ड़ को आधुनिक सुविधाओ से सुसज्जित किया जाएगा। आवागमन को नियंत्रित करने के लिए पंचायत समिति से भीनमाल तिराहे तक डीवाईडर लगाकर सड़क के दोनों ओर पैदल यात्रियों के चलने के लिए फुटपाथ बनाया जाएगा।
इसी तरह कस्बे के सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र में रियायती दर में दवांईया उपलब्ध करवाने को लेकर विधायक ने स्वयं की निधि कोष से २.४९ लाख रूपए औषधी भण्ड़ार की दूकान के निर्माण के लिए स्वीकृत किए है। जसवंतपुरा पुलिस थाने की चार दीवारी का भी निर्माण विधायक कोष के तहत ४ लाख रूपए खर्च कर करवाया जाएगा।

Friday 26 November 2010

कहीं खुशी तो कहीं कहर बनी मावठ

रानीवाड़ा
बे मौसम हुई बारिश ने क्षेत्र के किसानों में कहीं खुशी तो कहीं गम वाली स्थिति बना दी है। पकी हुई फसल को तैयार करने में जुटे किसान अब बारिश से हुए नुकसान पर आंसू बहा रहे हैं, तो जिन्हें सिंचाई को पानी चाहिए था वह खुश दिखाई पड़ रहे हंै। खेतों में खड़ी फसल आड़ी पड़ गई। पाटली कर बुवाई कर चुके किसानों का बीज पानी भरने से खेतों में ही दफन हो गया। सर्वाधिक खराबा बडग़ांव व रानीवाड़ा क्षेत्र में आंका जा रहा है। इन जगहों पर कई खेतों में धान की फसल कटकर रखी हुई थी। जो पानी भरने के बाद अब गलनेे लगी है। कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है शेष & पेज १३

कि जिन जगहों पर फसल कटकर रखी हुई थी उनके गलनेे की आशंका पैदा हुई है। शेष जगहों पर किसानों को बारिश से लाभ हुआ है।

प्रशासन कराए सर्वे

पूर्व सरपंच मैदाराम चौधरी ने फसलों में हुए खराबे का सर्वे कराने की मांग की है। कलक्टर को भेजे पत्र में बताया कि बरसात से क्षेत्र के कई किसान बर्बाद हो गए। खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो गई तो बुवाई कर डाला बीज जमीन में ही दफन हो गया। पत्र में बारिश से हुए नुकसान का आकलन करा किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की गई है। बडग़ांव गांव के किसान प्रताप मेघवाल ने बताया कि टमाटर, आलू, बैगन की फसल को भी तेज बारिश ने नष्ट कर दिया।

तारामीरा की बुवाई शुरू

तीन दिन पूर्व हुई मावठ की बारिश के बाद क्षेत्र में किसानों ने तारामीरा की बुवाई शुरू कर दी है। मावठ के बाद से किसान सुरक्षित फसल के रूप में तारामीरा फसल की बुवाई को ही बेहतर मान रहे हंै। क्षेत्र के करड़ा व खारा बेल्ट के गांवों में तारामीरा की बुवाई जोरों पर है। किसान आसूराम खींचड़ के अनुसार तारामीरा की फसल कम कीमत व कम पानी में तैयार होने के कारण किसानों में इसको लेकर खास रूचि है। करवाड़ा, दांतवाड़ा, कोड़का, कोटड़ा सहित कई एक फसली वाले क्षेत्र में इस पैदावार की ओर किसान आकर्षित हो रहे हंै।

मौसमी बीमारी से गायों की मौत

रानीवाड़ा
उपखंड क्षेत्र में मावठ से जन-जीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं कई गांवों में पशुधन में बीमारी फैलने की आशंका है। जानकारी के अनुसार कस्बे में पिछले चार दिनों में आधा दर्जन गोवंश की मौत हो चुकी है। जिसकी पीछे मुख्य कारण मौसम में आए बदलाव को बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक तहसील क्षेत्र में मावठ के बाद गोवंश पर इसका व्यापक असर पड़ा है। गांवों में आवारा घूम रहे गोवंश की सर्दी व मावठ से मौत हो रही है। 

गोधाम पथमेड़ा के महाप्रबंधक गोविंद वल्लभ ब्रह्मचारी ने बताया कि गोधाम द्वारा संचालित दर्जनों गोशालाओं में चारे का संकट है। अधिकतर चारा मावठ की बरसात से नष्ट हो जाने से यह समस्या हो रही है, दूसरी ओर गोवंश के लिए छाया व बरसात से बचाव के उपाय नहीं होने से उनमें बीमारी फैल रही है। चिकित्सा विभाग भी इन गोवंश के उपचार में लाचार नजर आ रहा है। विभाग के पास पर्याप्त चिकित्सक नहीं होने से गोधाम पथमेड़ा को गुजरात से पशु चिकित्सक बुलाने पड़ रहे हंै। इसी तरह रानीवाड़ा तहसील के कागमाला, मालवाड़ा, आजोदर, धानोल व निकटवर्ती सिरोही जिले की नंदगांव गोशाला में आवारा गोवंशों की आवक भारी तादाद में शुरू हो गई है। यही नहीं चारे की कमी से जूझ रहे ग्रामीण अपने गोवंश को गोशालाओं ला रहे है, ताकि आवारा गोवंश को बचाया जा सके। मनोरमा गोतीर्थ नंदगांव के प्रबंधक सुमनसुलभ ब्रह्मचारी ने बताया कि सप्ताहभर से हजारों की तादाद में गायों को गोशाला में लाया जा चुका है, ताकि मावठ की बरसात से हुए मौसम के परिवर्तन से संभावित बीमारियों से गोवंश को बचाया जा सके। 



-बेमौसम बारिश से चारे का संकट खड़ा हो गया है। सरकारी मदद के अभाव में गोवंश को बचाना मुश्किल भरा कार्य है। फिर भी गोभक्तों की मदद से गोवंश को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार को भी गोधन को बचाने के लिए सकारात्मक पहल करनी चाहिए।

- स्वामी दत्तशरणानंद, संस्थापक गोधाम पथमेड़ा

-गोवंश को चारा उपलब्ध करवाने को लेकर अभी तक सरकार के निर्देश नहीं मिले हैं। गोशालाओं की ओर से चारे की समस्या के बारे में कोई सूचना मिलने पर सरकार को सूचना भिजवाई जाएगी।

-कैलाशचंद्र शर्मा, उपखंड अधिकारी, रानीवाड़ा

Wednesday 3 November 2010

प्रतिभाओं का किया बहुमान

रानीवाडा
चौधरी छात्रावास में आंजणा चौधरी प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन जालोर सिरोही सांसद देवजी एम पटेल के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस मौके सूरजकुंड मठ बडगांव के महंत लेहरभारती का सान्निध्य रहा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद देवजी पटेल ने कहा कि शिक्षा ही समाज के विकास का आधार है। पटेल ने कहा कि समाज आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नही है। महंत लेहरभारती ने कहा कि शिक्षा के रास्ते पर चलकर सभी समाज विकास कर सकते हैं। कांग्रेस नेता नेता जगदीश चौधरी ने कहा कि बालिका शिक्षा के लिए आवासीय शिक्षण संस्थान का निर्माण रानीवाडा में करवा कर बालिका शिक्षा का एक नया अध्याय शुरू किया जाए। कार्यक्रम को शिक्षाविद भैराराम चौधरी, रानीवाडा के पूर्व विधायक रतनाराम चौधरी ने भी संबोधित किया। इस मौके छात्र दिनेशकुमार, अम्बाराम, भरतकुमार और छात्रा बगदीकुमारी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गोदाराम चौधरी, हरीशकुमार, प्रेमाराम चौधरी और सरक्षक हिन्दुराम चौधरी समेत कई लोग मौजूद थे।

Saturday 30 October 2010

पौने दो घंटे में चौपाल पूरी


रानीवाड़ा
गांवों में आमजन की समस्या दूर करने और विकास कार्योंे के उद्देश्य से चल रहा रात्रि चौपाल का आयोजन जिले में औपचारिक बन गया है। गुरुवार रात को तहसील के डूंगरी गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में कलेक्टर से लेकर उनके मातहत अधिकारी और कर्मचारी तक औपचारिकताएं बरतते नजर आए। आनन फानन में आए इन अधिकारियों ने मात्र पौने दो घंटे में रात्रि चौपाल पूरी कर दी। इस बीच यहां पहुंचे कलेक्टर केवल कुमार गुप्ता ने अपने भाषण में कहा कि राज्य सरकारी की इच्छानुसार यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और किसी भी हालत में इसे औपचारिक ना बनाएं और समस्याओं का हाथोहाथ समाधान करें।

मंच खचाखच, लोग नदारद : राजकीय माध्यमिक विद्यालय में आयोजित इस चौपाल में मंच पर तहसील स्तरीय अधिकारियों की तादात ज्यादा रही, जबकि नीचे जाजम पर मात्र ५०-60 लोग ही उपस्थित थे। ग्रामीणों ने बताया कि प्रचार-प्रसार कम होने की वजह एवं ग्रामीण अधिकतर ढाणियों में रहवास करने से संख्या कम रही। चौपाल में नाम मात्र की समस्याएं ही लोगों ने उठाई। अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों की योजनाओं के बारे में जानकारी देकर खानापूर्ति की। मात्र उपजिला प्रमुख मूलाराम राणा ने ही एक-दो योजनाओं के बारे में जानकारी चाही। बाद में विधायक रतन देवासी ने राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। विधायक देवासी ने गांव में शीघ्र ही जीएसएस स्वीकृत कराने का आश्वासन दिया। क्षेत्र में ३ जीएसएस बन चुके हंै, पांच स्वीकृत होने जा रहे हैं। मुख्यालय पर मॉडल स्कूल बनने जा रहा है। डूंगरी में बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय स्वीकृत हो चुका है। देवासी ने कहा प्रशासन से मांग की कि चौपाल में देर रात्रि तक प्राप्त समस्याओं का त्वरित समाधान कराएं तथा भविष्य के लिए ऐसे प्रस्ताव बनाएं कि नरेगा, चिकित्सा, पानी, बिजली जैसी समस्याओं का सहजता से निराकरण हो सके। उन्होनें पेयजल एवं विद्युत समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सात दिन में व्यवस्थाएं सही करवाएं।

मात्र छह प्रकरण आए

चौपाल में मात्र 6 प्रकरण आए। जिस पर कलेक्टर गुप्ता ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों से तत्परता से कार्यवाही कर समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चौपाल में अधिकारी मौके पर पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हों तथा यहां प्रस्तुत होने वाली समस्याओं का हाथो हाथ निराकरण कर ग्रामीणों को संतुष्ट करें। उन्होंने एक-एक कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। इस मौके एसडीएम कैलाशचंद्र शर्मा ने कहा कि नरेगा योजना के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत हो तो जिला कार्यालय में हेल्प लाईन में सूचित किया जा सकता है। इसके अलावा एसडीएम कार्यालय में भी शिकायतों को लेकर पेटी लगाई गई हंै। उन्होंने बताया कि १० नवबंर से प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरू हो रहा है। चौपाल में डिस्कॉम व जलदाय विभाग के अधिक्षण अभियंता, हरजीराम देवासी, बगदाराम पाल, अंबालाल जीनगर, भूराराम पुरोहित, पदमाराम पुरोहित, तहसीलदार खेताराम सारण, गवराराम राणा और कृष्णकुमार पुरोहित सहित कई जने मौजूद थे।

इनका कहना

-रात्रि चौपाल में पूरी रात तक ग्रामीणों से समस्याओं को लेकर चर्चा करनी चाहिए, ऐसे राज्य सरकार के निर्देश हंै, परंतु डूंगरी में ऐसा नही होना दूर्भाग्यपूर्ण है।

-मूलाराम राणा, जिला उपप्रमुख

-चौपाल को लेकर रात्रि प्रवास के दौरान सोने व खाने की पूरी व्यवस्था की गई थी, परंतु किसी अधिकारी ने प्रवास नहीं किया।

-पदमाराम पुरोहित, ग्रामीण डूंगरी

-राज्य सरकार के निर्देशों के अवहेलना हो रही है। प्रशासन को पूरी रात डूंगरी में ठहराव कर समस्याओं को सुनना था। साथ ही उनका समाधान भी करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

-शैतानसिंह राठौड़, भाटवास

Saturday 23 October 2010

कस्बे का होगा शहरी तर्ज पर विकास

रानीवाड़ा।
कस्बे के सौंदर्यकरण, दुषित पानी की उचित निकासी सहित विद्युत व्यवस्था को सुचारु रुप देने को लेकर व्यापक रुप में कार्ययोजना बनाई गई हैं। जिले में किसी ग्राम पंचायत मुख्यालय को आधुनिक सुख-सुविधाएं प्रदान कर नया रुप देने का यह प्रथम प्रयास माना जा रहा हैं। 
जानकारी के मुताबिक रानीवाड़ा कस्बे की भौगोलिक बनावट को देखते हुए दुषित पानी की निकासी सुचारु रुप से कराने को लेकर लम्बे समय से लोगों की मांग को देखते हुए स्थानीय विधायक रतन देवासी ने कस्बे का सर्वे कराने के आदेश दिये थे, जिसको लेकर ग्राम पंचायत ने निविदा जारी कर योजना को अमलीजामा पहनाने का अंतिम निर्णय हैं। 
होगा प्लेन टेबल सर्वे:- सरपंच गोदाराम देवासी ने बताया कि निविदा की शर्तों के तहत  अब कस्बे का प्लेन टेबल सर्वे कराया जायेगा, जिसके तहत कस्बे की आबादी भूमि का खसरा क्रमांक बेस पर नक्शा बनाकर अलग-अलग गली मोहल्लों का प्लेन्थ लेवल बनाकर अलग-अलग वर्गीकृत किया जायेगा। साथ ही विद्युत पोल, टेलिफोन पोल, जलदाय विभाग की पाईपलाईन, दुषित पानी की निकासी के लिए नालियों को लेवल बेस बनाने सहित सिवरेज व ड्रेनेज व्यवस्था को अंतिम रुप दिया जायेगा। 
कहां से आएगा बजट:- ठेकेदार के द्वारा सर्वे रिपोर्ट बनाने के बाद पंचायतीराज विभाग व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी तकमीना बनाएंगे। ग्राम सेवक भाणाराम ने बताया कि तकमीना बनाने के बाद बजट की व्यवस्था केन्द्र व राज्य सरकार से करवाई जायेगी। इसके अलावा अतिरिक्त राशि सांसद या विधायक कोष से स्वीकृत कराने का प्रयास भी किया जायेगा।
चौराहें बनेंगे आकर्षक:- कस्बे का सौदर्यकरण करने के लिए कई भामाशाह आगे आ रहे हैं। बस स्टैण्ड पर सुन्दर व आकर्षक टिनशेड, सुलभ कॉम्पलेक्स, सांचौर व भीनमाल बाईपास सहित सेवाडिय़ा तीन रास्ते पर सर्किल का निर्माण करवाकर कस्बे को नया रुप दिया जायेगा।
इनका कहना:- 
गुजरात सीमावर्ती कस्बा होने की वजह से इसका सौंदर्यकरण करना आवश्यक है। कार्ययोजना बनाने के बाद बजट की स्वीकृति के लिए राज्य सरकार से प्रयास किए जाऐंगे। विकास के लिए विधायक कोष से भी राशि दी जा सकती है। काफी भामाशाह भी सहयोग के लिए तैयार है।
-रतन देवासी, विधायक रानीवाड़ा।
निविदा प्रक्रिया ग्राम पंचायत स्तर पर पूरी हो गई है, जोधपुर की तीन फर्मो ने निविदा भरी है। निम्र दर वाली फर्म को शीघ्र कार्यादेश पंचायत समिति कार्यालय से जारी किए जा रहे है।
-भाणाराम श्रीमाली, ग्रामसेवक रानीवाड़ा।

Thursday 21 October 2010

गोशाला में शरदोत्सव कल से, तैयारियां जारी

रानीवाड़ा
निकटवर्ती केसुआ के पास गोधाम पथमेड़ा की ओर से संचालित श्रीमनोरमा गोलोक महातीर्थ नंदगांव में २२ व २४ अक्टूबर को गोभक्तों का अखिल भारतीय सम्मेलन स्वामी दत्तशरणानंद व बालव्यास राधाकृष्ण के सानिध्य में किया जाएगा। इस सम्मेलन में देशभर से संत-महात्मा व गोभक्त भाग लेंगे। आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हंै। इस बीच शुक्रवार को शरद पूर्णिमा की मध्यरात्रि बाद संस्था की ओर से पंचगव्य आरोग्य खीर की प्रसादी वितरीत की जाएगी। 

कामधेनु कल्याण परिवार की होगी बैठक : केसुआ के श्रीमनोरमा महातीर्थ में 23 अक्टूबर का राष्ट्रीय कामधेनु कल्याण परिवार के सदस्यों की अहम बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसमें दस हजार गोवंश के रहने की सुविधाओं, गोपालन के लिए जालोर व सिरोही जिलों के गांव-गांव, घर-घर में जनजागृति के प्रयास, कामधेनु विश्वविद्यालय की स्थापना व कामधेनु टीवी चैनल शुरू करने के प्रयासों में तेजी लाने के महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।

तीन दिन तक होंगे कार्यक्रम : गोधाम पथमेड़ा द्वारा नवगठित गोवत्स फाउंडेशन से जुड़े देश के गोभक्त 22 से 24 अक्टूबर तक नंदगांव में रहकर गोसेवा से ओत-प्रोत सत्संग एवं धार्मिक, आध्यात्मिक कार्यक्रमों में बाल व्यास राधाकृष्ण महाराज के सानिध्य में धर्मलाभ लेंगे। युवा गोभक्त प्रत्यक्ष रूप से गोसेवा करके लाभान्वित होंगे। इस आयोजन में शरीक होने के लिए गोभक्त नंदगांव में आना शुरू हो गए हंै। कार्यक्रम में यज्ञ, हिंदूधर्म शास्त्र, संध्यावंदन, भारतीय परिवेश, पूजा अनुष्ठान, शास्त्रीय संगीत सहित कई कई अनुभव प्राप्त कर सकेेंगे।

-शरदोत्सव व गोवत्स फाउंडेशन के तहत चलने वाले तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। देशभर से गोभक्त गुरुवार शाम को आना शुरू हो जाएंगे। केसुआ गांव में इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। गांव के लोग सहयोग कर धर्मलाभ ले रहे हैं।

-पूनम राजपुरोहित, 

Wednesday 20 October 2010

भूखंड को लेकर हुए संघर्ष में तीन घायल

रानीवाड़ा
भीनमाल रेलवे क्रासिंग के पास एक भूखंड में कब्जे को लेकर दो गुटों में हुए खूनी संघर्ष में तीन जनें गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना को लेकर दोनों पक्षों की ओर से मामले दर्ज करवाए गए हैं। पुलिस के अनुसार भीनमाल रेलवे क्रासिंग के पास एक भूखंड पर सुरेशकुमार पुत्र बाबूलाल कबाड़ी की दुकान चलाता था। सोमवार शाम 4 बजे दौलपुरा निवासी भगवानाराम पुत्र टीकमाराम पुरोहित सहित करीब ४० जनों ने हथियारों के साथ भूखंड में प्रवेश कर सुरेशकुमार, बाबूलाल, गुलाबाराम, गोविंद सहित दो महिलाओं पर हमला कर दिया। इस घटना में सुरेश व उसकी माता के हाथ व छोटे भाई गोविंद के पैर पर तथा गुलाबाराम की आंखों गंभीर चोटें आईं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और अन्य लोगों ने सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। थानाधिकारी दिनेश कुमार ने मौके से दोनों पक्षों के लोगों से समझाइश की। शेष & पेज १५

बाद में सीएचसी में घायलावस्था में भर्ती सुरेशकुमार पुत्र बाबूलाल खटीक ने ताराराम पुरोहित सहित ३० जनों के विरूद्ध उसके प्लोट में प्रवेश कर हमला करने व जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने को लेकर रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसी तरह दूसरे पक्ष के भगवानाराम पुत्र त्रिकमाराम पुरोहित ने रिपोर्ट देकर बताया कि सुरेश, गोविंद, बाबू सहित अन्य लोगों ने उसके प्लोट में अनधिकृत रूप से प्रवेश कर चोटें पहुंचाईं। इस बीच डीएसपी देवेंद्र शर्मा ने घटना स्थल का मुआयना किया।

कार्यशाला में दी जानकारी

रानीवाड़ा. निकटवर्ती सांईजी की बैरी दरगाह पर अल्प संख्यक समुदाय के मुखियाओं की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को किया गया। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से प्रायोजित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में एसडीएम कैलाशचंद्र शर्मा, समाजसेवी हरजीराम देवासी, विशिष्ट अतिथि के रूप में विकास अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा, हुसेन भाई मिस्त्री व रहमान भाई उपस्थित थे। बीआरपी भंवरसिंह राव ने इस योजना के तहत अल्प संख्यक छात्रवृति, शैक्षणिक भ्रमण, एक्सपोजल विजिट, मदरसों का पंजीयन सहित 17 बिंदूओं पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन चमनाराम देवासी ने किया। इस अवसर पर ईकबाल नागोरी, हनीफभाई, मोईनुद्दिन खां, हुसेन खां पाल, अल्लाबक्स खां, रफीक खां, मकबूल कूरेसी, सरदार खां पिंजारा, छोटु भाई मिस्त्री, वल्लुभाई, कालूभाई मुसला सहित कई जने उपस्थित थे।

स्काउट शिविर का समापन

रानीवाड़ा ! राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाईड उपसंघ मालवाड़ा के वार्षिक कार्यक्रम अनुसार द्वितीय व तृतीय सोपान प्रशिक्षण शिविर मंगलवार को सिलेश्वर महादेव मंदिर, सिलासन में संपन्न हुआ। शिविर संचालक हंजारीमल माली ने इस दौरान स्काउट नियम, प्रतिज्ञा, स्टे्रचर सहित अन्य गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर उकसिंह परमार, पुखराज जीनगर, वरदाराम माली, बुद्धाराम विश्रोई, डॉ. वागाराम सुथार, चौथाराम सोलंकी, मुकेशकुमार सहित कई जनों ने भाग लिया।

Tuesday 19 October 2010

रंजिश में अधेड़ की हत्या

रानीवाड़ा! निकटवर्ती भाटवास में पुरानी रंजिश के चलते कुछ लोगों द्वारा एक व्यक्ति की हत्या कर देने का मामला पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। थानाधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि भवंर पुत्र जवार राव ने रिपोर्ट देकर बताया कि बुधवार रात को गांव के पास नागणेशी माता मंदिर में भजन कीर्तन के लिए जा रहे वेनाराम पुत्र जवार और भूर पुत्र देवा पर गांव के पास भाटवास निवासी भूर पुत्र उका, कमलेश पुत्र भूर व बबीदेवी पत्नी भूर राव ने लाठियों व धारियों से दोनों भाइयों पर हमला कर दिया। जिससे वे दोनों घायल हो गए। घटना के बाद घायलों को इलाज के लिए रानीवाड़ा सीएचसी में भर्ती करवाया गया। जहां इनकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने गुजरात रेफर कर दिया। गुजरात ले जाते समय बीच रास्ते में ही वेनाराम पुत्र जवार की मौत हो गई। गुरुवार सवेरे डीएसपी देवेंद्र शर्मा ने मौके का मुआयना कर मामला धारा 302 के तहत दर्ज कर आरोपियों को दस्तयाब कर दिया है।

बाजारों में त्योहारों की तैयारी शुरू

रानीवाड़ा
नवरात्रा आते ही बाजार में चारों तरफ लोगों की भीड़ नजर आने लगी है। कस्बे के सदर बाजार सहित सांचौर सड़क मार्ग पर लोग खरीददारी करने के लिए पहुंच रहे हैं। आने वाले माह में सावों की भरमार होने के कारण लोग शादी-विवाह के लिए सोना-चांदी के आभूषण भी खरीद रहे हंै। फसल अच्छी होने से सावों और त्यौहारों पर खरीददारी ज्यादा होगी। व्यापरियों को भी उम्मीद है कि इस बार ग्राहकी अच्छी होगी। इसीलिए उन्होंने इसकी तैयारी कर दी है। ग्राहकों के लिए व्यापारी इस बार बहुत कुछ नया लेकर आए हैं।

सामान का किया स्टॉक : दुकानदारों ने आने वाले त्योहारी व शादी के माहौल को देखते हुए दुकानों में ज्यादा से ज्यादा माल का स्टाक करना शुरू कर दिया है। दुकान के अंदर जगह कम होने पर माल को बाहर सजाया जा रहा है ताकि ग्राहकों की नजर आसानी से पड़ सके। खास बात यह है कि इस बार बाजार में लोगों के लिए बहुत कुछ नया है। 

इलेक्ट्रॉनिक आइटम से लेकर फर्नीचर और कपड़ों से लेकर घर के साजोसामान तक बहुत कुछ नया है। घरेलू साजोसामान के विक्रेता रमेश महेश्वरी ने बताया कि इस बार ग्राहकों के लिए काफी कुछ नया लेकर आए हैं। इसके अलावा कपड़ा व्यवसायी कांतिलाल प्रजापत ने बताया कि कपड़ों में कई नई वैरायटी आई हैं जो लोगों को काफी पसंद भी आ रही है। इन व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बार दीपावली पर बाजार में अच्छी ग्राहकी होगी।


रेडीमेड गारमेंट्स की हुई बिक्री

दीपावली नजदीक आने के साथ ही कपड़ों की खरीद भी शुरू हो गई है। लोग अपनी पसंद के कपड़े खरीद रहे हैं। इसके साथ ही दीपावली के बाद आने वाले शादी के सीजन की भी अभी से खरीद हो रही है। कस्बा निवासी ललिता बोहरा ने बताया कि बाद में बाजार में भीड़ अधिक होगी। इसलिए अभी से खरीदारी कर रहे हैं। इसी प्रकार अशोक चौधरी ने बताया कि कई सालों बाद बाजार में तेजी आई है। कपड़ों समेत अन्य सामान में नई वैरायटी आई है। जिससे खरीदारी का भी मजा आ रहा है।

सांसद को गुहार

रानीवाड़ा ! क्षेत्र में मानव रहित रेल क्रॉसिंग पर संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए लोगों ने सांसद देवजी पटेल को पत्र लिखकर अपने कोटे से जरूरत वाले मानव रहित क्रॉसिंग पर चौकीदार लगवाने की मांग की है। कस्बे के समीपवर्ती सेवाडिया व रानीवाड़ा खुर्द मानव रहित रेल क्रॉसिंग पर यातायात के दबाव के चलते यहां पर चौकीदार लगाने की आवश्यकता है। जानकारी के मुताबिक रेलवे ने अगले पांच साल में सभी मानव रहित क्रॉसिंग को बंद कर उन पर चौकीदार, आरयूबी, सब-वे और राज्य सरकार की मदद से आरओबी बनाने की योजना पर काम शुरू किया है। इस बीच, रेलवे ने सांसदों को अपनी योजना से जोड़ते हुए कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में विकास योजना से पैसा खर्च कर चौकीदार लगवा सकते हंै। पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह देवल ने बताया कि आए दिन मंडल के ऐसे क्रॉसिंग पर वाहनों की ट्रेनों से टक्कर होती रहती है और कई लोगों को जान गंवानी पड़ती है। इसलिए क्रॉसिंग पर चौकीदार लगाना जरूरी हो गया है।

Tuesday 12 October 2010

एलोवेरा की खेती से मिल रहा लाभ

रानीवाड़ा
आयुर्वेद चिकित्सा सहित सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री के बढ़ते उपयोग से आर्थिक लाभ कमाने की दृष्टि से सुणतर में भी अब एलोवेरा की फसल लहलहाने लगी है। 

रानीवाड़ा कस्बे के कृषक प्रेमाराम चौधरी के अनुसार जोधपुर व बीकानेर से एलोवेरा के 50 हजार रोप लाकर करीब 35 बीघा में इसकी खेती की है। वर्तमान में पौधे लहलहाने लगे हैं। चौधरी के अनुसार एलोवेरा की फसल को पानी की जरूरत कम होती है।

इसी तरह गोधाम पथमेड़ा द्वारा संचालित केसुआ गो मंडल में भी ३०० बीघा भूमि पर एलोवेरा की खेती की जा रही है। बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए क्षेत्र के इस खेती को अपनाने लगे हैं। एक पौधे से करीब 8 से 10 किलो तक एलोवेरा प्राप्त होती है। इसकी पत्तियां काटकर बेची जाती है। रास आने लगी आबो हवा घृत कुमारी और ग्वारपाठे के नाम से ख्यात एलोवेरा मूलत: मरू प्रदेश की उपज है। 

कम पानी तथा भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यह रेतीले भागों में बहुतायत से पाया जाता है। बदलते मौसम चक्र के कारण इसे अब सुणतर की आबोहवा रास आ रही है। किसान इसकी खेती करके अच्छा लाभ कमा सकते है। घृतकुमारी की फसल से किसान प्रति हेक्टेयर 65 से 70 हजार रुपये बचत कर सकते हैं। इसकी खेती अनुपजाऊ भूमि में भी की जा सकती है।

क्या है खूबी

घृतकुमारी का वैज्ञानिक नाम एलोबार्बाडेसिस है। भारतीय चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद और यूनानी में घृतकुमारी नाम से प्रयुक्त होने वाला यह प्रमुख एवं विशिष्ट महत्व का औषधिय द्रव्य है। इसका उपयोग विभिन्न औषधीय एवं प्रसाधन सामग्रियों के निर्माण में किया जाता है। औषधिय और सौन्दर्य प्रसाधन निर्माण में इसकी मांग काफी बढ़ी है। इसकी फसल की खूबी यह है कि इसे कैसी भी भूमि में लगाया जा सकता है। इसकी फसल को सिंचाई की कम आवश्यकता होती है। फसल 10-12 महीने में तैयार हो जाती है। लागत को निकालकर किसान 70 हजार प्रति हेक्टेयर शुद्ध आय प्राप्त कर सकते हैं।