रानीवाड़ा(20.07.2010)
कांग्रेस संगठन चुनावों के तहत बूथ व ब्लॉक स्तर की चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब जिलाध्यक्ष पद पर नेताओं की नजर है। दावेदारों ने पद पर कब्जा करने के लिए कसरत भी तेज कर दी है। सत्ताधारी दल होने के कारण इस पद का वजन भारी माना जा रहा है। चुनाव 20 जुलाई तक होने हंै। एक-दो दिन में जिला निर्वाचन अधिकारी केवलचंद गुलेच्छा चुनाव को लेकर जिला मुख्यालय पर बैठक भी लेंगे।
जिलाध्यक्ष पद का चुनाव प्रत्येक ब्लाक से चुने जा रहे छह डीसीसी सदस्य करेंगे। जिले के दस ब्लॉक से कुल साठ सदस्य निर्वाचित होगे। इन्हीं में से अध्यक्ष पद के दावेदार होंगे तथा ये ही सब सदस्य मतदाता होंगे। हालांकि चुनाव मतदान से होने की संभावना कम ही है, सर्वसम्मति या आलाकमान के फैसले पर निर्भर होने की संभावना ज्यादा है।
जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में जिले के आधा दर्जन से अधिक प्रमुख नेता हैं। इनमें विधायक रतन देवासी, रामलाल मेघवाल, सुखराम विश्नोई, श्रवणसिंह बोरली, पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल आदि नेताओं के नाम चर्चा में है। वर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ. समरजीतसिंह राठौड़ अपने पत्ते नही खोल रहे हंै। पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल मजबूत दावेदार थे, लेकिन बीस सूत्री कार्यक्रम जिला उपाध्यक्ष पद मिलना उनका कमजोर पक्ष बन गया है। वैसे भीनमाल क्षेत्र से जिला प्रमुख होने के कारण यहां के किसी नेता को भी जिलाध्यक्ष पद मिलता नजर नहीं आ रहा।
हालांकि जिले में कांग्रेस पार्टी के भीतर सबसे मजबूत खेमा पुखराज पाराशर व रतन देवासी का नाम उभर रहा है। ऐसे में पाराशर की राय व समर्थन किसी भी दावेदार के लिए अहम है। पार्टी सूत्रों के अनुसार विवाद होने व महिला को पद देने की स्थिति में पूर्व जिला प्रमुख मंजू मेघवाल को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
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