रानीवाड़ा
उपखंड क्षेत्र में मावठ से जन-जीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं कई गांवों में पशुधन में बीमारी फैलने की आशंका है। जानकारी के अनुसार कस्बे में पिछले चार दिनों में आधा दर्जन गोवंश की मौत हो चुकी है। जिसकी पीछे मुख्य कारण मौसम में आए बदलाव को बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक तहसील क्षेत्र में मावठ के बाद गोवंश पर इसका व्यापक असर पड़ा है। गांवों में आवारा घूम रहे गोवंश की सर्दी व मावठ से मौत हो रही है।
गोधाम पथमेड़ा के महाप्रबंधक गोविंद वल्लभ ब्रह्मचारी ने बताया कि गोधाम द्वारा संचालित दर्जनों गोशालाओं में चारे का संकट है। अधिकतर चारा मावठ की बरसात से नष्ट हो जाने से यह समस्या हो रही है, दूसरी ओर गोवंश के लिए छाया व बरसात से बचाव के उपाय नहीं होने से उनमें बीमारी फैल रही है। चिकित्सा विभाग भी इन गोवंश के उपचार में लाचार नजर आ रहा है। विभाग के पास पर्याप्त चिकित्सक नहीं होने से गोधाम पथमेड़ा को गुजरात से पशु चिकित्सक बुलाने पड़ रहे हंै। इसी तरह रानीवाड़ा तहसील के कागमाला, मालवाड़ा, आजोदर, धानोल व निकटवर्ती सिरोही जिले की नंदगांव गोशाला में आवारा गोवंशों की आवक भारी तादाद में शुरू हो गई है। यही नहीं चारे की कमी से जूझ रहे ग्रामीण अपने गोवंश को गोशालाओं ला रहे है, ताकि आवारा गोवंश को बचाया जा सके। मनोरमा गोतीर्थ नंदगांव के प्रबंधक सुमनसुलभ ब्रह्मचारी ने बताया कि सप्ताहभर से हजारों की तादाद में गायों को गोशाला में लाया जा चुका है, ताकि मावठ की बरसात से हुए मौसम के परिवर्तन से संभावित बीमारियों से गोवंश को बचाया जा सके।
-बेमौसम बारिश से चारे का संकट खड़ा हो गया है। सरकारी मदद के अभाव में गोवंश को बचाना मुश्किल भरा कार्य है। फिर भी गोभक्तों की मदद से गोवंश को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार को भी गोधन को बचाने के लिए सकारात्मक पहल करनी चाहिए।
- स्वामी दत्तशरणानंद, संस्थापक गोधाम पथमेड़ा
-गोवंश को चारा उपलब्ध करवाने को लेकर अभी तक सरकार के निर्देश नहीं मिले हैं। गोशालाओं की ओर से चारे की समस्या के बारे में कोई सूचना मिलने पर सरकार को सूचना भिजवाई जाएगी।
-कैलाशचंद्र शर्मा, उपखंड अधिकारी, रानीवाड़ा
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