बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की तर्ज पर अब उच्च माध्यमिक कक्षाओं में भी बालिकाओं को आवास, भोजन व नि:शुल्क शिक्षा की सुविधा मुहैया हो सकेगी। माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं के आवासीय भवन निर्माण के लिए 38 लाख रुपए की स्वीकृति जारी हो गई है। माध्यमिक शिक्षा बालिका छात्रावास भवन निकटवर्ती देवपुरा की ढाणी में संस्कृत विद्यालय के पास बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि बालिकाओं को पढ़ाई-के लिए एक ही परिसर में सुविधा मिल सके। भवन निर्माण के लिए बाकायदा निविदा भी जारी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि निकटवर्ती जालेरा कलां गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छठी से आठवीं तक की छात्राओं के लिए ऐसी ही निशुल्क सुविधा उपलब्ध है। अब तक कस्तूरबा स्कूल से आठवीं उत्तीर्ण कर निकली छात्राओं के परिजनों को बच्चियों की आगे की पढ़ाई-के लिए अपने स्तर पर व्यवस्था करनी पड़ रही थी। इससे कई-कम आय वाले कई-परिवारों की बच्चियों की शिक्षा आठवीं के बाद बीच में ही छूट जाती थी।
कस्तूरबा स्कूल जालेरा में प्रवेश शुरू : कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल जालेरा कलां में कुल एक सौ बालिकाओं के रहने, खाने व शिक्षा की व्यवस्था है। इस वर्ष 60 बालिकाओं के ही दाखिले हो पाए हैं, ऐसे में यहां अभी 40 बालिकाओं की दरकार है। स्कूल में प्रवेश के लिए सीटीएस सर्वे 2010-11 के अनुसार ड्रॉप आउट व अनामांकित बालिकाएं व पूर्व मेंं संचालित गैर आवासीय व आवासीय ब्रिज कोर्स-या विशेष प्रशिक्षण प्राप्त बालिकाएं पात्र हैं। उम्र के हिसाब से भी बालिकाओं को प्रवेश दिया जाता है, 11वर्ष की बालिका को कक्षा छठी में, 12वर्ष की बालिका को 7वीं में एवं13 वर्ष की बालिका को 8वीं में प्रवेश दिया जाता है। इन बालिकाओं को उस कक्षा के स्तर की पढ़ाई करवाकर तैयारी करवाई जाती है।
अगले साल मिलेंगी सुविधाएं
सीनियर गल्र्स के आवासीय भवन बनाने के लिए अभी 38 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। भवन में तीन बड़े आवासीय कक्ष, एक क्लास रूम, वार्डन कक्ष और डायनिंग हॉल आदि का निर्माण होगा। इस वर्ष भवन का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा, ताकि अगले सत्र से बालिकाओं को सुविधा मुहैया हो सके। अरणाय व पूनासा में सीनियर गल्र्स के लिए भवन गत वर्ष बनकर तैयार हो गए थे, जिनमें इस वर्ष से प्रवेश देने की प्रकिया चल रही है।
Preवेश में केजीबी की छात्राओं को प्राथमिकता दी जा रही है। सीटें रिक्त रहने पर अन्य वर्ग की बालिकाएं भी इस छात्रावास में प्रवेश ले सकती हैं। भवन के लिए निविदा जारी हो चुकी है। तहसीलदार ने देवपुरा की ढाणी के पास 1.25 बीघा जमीन आवंटित कर दी है। यह रमसा योजना के तहत संचालित किया जाएगा।
दलपतसिंह Oपावत, अतिरिक्त परियोजना अधिकारी, जालोर
No comments:
Post a Comment