रानीवाड़ा।
पंचायतीराज संस्थाओं में नए जनप्रतिनिधियों की ताजपोशी के साथ ही राज्य सरकार ने नरेगा योजना में अनियमितता रोकने की शुरूआत कर दी है। नरेगा कार्यों में उपयोग में ली जाने वाली निर्माण सामग्री की राशि का भुगतान अब जनप्रतिनिधि सीधे नहीं कर सकेंगे। इसके लिए सरकार की ओर से हर ग्राम पंचायत स्तर पर पांच सदस्यीय सतर्कता समितियों का गठन किया जा रहा है। रानीवाड़ा पंचायत समिति में इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है।
क्या होगा समिति का दायित्व:- समिति नरेगा कार्र्यो की निर्माण सामग्री की जांच कर गुणवत्ता, माप व भार, दर, मात्रा एवं राशि का सत्यापन करेगी। इसके अलावा निर्माण सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्म के रजिस्ट्रेशन की वैधता की जांच भी करेगी। सभी स्तर पर जांच सही पाए जाने पर सबंंिधत फर्म को भुगतान किया जाएगा। समिति में ग्राम पंचायत के सरपंच, ग्राम सचिव, कार्य स्थल वार्ड का पंच, नरेगा योजना के कनिष्ठ अभियंता, रोजगार सहायक शामिल होंगे।
क्या थी पुरानी प्रक्रिया:- नरेगा में अभी तक निर्माण सामग्री के भुगतान के लिए केवल ग्राम पंचायत सरपंच व ग्राम सचिव के हस्ताक्षर जरूरी थे। जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते योजना के भुगतान में अनियमितता की आशंका रहती थी।
इनका कहना है
नरेगा में अनियमितता रोकने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में सतर्कता समिति बनाई जाएंगी। ग्राम पंचायतों में समितियों के गठन की प्रक्रिया करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्माण सामग्री का भुगतान समिति सदस्यों के हस्ताक्षर के बाद ही हो सकेगा।
-जेठाराम वर्मा, सहायक अभियंता नरेगा, रानीवाड़ा।
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