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Sunday, 18 April 2010

राहत भरा बिल्व रानीवाड़ा में


रानीवाड़ागर्मी के मौसम में तरोताजा कर देने वाला और कई बीमारियों में औषधि का काम करने वाला बिल्व रानीवाड़ा क्षेत्र के कई गांवों में बहुतायात में पाया जाता है। इन गावों में बिल्व के काफी संख्या में पेड़ हैं। गर्मी के मौसम में बिल्व का जूस काफी राहत भरा और फायदेमंद होता है। ऐसे में किसानों को इससे अच्छी आय हो सकती है। गर्मी के साथ ही इस फल की डिमांड बढ़ गई है। कुछ समय पहले तक रानीवाड़ा समेत सुंधा पर्वतीय क्षेत्र में बिल्व के कई पेड़ थे, लेकिन धीरे धीरे पानी की कमी के कारण अब ये कम होते जा रहे हैं।

यहां हैं बिल्व के पेड़ : वैसे तो कई जगहों पर बिल्व के पेड़ लगे हैं, लेकिन उन पर फल कम ही लग पाते हैं। रानीवाड़ा क्षेत्र में लगे बिल्व पर अच्छे खासे फल लगे हैं। क्षेत्र के जल स्रोतों के समीप यह वृक्ष पाया जाता है। तहसील के रानीवाड़ा खुर्द के पर्वत पर सर्वाधिक बिल्व वृक्ष मिलते हैं। यहां सैकड़ों की तादात में वृक्षों के पाए जाने से श्रावण मास में बिल्व पत्र के लिए श्रृद्घालुओं की भीड़ लगी रहती है।

इस स्थान को बिल्व का गाला भी बोलते हंै। इसके अलावा धानोल व भंवरिया के शिव मंदिरों तथा रायपुर, हड़मतियां के पुष्पेंद्रसिंह कृषि फार्म और सूरजवाड़ा खाकीजी की वाड़ीपर भी बिल के अनेक पेड़ लगे हैं।

सुंधा क्षेत्र में हुए कम

रानीवाड़ा और सुंधा पर्वतीय क्षेत्र में बिल्व के कई पेड़ थे। पिछले कुछ सालों में सुंधा पर्वतीय क्षेत्र में इन पेड़ों की संख्या घट गई है। इसका मुख्य कारण पानी की कमी है। पहाड़ों में कुछ साल पहले तक प्रचुर संख्या में बिल्व पेड़ दिखाई देते थे, परंतु पेयजल स्रोत सूखने से इनकी संख्या घटती गई।

कितना उपयोगी बिल्व

बिल्व के उपयोगी भाग फल, पत्ती, जड़, छाल बीज और फूल होते हंै। अर्थात वृक्ष का हर हिस्सा लाभदायक व उपयोगी है। गोधाम पथमेड़ा के सुमन सुलभ ब्रह्मचारी महाराज के अनुसार बिल्व केफल का शर्बत बनाकर पीने से पेट के जटिल रोग व अल्सर समाप्त हो जाता है। बिल्व के पेड़ से फल तोडऩे की भी एक निश्चित प्रक्रिया होती है, तब भी उसकी सार्थकता सिद्घ होती है। बिल्व ऊपर से सख्त, लेकिन अंदर से रसयुक्त, मीठा और नरम होता है। पके हुए फल का शर्बत स्वादिष्टï होता है। इसके पेड़ की छाया भी शीतल होती है। आयुर्वेद में बिल्व का फल आंतों की बीमारी में लाभदायक माना जाता है। यह वायु रोग, हृदय रोग, बुखार और अनिद्रा रोग में भी लाभदायक होता है।

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