रानीवाड़ा।
मालवाड़ा कस्बे में मुख्य बस स्टेण्ड़ पर सौंदर्यकरण को लेकर विधायक रतन देवासी के प्रयासों से एवं दानदाता परिवार के सौजन्य से हो रहे निर्माण कार्यों ने राजनीति का रूप ले लिया है। एक तरफ विधायक के समर्थक किसी भी सूरत में उक्त निर्माण कार्य को जारी रखने की जिद कर रहे है, वही दूसरी ओर मालवाड़ा के ग्रामीण उक्त निर्माण कार्यों को अतिक्रमण का रूप देकर रूकवाने के प्रयास में लगे हुए है। इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने कई बार मौके का मुआयना भी किया एवं स्थानीय लोगों को समझाने का प्रयास भी किया, फिर भी राजनैतिक दखल के चलते यह कार्य विवाद का रूप ले रहा है।
जानकारी के मुताबिक, भामाशाहों की नगरी के रूप में प्रसिद्ध मालवाड़ा कस्बे में कई वर्षों पूर्व दानदाता परिवार आरके माधाणी ने बस स्टेण्ड़ के पास अपने निजी खेत में केसर बाग की स्थापना कर कस्बा वासियों एवं मवेशियों के लिए निशुल्क पानी की व्यवस्था शुरू की थी, जो अभी भी जारी है। केसर बाग के पास भी ग्राम पंचायत की भूमि में दानदाता परिवार के द्वारा मुत्रालय एवं पशुओं के पीने के लिए अवाड़ा बनाया गया था। कई वर्षों बितने के बाद मुत्रालय एवं अवाड़ा क्षतिग्रस्त हालत में होने की वजह से ग्रामीणों की मांग पर दानदाता परिवार से इस स्थल पर नया मुत्रालय एवं अवाड़ा निर्माण सहित १५० फूट लंबी इंटरलोकिंग पक्की पट्टी बनाने पर सहमति जताई। इस कार्य को लेकर पंचायत ने दानदाता परिवार को इजाजत भी दे दी। कुछ दिनों पूर्व दानदाता परिवार के द्वारा निर्माण कार्य शुरू करवाया गया, परंतु गांव की राजनीति के चलते ग्रामीणों ने उसे अवैध अतिक्रमण का मामला मानते हुए विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया। कई ग्रामीण निर्माण कार्य को रूकवाने के लिए कार्यवाहक एसडीएम के समक्ष पेश भी हुए। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौका मुआवना भी किया। कई ग्रामीणों के बयान लिए, उक्त कार्य कस्बे के सौंदर्यकरण में सहायक होने एवं जनहित का प्रतित होने पर उन्होंनें निर्माण कार्य को जारी रखने के आदेश दिए। शनिवार दोपहर के बाद गांव के कुछ लोगों ने निर्माण स्थल पर पहुंच कर वहां कार्य कर रहे लोगों को भगा दिया एवं निर्माण कार्य के साथ तोडफ़ोड भी की। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस भी मौके पर पहुंची। तथा समझाईस कर मामला शांत करवाया।
मालवाड़ा सरपंच दीवालीदेवी भील ने बताया कि ९ दिसम्बर 2010 को दानदाता परिवार ज्ञानचंद रूपचंद माधाणी ने जनहित को देखते हुए उक्त स्थल पर आरआई भवन से केसरबाग तक इंटरलोकिंग टाईल्स लगवाने, ट्रिगार्ड, पूराने लोहे के बने चबुतरे की जगह नया भवन बनवाने एवं महिला व पुरूषों के लिए अलग-अलग मुत्रालय बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। जिस पर ग्रामपंचायत की बैठक में आमसहमति बनने में पंचायत से निर्माण कार्य शुरू करवाने की अनापत्ती जारी की थी। कार्य जनहित में एवं गांव की सुंदरता बढ़ाने के लिए हो रहा है।
दूसरी ओर समाजसेवी हरीशचंद्रसिंह देवल ने बताया कि उक्त स्थल सार्वजनिक है, जिस पर पशुओं के पीने के लिए अवाड़ा बना हुआ है, यही पर गांव की मवेशियों के लिए कई लोग चारा भी डालते है। इस जगह पक्का निर्माण होने से अतिक्रमण का भय है। इस स्थल पर नए निर्माण की गांव को फिलहाल कोई जरूरत नही है। यदि निर्माण कार्य नही रूकवाया गया तो मालवाड़ा गांव के लोग कड़ा विरोध जताएंगे।
इस विवाद के चलते दोनों गुु्रपों में तनातनी देखी जा रही है। मूंछ का बाल बने इस कार्य को विधायक एवं दानदाता परिवार किसी भी सूरत में पूरा करवाना चाहते है। वही अन्य ग्रामीण काम को रूकवाने के कार्य में लगे हुए है। सभी जगह इस विवाद के बारे में लोग चर्चा करते नजर आ रहे है।
1 comment:
Dear Guman Singhji,
Development is important but questionable at the cost of harmony.Better to stop the work till common consensus built up or people realise and decide themselves what is and what not required; and not only for satisfaction of ego of either group.
Regards,
Dr. B.S. Deora
S.D. Agril. University, Sardarkrushinagar
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