रानीवाड़ा।
प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री सुंधामाता ट्रस्ट पर अब सरकारी साया पडने वाला है। देवस्थान विभाग उदयपुर ने ट्रस्ट की आय-व्यय की निगरानी के लिए जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर ट्रस्ट को प्राप्त होने वाली राशि की गणना में पारदर्शिता एवं नियमितता को लेकर अधिकृत किया है।
जानकारी के मुताबिक, राजस्थान, गुजरात सहित देश के कई राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बने श्री सुंधामाता तीर्थ को संचालित करने वाले श्री चामुण्ड़ा माताजी मंदिर ट्रस्ट में पिछले कई वर्षों से अनियमितताए एवं धांधली की शिकायत मिल रही थी। इन शिकायतों को लेकर गत जिला परिषद की बैठक में विधायक रामलाल मेघवाल ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसका अनुमोदन सदन ने सर्व सम्मति से पारित कर ट्रस्ट की गतिविधियों एवं आय-व्यय में पारदर्शिता के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखकर रिसीवर लगाने का निवेदन किया था। जिला कलेक्टर ने जिला परिषद के इस प्रस्ताव को क्रियान्वयन करने के लिए राज्य सरकार को भेजा जहांं से सरकार की सकारात्मक टिप्पणी के साथ देवस्थान विभाग उदयपुर को पत्र प्रेषित किया गया है। जिस पर देवस्थान विभाग ने 10 जून को जिला कलेक्टर जालोर को पत्र प्रेषित कर श्री चामुण्ड़ा माताजी ट्रस्ट, सुंधापर्वत, दांतलावास तहसील भीनमाल में प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त कर पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
जिस पर जिला कलेक्टर के.के. गुप्ता 21 जून को नए निर्देश जारी कर श्री चामुण्ड़ा माताजी ट्रस्ट सुंधापर्वत में प्राप्त होने वाली राशि की गणना में पारदर्शिता एवं नियमितता के परिपेक्ष्य में मंदिर के भण्ड़ार तथा अन्य प्राप्त होने वाली भेंट राशि की गणना के लिए उपखंड अधिकारी, भीनमाल को मनोनित कर राज्य सरकार के निर्देशों की पालना करने के लिए पांबद किया है।
क्या है निर्देश :- सुंधामाता तीर्थ पर प्रतिमाह लाखों रूपए एवं सोने चांदी के गहनों की आवक होती है। अब नए निर्देशों के तहत ट्रस्ट के द्वारा संचालित भण्ड़ार को माह में एक बार निश्चित तिथि को एसडीएम के समक्ष खोला जाएगा। भण्ड़ार खोलने पर उसमें प्राप्त होने वाली राशि एवं अन्य सामग्री का लेखा-जोखा एसडीएम के समक्ष संधारित किया जाएगा। पूरा विवरण प्रत्येक माह मंदिर के पास ट्रस्ट कार्यालय के बाहर नोटिस बोर्ड पर एवं उपखंड कार्यालय भीनमाल में चस्पा किया जाएगा, ताकि कोई भी श्रद्धालु ट्रस्ट की आय-व्यय को पारदर्शिता पूर्वक देख सके। इसी तरह मंदिर के नाम पर काटी जाने वाली रसीदों एवं दी जाने वाली भैंटों अर्थात गहनों का हिसाब-किताब इसी दिन एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसका सम्पूर्ण लेखा-जोखा नोटिस बोर्ड पर लगाना आवश्यक माना गया है। साथ ही ट्रस्ट की गतिविधियों, आय-व्ययों की जानकारी सहित नए होने वाले कार्यों की मासिक रिपोर्ट जिला कलेक्टर को प्रेषित करनी आवश्यक होगी।
क्या होगी भावी कार्यक्रम :- प्रशासनिक हल्कों से मिली जानकारी के अनुसार श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा की तर्ज पर श्री सुंधामाता मंदिर का संचालन राज्य सरकार देवस्थान विभाग को सौंपेगा। इससे पूर्व प्रत्येक माह की निश्चित तिथि को एसडीएम के समक्ष खुलने वाले भण्ड़ारे में से निकलने वाली दान राशि एवं भैंट की गणना के लिए विडियों केमेरे एवं सीसी टी.वी. केमेरे लगाए जाएंगे, ताकि कोई भी श्रद्धालु मंदिर के बाहर भी खड़ा-खड़ा भण्ड़ारे से निकलने वाली राशि की गणना होते देख सकता है। गौरतलब यह है कि इस ट्रस्ट में कई वर्षों से लाखों रूपए के घोटाले होते आए है।
इनका कहना :-
-जिला परिषद जिले की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था होती है। गत बैठक में जनप्रतिनिधियों के द्वारा ट्रस्ट की गतिविधियों में अनियमितता को लेकर पारित किए गए प्रस्ताव पर देवस्थान विभाग ने निर्देश जारी कर आय-व्यय पर निगरानी के लिए प्रशासनिक अधिकारी लगाने का कहा है, जिस पर हमने भीनमाल एसडीएम को निगरानी के लिए नियुक्त कर दिया है और इन निर्देशों की जानकारी ट्रस्ट के सचिव एवं अध्यक्ष को भी दे दी है।
-केवल कुमार गुप्ता जिला कलेक्टर, जालोर
-राज्य सरकार ने वित्तिय व्यवस्थाओं की पारदर्शिता के लिए यह कदम उठाया है और अन्य बिंदुओं पर भी जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। इससे जो सुंधा पर्वती य तीर्थ स्थल के विकास की राह सुदृढ होगी।
-रतन देवासी विधायक, रानीवाड़ा
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