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Monday, 3 May 2010
पंचान्हिका महोत्सव शुरू
रानीवाड़ा।
निकटवर्ती मालवाड़ा में पांच दिवसीय पंचान्हिका महोत्सव के दूसरे दिन प्रवचन देते हुए आर्चाय रत्नाकर सूरीश्वर महाराज ने कहा कि इंसान व इंसानियत में बहुत अंतर है। इंसान अपना स्वार्थ, परिवार का स्वार्थ व स्वयं का लाभ सर्वप्रथम देखता है। उसे किसी इंसान से इस विषय पर मतलब नही होता है। इंसानियत रखने वाला मानव गांव, प्रदेश व राष्ट्र का भला सर्वप्रथम सोचता है। उन्होंने कहा कि हर इंसान इंसानियत के रूप में दूसरों के दुख में सहभागी बने। मुन्नी रत्नत्रय विजे ने भी धर्म का उद्देश्य को लेकर विस्तार से बताया। महोत्सव के आयोजन शाह मुलतानमल छोगाजी ने भी धर्म लाभ के रूप में दो शब्द कहे। इस महोत्सव भव्य जुलस, धार्मिक पाठशाला का कार्यक्रम, रंगोली, दीपक रोशनी, आंगी सहित कई धार्मिक कार्यक्रम जैनाचार्य के सानिध्य में हो रहे है। इस अवसर पर समाजसेवी कांतिलाल शाह, निलेश लाधाणी, संघवी चुन्नीलाल, सूरजमल जैन, नरेश शर्मा, फुलचंद जैन, जलपा हिराणी, संघवी मोहिनी सहित कई भक्तजन धर्मलाभ ले रहे है।र्
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Dharm
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