रानीवाड़ा
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सौमरा माताजी को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर क्षेत्र के लोगों ने भी माना है कि इस स्थान का विकास होना चाहिए। ताकि यहां पर्यटन स्थल बन सके और साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा हो। इस संबंध में विधायक रतन देवासी ने भी कहा कि हालांकि सौमरा माताजी स्थल को विकसित करने के लिए पहले से कुछ योजनाएं हैं, लेकिन अब और भी योजनाएं चलाकर इस स्थान का विकास करवाया जाएगा। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने अपने सोमवार के अंक में 'विकास हो तो मिले पहचानÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर इस स्थान के विकास की आवश्यकता जताई थी।
इस स्थान के विकास और यहां धार्मिक पर्यटन के विकास को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अमृतलाल वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने धार्मिक पर्यटन को विकसित करने को लेकर एक योजना कुछ महीनों पहले शुरू की थी। उस योजना के तहत विधायक रतन देवासी की अनुशंषा पर डाडोकी गांव से सौमरा माताजी पर्वत की तलहटी तक कच्चे सड़क को डामरीकरण करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था। इसकी मंजूरी मिल गई है और शीघ्र ही लगभग ५३ लाख रुपए की लागत से २.५ किलोमीटर लंबी इस सड़क के काम को शुरू करवाया जाएगा। इसी प्रकार तलहटी से पर्वत के ऊपर स्थित मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ी निर्माण का कार्य भी स्वीकृत हो गया है। यह काम विधायक कोष से 5 लाख रुपए की लागत से करवाया जाएगा।
-धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने के राज्य सरकार के निर्देशों के तहत इस ऐतिहासिक पवित्र तीर्थ स्थल के विकास में धन की कमी आने नहीं दी जाएगी। मुख्य मंदिर के पास सामुदायिक सभा भवन का निर्माण करवाया जाएगा।
-रतन देवासी विधायक, रानीवाड़ा
-सौमरा माताजी मंदिर का इतिहास सुंधामाताजी के समकालीन होने से इस तीर्र्थ स्थल का पौराणिक महत्व है। तीर्थ स्थल को विकसित करने में दानदाताओं एवं ग्रामीणों को भी सहयोग करना चाहिए।
-ऊकसिंह परमार, समाजसेवी सिलासन
-क्षेत्र के इस प्रसिद्ध शक्तिपीठ को विकसित करने का कार्य काफी लंबे समय से प्रस्तावित है, परंतु प्रशासन के सहयोग बिना कार्य संभव नहीं था। अब इसके विकास के कार्य करवाए जाएंगे।
- झमका कंवर, सरपंच, सिलासन
No comments:
Post a Comment