रानीवाड़ा।
प्रसिद्ध आपेश्वर पशु मेला सेवाडिय़ा का आज राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह व स्थानिय विधायक रतन देवासी ने विधिवत ढंग से समापन किया। इस अवसर पर भव्य रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। विजेता पशुपालकों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर केवल कुमार गुप्ता, पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल, प्रदेश कांग्रेस सचिव पुखराज पारासर, पूर्व प्रधान सुखराम विश्रोई सहित कई जने उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि कुछ वर्षों पूर्व गोवंश की हर घर में महत्वपूर्ण भूमिका हुआ करती थी, परंतु समय के साथ अब तकनीकी व मशीनी क्रांति आने के बाद गोवंश की महत्ता कम होने लगी है, फिर भी आने वाले समय में गोवंश को लेकर मेलों का भविष्य सुनहरा होगा। उन्होंनें कहा कि जिस घर में बैलों की जोड़ी हुआ करती थी, उस घर का समाज में मान, सम्मान व प्रतिष्ठा हुआ करती थी। पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए रानीवाड़ा डेयरी की अहम भूमिका हो सकती है। सभी पशुपालक सहकारिता आंदोलन में सहयोग कर इस डेयरी में सहभागिता कर सकते है। जिससे उनका आर्थिक स्तर भी सुधर सकता है। जिस घर में दो भैंस या गाय होती है तो डेयरी से जुडऩे पर उनके घर पर मासिक दस हजार की आय हो सकती है। उन्होंने कहा कि बीकानेर में ऊंटनी के दूध पर कई चिकित्सक शौध कर रहे है। ऊंटनी का दूध स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। इस दूध के सेवन से शरीर में मधुमेह की बीमारी नही होती है। अत: पशुपालन को सभी पशुपालक ज्यादा से ज्यादा अपनाए, जिससे मेले का भविष्य भी सुधर सके।
सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने विशेष पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए दो सौ करोड़ का पैकेज निर्धारित किया है। जिले में विधायक रतन देवासी की अनुशंषा पर अतिशीघ्र आवासीय विद्यालय शुरू किया जाएगा। जिस पर दस करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।
विधायक देवासी ने कहा कि प्रसिद्ध मेले को सफल बनाने के लिए उन्होनें व्यवस्थाओं में सुधार करने का प्रयास किया है। अगले वर्ष आयोजित होने वाले इसी मेले में ओर भी सुधार किए जाएंगे। व्यवस्था में सुधार को लेकर नागरिकों से सलाह ली जाएगी। इस वर्ष यह मेला सफल हुआ है, जिसके पिछे समिति के कर्मचारियों व अधिकारी का जनप्रतिनिधियों से टीम वर्क की भावना से काम करना है। मेले में ठेके पे देने से पंचायत समिति को दो वर्षों में 10 लाख की आय हुई है, जो कि एक उपलब्धि है। इस आय से मेला परिसर में जीएलआर एवं ट्यूबवेल तैयार किए जाएंगे। ताकि आने वाले मेलों में पंचायत समिति प्रशासन को पेयजल की समस्या से निजात मिल सके। सूरक्षा व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए मेला परिसर के चारों तरफ महानरेगा योजना के तहत चारदीवारी का निर्माण कर वृक्षारोपण किया जाएगा। ताकि भविष्य में पशुपालकों को वृक्षों की छाया मिल सके।
मेलाधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने प्रतिवेदन पढकर मेले की आय-व्यय व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला, उन्होंनें कहा कि इस वर्ष बैलों की जोड़ी सर्वाधिक ६५ हजार में बिकी है, जो कि मेले के लिए एक उपलब्धी है। जिला कलेक्टर गुप्ता ने मेले की प्रगति को लेकर अपनी बात कही। पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल ने पशु पालन को बढ़ावा देने की बात कही। पूर्व प्रधान सुखराम विश्रोई ने मेले की व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर विधायक देवासी की प्रसंशा की। प्रदेश सचिव पुखराज पाराशर ने ग्रामीण संस्कृति व परंपराओं के संरक्षण में मेले की अहम भूमिका के बारे में कहा। इस अवसर पर सभी पंचायत समिति सदस्यों, जिला परिषद सदस्यों, सरपंचों सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्य डॉ. सिंह को विधायक ने पट्टु ओढाकार व तलवार भैंट कर सम्मान प्रदान किया गया। सभी अतिथियों को विशेष स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए। विजेता पशु पालकों को स्मृति चिन्ह के साथ प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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