रानीवाड़ा
पंचायतराज चुनाव की प्रक्रिया शुरू होनी बाकी है, लेकिन गांवों में चुनावी रंग जमने लगा है। सवेरे से लेकर देर शाम तक अब चुनावों की चर्चा मुख्य मुद्दा बन गई है। लोग अपने-अपने तरीके से हार-जीत के तरीके और समीकरण बताकर गांव की सरकारों का स्वरूप तय कर रहे हैं। इस बीच कई सीटों पर जहां लोग खुश हैं तो कई जगहों पर मौजूदा प्रतिनिधियों को आरक्षण के कारण मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। इधर, आयोग की ओर से जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के लिए जारी कार्यक्रम ने भी दावेदारों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर उनकी जिन्हें पहले चरण में 20 जनवरी को चुनाव लडऩा है।
यह रहेगा कार्यक्रम
पंचायत समिति क्षेत्र में जिला परिषद के ४ वार्डों एवं पंचायत समितियों के १९ वार्डों के लिए नामांकन 7 से 9 जनवरी तक स्वीकार होंगे। इनकी जांच के बाद 12 दिसंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। इसके साथ ही जिला परिषद एवं पंचायत समिति के प्रत्येक वार्ड का राजनीतिक परिदृश्य साफ हो जाएगा। 20 जनवरी के पहले चरण में शामिल रानीवाड़ा, चितलवाना व सांचौर पंचायत समिति क्षेत्र के प्रत्याशियों को एक सप्ताह का समय प्रचार के लिए मिलेगा। दूसरे चरण में शामिल पंचायत समितियों के प्रत्याशियों को 16 दिन का समय प्रचार के लिए मिलेगा। सर्वाधिक लाभ में तीसरे चरण में शामिल पंचायत समिति क्षेत्र के प्रत्याशी रहेंगे जिन्हें प्रचार के लिए 20 दिन तक का समय मिलेगा।
नेता हुए सक्रिय
चुनाव समीप होने से भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने गांवों में कार्यकर्ताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। शेष & पेज 9
भाजपा नेता नारायणसिंह देवल, सांसद देवजीभाई पटेल व जिलाध्यक्ष अमीचंद जैन की तिकड़ी भावी प्रत्याशियों की तलाश में जुट गई है।
भाजपा की नजर कलबी वोट बैंक पर टिकी हुई है। कलबी वोट बैंक परम्परागत रूप से कांग्रेस के साथ रहा है, परंतु रतनाराम चौधरी का टिकट कटने के बाद कुछ बदलाव देखा जा रहा है। इसी तरह विधायक रतन देवासी के पास टिकट के आवेदकों की लंबी सूची आनी शुरू हो गई है।
एक ही दिन नामांकन, अलग-अलग चुनाव
जि ले में तीन चरणों में चुनाव होना है। सभी तीन चरण के चुनाव के लिए नामांकन-पत्र दाखिल करने का कार्यक्रम एक ही होने से विसंगति उत्पन्न हो गई है। पहले चरण वालों को सबसे कम प्रचार की अवधि मिलेगी तो उनके साथ ही नामांकन पत्र पेश करने वाले तीसरे चरण के उम्मीदवारों को दो सप्ताह तक का अधिक समय मिलेगा। ऐसे में जिन लोगों की सीट पहले चरण में है वे अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। जिन क्षेत्रों में प्रचार की अवधि कम मिलेगी वहां टिकट के दावेदारों की चिंता अभी से बढ़ गई है। कुछ दावेदारों ने टिकट तय मान अभी से गांवों की चौपालों पर लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। पहले चरण के क्षेत्रों वाले दावेदार राजनीतिक दलों पर प्रत्याशी घोषणा शीघ्र करने का दबाव बनाने लगे हैं।
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