रानीवाड़ा
बिना भवन के ही क्षेत्र में कस्तुरबा आवासीय विद्यालय आरंभ कर देना ना केवल छात्राओं के लिए परेशानी भरा साबित हो रहा है बल्कि भवन के अभाव में विद्यालय की कीमती सामग्री कबाड़ में तब्दील हो रही है। वैसे तो इस आवासीय विद्यालय का अपना भवन होता है, लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं होने के कारण यह विद्यालय किराए के भवन में संचालित किया जा रहा है। केंद्र संचालिका के अनुसार भवन किराए का होने के कारण काफी सामग्री आसमान के नीचे पड़ी है। इस सामग्री का रख-रखाव सर्वशिक्षा अभियान के पास है। जानकारी के मुताबिक यह केजीबी जालेराकलां के नाम से स्वीकृत है। जालेराकलां में भवन निर्माणाधीन होने के कारण इसे रानीवाड़ा कस्बे में संचालित किया जा रहा है।
९० से अधिक छात्राएं : इस केंद्र में ९० से ज्यादा बालिकाएं ६ से ८ तक की कक्षाओं में अध्ययन कर रही हैं। केंद्र में सर्दी के मौसम के चलते बालिकाओं के रहने के लिए पर्याप्त कमरे भी नहीं है। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही हाल विद्यालय की सामग्री का है। बालिकाओं को सिलाई शिक्षा प्रदान करने के लिए दी गई मशीनें धूल फांक रही है। यही हालत लोहे के पलंग, कंप्यूटर, सौर उर्जा की प्लेट, रजाई-बिस्तर की भी है।
कंप्यूटर व सौर उर्जा प्लांट भी खराब : भवन के अभाव और सामग्री की देखभाल के प्रति लापरवाही के कारण विद्यालय को कीमती सामान भी खराब हो रहा है। लंबे समय से इनवर्टर खराब पड़े हैं एवं कंप्यूटर भी बदहाल है। सर्दी के मौसम में पानी गर्म करने के लिए व रोशनी व्यवस्था के लिए सौर उर्जा का प्रोजेक्ट धूल फांक रहा है।
निर्माणाधीन भवन के लिए मांगा है बजट
ञ्चकेजीबी की व्यवस्था के लिए सीआरसीएफ जालाराम मेघवाल को नियुक्त किया हुआ है। फिलहाल यह केंद्र एसडीएमसी जालेराकलां संचालित कर रहा है। निर्माणाधीन भवन के लिए बजट की मांग विभाग को भेजी गई है। राशि आने पर भवन को शीघ्र ही पूरा किया जाएगा।
तेजाराम विश्नोई, बीआरसीएफ, रानीवाड़ा
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