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Wednesday, 29 December 2010

आरक्षण मुद्दे पर सीएम से मिला प्रतिनिधिमंडल

रानीवाड़ा

विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल रेबारी, बंजारा और गाडोलिया लुहार समाज के प्रतिनिधियों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर मांग की है कि आरक्षण को लेकर सरकार से होने वाली वार्ताओं में उनके प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। समुदाय विशेष के साथ समझौते उन्हें मान्य नहीं होंगे।

जयपुर से लौटे प्रतिनिधि मंडल के सदस्य गोदाराम देवासी ने बताया कि एसबीसी वर्ग की तीन जातियों के लोगों के साथ न्याय दिलाने की बात को लेकर सोमवार को एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला और मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में बताया गया है कि न्यायालय के आदेशों की तुरंत पालना करते हुए समिति का गठन कर डॉटा एकत्रित करने का कार्य हाथ में लेना चाहिए। इन समाज ने मांग की कि सामाजिक सर्वेक्षण व अन्य मुद्दों पर तालमेल व सामाजिक सूचनाओं के लिए प्रदेश, जिला व तहसील स्तर पर कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाए। इन समाजं के अधिकांश परिवार राज्य से बाहर हंै। ऐसे में इनके आंकड़ें जुटाने में सावधानी बरती जाए।

उपसमिति से भी मिले : तीनों जातियों के प्रतिनिधियों ने मंत्री मंडलीय उप समिति से भी मुलाकात कर समाज के लोगों की भावनाओं से अवगत कराया। उन्होंने सर्वे में जल्दबाजी करने में समाज को होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। समिति के तीनों सदस्य जितेंद्रसिंह गुर्जर, बृजकिशोर शर्मा व शांति धारीवाल ने इनकी मांगों पर विचार कर रेबारी, बंजारा व गाडलिया लुहार समाज को भी गुर्जरों के समान प्रतिनिधित्व दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने भी इन तीनों समाजों के प्रतिनिधियों से काफी लंबी बातचीत करते हुए बताया कि सरकार द्वारा पारित विधेयक के तहत आरक्षण दिलवाया जाएगा। सरकार चाहती है कि न्यायालय के फैसले के अनुसार सर्वे हो। नौकरियों में एक प्रतिशत का लाभ मिलता रहेगा तथा 4 प्रतिशत पद सृजित कर आरक्षित रखे जाएंगे तथा जब भी उच्च न्यायालय का निर्णय होगा तब इस वर्ग को इन पदों पर नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा।

क्या हंै सामाजिक मांगें

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कई मांग की गई हैं। इनके अनुसार पशुपालक कल्याण बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियां शीघ्र कर देवनारायण बोर्ड की तरह बजट आवंटित करने, रेबारी समाज के विद्यार्थियों की आवास समस्या के लिए जयपुर व कोटा में रियायती दर पर भूखंड का आवंटन किया जाए। घुमंतू होने की वजह से रेबारी समाज के लोगों को नि:शुल्क पशु बाड़ा के लिए भूखंड़ का आवंटन किया जाए, सुरक्षा के लिए शस्त्र का लाइसेंस दिया जाए। निष्क्रमण के दौरान पशुपालकों की जन हानि होने पर ५ लाख एवं घायल होने पर २ लाख रुपए राहत राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से आवंटित की जाए। बंजारा एवं गाडलिया समाज के लोगों ने भी इस वर्ग को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए अलग से बोर्ड गठित कराने, निशुल्क भूखंड दिलाने, जाति प्रमाण पत्र बनाने में भ्रांतियों का निवारण कराने व समस्त समाज को बीपीएल श्रेणी में जोडऩे की मांग की है।

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