रानीवाड़ा।
विशेष पिछड़ा वर्ग आरक्षण मामले को लेकर अखिल भारतीय रेबारी समाज सेवा संस्थान के द्वारा प्रस्तावित धरने को सामाजिक पंचों की समझाईस के बाद टाल दिया गया। इस धरने को लेकर पूरे जिले के प्रशासन सुबह से ही सतर्क हो गया था। बाद में धरना टालने की खबर के साथ प्रशासन को राहत मिली है।जानकारी के मुताबिक, धरना देने रानीवाड़ा उपखंड मुख्यालय पर भीनमाल सहित अन्य जिलों से आ रहे रेबारी समाज के प्रतिनिधियों ने कस्बे से पांच किमी दूर लहरीया होटल पर ठहरकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। रानीवाड़ा तहसील क्षेत्र के रेबारी समाज के लोग सेवाडिय़ा स्थित आपेश्वर महादेव मंदिर में एकत्रित हुए थे। तनाव की स्थिति को देखते हुए समाज के मौजूद लोगों ने समझाईस कर धरना टालने की पहल की, तब स्थानीय समाज के पंचों का प्रतिनिधि मंड़ल जिसमें हरजीराम, पीराराम, जोगाराम, बगदाराम सहित कई जने शामिल थे। उन्होंनें लहरीया होटल में भीनमाल से आए खीमराज देसाई व कोड़का सरपंच ओखाराम से वार्तालाप किया। वार्तालाप के बाद पंचों ने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर शुक्रवार को रानीवाड़ा तहसील क्षेत्र के रेबारी समाज के द्वारा स्थानीय विधायक रतन देवासी व एसडीएम कैलाशचंद्र शर्मा को दिए गए आरक्षण मामले के ज्ञापन में सहमति देकर उसको मान लिया गया।
सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुए समाज के पंचों के इस निर्णय का सभी लोगों ने ध्वनिमत से तालिया बजाकर समर्थन दिया तथा समाज में संगठन व त्याग सहित कर्तव्य परायणता की भावना बनाए रखने की बात दौहराई। बाद में खेमराज देसाई, सुरेश बंजारा व मेहराराम बाड़मेर सहित चार दर्जन लोग होटल लहरीया से भीनमाल की ओर रवाना हो गए। जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना यह धरना, समाज के लोगों की समझाईस के बाद टलने से उन्हे राहत मिली है। धरने को लेकर करड़ा, बागोड़ा, मोदरान, भीनमाल, जसवंतपुरा सहित रानीवाड़ा पुलिस थाने सहित पुलिस लाईन से विशेष जाब्ता मंगवाया गया था।
संयुक्त जातिय आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशध्यक्ष मेहराराम रायका ने बताया कि समाज आरक्षण को लेकर संगठित है। समाज में कोई विरोधाभास नही है। शुक्रवार को दिए गए रेबारी समाज के ज्ञापन को हम लोगों ने भी सहमति देकर मान लिया है। कुछ लोग इस धरने को लेकर राजनीति करने जा रहे थे। वो समाज को कदापि मंजुर नही है। आरक्षण को लेकर 4 जनवरी को सिणधरी में भी विशाल महापड़ाव दिया जाएगा।
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