रानीवाड़ा
स्वामी श्रीआत्मानंद संस्थान में संस्थातप माध्यमिक विद्यालय में चार अतिरिक्त कक्षा कक्ष एवं बड़े हॉल का शनिवार को शिलान्यास किया गया। इस मौके मुख्य अतिथि स्वामी दंडी देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि अशिक्षा मानव जीवन के लिए अभिशाप है, लेकिन शिक्षा मनुष्य जीवन के लिए दर्पण का कार्य करती है। शिक्षा से ही मानव जीवन निखरता है। स्वामी ने कहा कि अन्नदान, कन्यादान, विद्यादान संसार में महत्वपूर्ण व आदर योग्य कहे गए हैं, फिर भी शिक्षादान इन तीनों में बड़ा बताया गया है, क्योंकि संसार में शिक्षा को न तो बांटा जा सकता है न इसकी चोरी की जा सकती है। इतना ही नहीं शिक्षा को जितना खर्च करते हंै उतनी ही उसमें बढ़ोतरी होती है। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने जीवन भर शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास किया और अपने प्रयासों को मूर्त रूप भी दिया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कबीर संत रमीयादास महाराज ने कहा कि शिक्षा बिना जीवन अधूरा होता है तथा व्यक्ति अपने आप को खाली महसूस करता है। शिक्षा से ही व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है। इस मौके विशिष्ट अतिथि बालकदास महाराज और वैराग्यदास महाराज सहित कई संतो ने भी शिक्षित व अशिक्षित प्राणी में अंतर पर विचार व्यक्त किए। संस्थान के अध्यक्ष प्रागाराम पुरोहित ने सभी संतों व आगंतुकों का आभार जताया। इस अवसर पर माली समाज के अध्यक्ष जेठाराम गहलोत, सोमता सरपंच मीठालाल पुरोहित, समाजसेवी उमाराम पुरोहित, छोगाराम पुरोहित, आसूराम, तिकमाराम, जीतेंद्रकुमार, आखराड़ के पूर्व सरपंच रेवाराम पुरोहित, करणाराम पुरोहित, मुकेश लखारा, भंवरलाल मेघवाल, चतराराम प्रजापत, कांतिलाल गोयल सहित कई लोग उपस्थित थे।
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