रानीवाड़ा।
पंचायत संस्थाओं के चुनाव के तहत जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के लिए मतदान सम्पन्न होने के साथ ही जिला प्रमुख व प्रधान पद के दावेदार सक्रिय हो गए है। दावेदारों में अब आठ फरवरी को होने वाली मतगणना को लेकर उत्सुकता है। जीत के प्रति आश्वस्त उम्मीदवारों ने प्रमुख व प्रधान पद के लिए दौड़ धूप तेज कर दी है। दावेदारों ने आंकलन के अनुरूप जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य उम्मीदवारों से सम्पर्क साधना शुरूकर दिया है।
इसी तरह, पंचायत समिति रानीवाड़ा, जसवंतपुरा व सांचोर में प्रधान के चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। रानीवाड़ा विधानसभा में ३० पंचायत रानीवाड़ा, ११ पंचायत जसवंतपुरा व ८ पंचायत सांचोर पंचायत समिति की आती है। अत: दोनो दलों के नेतृत्व को तीनों क्षेत्र में ध्यान देना पड़ रहा है। दोनों दलों में पार्टी प्रत्याशियों की जमकर तरफदारी की जा रही है। विधायक रतन देवासी व जिलाध्यक्ष अमीचंद जैन जैसे शीर्ष नेता आगामी रणनीति के तहत योजना को अंजाम देने में जुट गए है। गत बीस जनवरी को संपन्न हुए पंचायतीराज चुनावों के तहत जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के लिए वोट डाले गए। चुनाव के बाद दोनों दल अपनी-अपनी पार्टी की जीत का दावा कर रहे है, लेकिन चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद दोनों दलों के नेताओं को गणित गड़बड़ाने की चिंता है।
ऐसे में सर्वप्रथम भाजपा ने बुधवार रात से चुनाव लड़ चुके पार्टी प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी शुरू कर दी है। भाजपा के सदस्यों को पहाड़पुरा व जालोर की ओर अज्ञात जगह पर रखा गया है। पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह देवल व जिलाध्यक्ष अमीचंद जैन स्थिति पर नजर रखे हुए है। कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों को एकत्रकर क्षेत्र से बाहर की ओर भेजा गया है। विधायक रतनदेवासी भी हालात पर नजर रखे है।
तीर्थ यात्रा की ओर:- बाड़ाबंदी के दौरान सदस्यों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। महिला प्रत्याशियों के साथ उनके परिजनों को भी ले जाया गया है। जहां उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। सदस्य भी खेमे में विभिन्न पकवानों और सुविधाओं का लाभ ठाठ बाठ से उठा रहे है। कुछ सदस्यों को कार्यकर्ताओं के साथ तीर्थयात्रा पर भेजा जा रहा है।
नजरें हुई चौकस:- बाड़ाबंदी के दौरान सुरक्षा व निगरानी के पुख्ता प्रबंध के लिए दोनो दलों के नेताओं ने अपने विश्वासपात्र बाहुबली क्षत्रपों को इस काम के लिए लगाया है। सभी प्रत्याशियों की मोबाईल सुविधा हटा दी गई है। सदस्यों व उनके परिजनों को बाहर जाने और किसी से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। बात करने के लिए ग्रुप लीडऱ के मोबाईल से स्पीकर खोलकर बात करवाई जा रही है। सदस्यों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मतगणना के बाद प्रमुख व प्रधान के चुनावों तक इन पर कड़ी नजर बरकरार रहेगी।
नेताओं की प्रैस्टिज इश्यू:- रानीवाड़ा पंचायत समिति में प्रधान पद पर कब्जा करने के लिए दोनों मुख्य दलों के नेताओं के अलावा पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह देवड़ा व पूर्व विधायक रतनाराम चौधरी की इज्जत भी दांव पर लगी है। चौधरी का प्रयास यह है कि देवासी सर्मथक व देवड़ा का प्रयास है कि देवल सर्मथक प्रधान पंचायत समिति में जीत न सके। इस तरह चतुष्कोणीय मुकाबलों में कौन बाजी मार सकेगा, यह तो ८ फरवरी को ही चुनावी नतीजों के बाद ही मालूम पडेगा।
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