रानीवाड़ा
उपखंड क्षेत्र के कोटड़ा गांव की सौ से ज्यादा ढाणियां रोशनी के लिए तरस रही हंै। प्रदेश में कई मर्तबा सरकारें बदलीं, लेकिन क्षेत्र के खीचड़ों व कांवों की ढाणी की तकदीर वहीं की वहीं है। यहां आज भी बिजली के कनेक्शन नहीं है। इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार कलक्टर और विधायक सहित डिस्कॉम के अधिकारियों को भी अवगत करवाया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
इनका कहना है
ञ्चखीचड़ों व कांवों की ढाणी में अभी बिजली नहीं पहुंच पाई है। इसके लिए अब राजीव गांधी विद्युत योजना के तहत बिजली पहुंचाने के प्रयास जारी है। कुछ डिमांड जारी कर दिए गए हैं, शेष के डिमांड विद्युत सामग्री के उपलब्ध होने पर कर दिए जाऐंगे।
-तरूण खत्री, सहायक अभियंता, विद्युत निगम रानीवाड़ा
ञ्चढाणियों के साथ निगम सौतेला व्यवहार कर रहा है, सभी आवेदकों को एक साथ डिमांड जारी करना चाहिए। हम ५ वर्षो से रोशनी का इंतजार कर रहे हंै।
-फगलुराम खीचड़, पूर्व उपसरपंच, ग्राम पंचायत कोटड़ा
आसपास के गांव हैं जगमग
आलम यह है कि खीचड़ों व कांवों की ढाणी के आसपास के गांवों में बिजली की लाईन है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव से मात्र 3 किमी दूर कोटड़ा गांव, मौखातरा, करवाड़ा एवं मीरपुरा में बिजली आती है, लेकिन खीचड़ों व कांवों की ढाणी की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। इस कारण ग्रामीण परेशान रहते हैं। खीचड़ों व कांवों की ढाणी में करीब 70-80 घर बने हुए हैं, जिनमें से ५० जनों ने बिजली निगम में घरेलु विद्युत कनेक्शन के लिए ५ साल पहले आवेदन जमा करवा रखा है, लेकिन उनमें से अभी सिर्फ ७ ढाणियों के डिमांड जारी किए गए है। शेष अभी तक डिमांड का इंतजार ही कर रहे हंै।
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