रानीवाड़ा। रानीवाड़ा-मंडार मार्ग स्थित जेतपुरा बांध पर लाखों की लागत से निर्मित सहायक अभियंता भवन शुरू होने से पहले ही जर्जर हो गया। हालात यह है कि भवन के दरवाजे टूट गए हैं तथा साफ सफाई के अभाव में कचरे के ढेर लगे हैं।
दरअसल, जेतपुरा बांध का उद्घाटन वर्ष 1992 में सिंचाई मंत्री श्रीमती कमला देवी के कर कमलों से हुआ था। इस बांध से करीब 6 हजार हैक्टर जमीन सिचिंत करने का लक्ष्य था, लेकिन बांध बनने के बाद बारिश के अभाव में कभी डेड स्टोर यानी एक मीटर से ज्यादा कभी पानी नहीं आया।
बांध पर जल संसाधन विभाग की ओर से दो लाख 50 हजार रूपए की लागत से कार्यालय भवन बनाया था जो बांध में पानी नहीं आने के कारण शुरू ही नहीं हो पाया। इस कारण से विभाग ने इसकी सुध नहीं ली। वर्तमान में स्थिति यह है कि भवन न केवल जर्जर हो गया है, बल्कि कचरे से भी अटा पड़ा है। भवन में लगा लोहे का दरवाजा भी टूट गया है। वहीं प्रांगण में लगाए गए पौधे सूख रहे हैं। हालांकि बांध पर दो कर्मचारी तैनात है, लेकिन वे यहां कभी कभार ही नजर आते हैं।
बंदरों ने बिगाड़ा सौंदर्य
जेतपुरा बांध पर पांच लाख खर्च कर सौंदर्यकरण के लिए विभिन्न प्रकार की लाइटें लगाई गई थीं, जिन्हें बंदरों ने तोड़ दी। वहीं कई लाइटें गायब हैं। बताया जा रहा है कि समाजकंटक इन लाइटों को बल्ब सहित चुराकर ले गए।
जल संसाधन विभाग का भवन देखरेख के अभव में जर्जर हो रहा है। विभाग को इसे अन्य उपयोग में लेना चाहिए। भवन में पसरी गंदगी को हटवाने के लिए कर्मचारियों को अवगत कराया जाएगा।
- बलवन्त पुरोहित, सरंपच धामसीन
बांध में पानी की आवक नहीं होने के कारण कार्यालय को उपयोग में नहीं लिया गया।
- गुलाबसिंह, कनिष्ठ अभियंता, जल संसाधन विभाग, जेतपुरा
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